- इस साल यह यात्रा 28 जून यानी आषाढ़ चतुर्थी के शुभ दिन (2021) से शुरू होगी।
- यात्रा का समापन 22 अगस्त (श्रावण मास की पूर्णिमा, यानी रक्षा बंधन के दिन को होगा।
- इस बार कोरोना के कारण कुछ ज्यादा ही सख्ती हो सकती है।
- पैदल मार्ग में बैटरी कार शुरू करने पर भी हो रहा है विचार।
इस साल यानी सन 2021 के लिए श्री अमरनाथ जी की पवित्र यात्रा शुरू होने की तारीख का एलान हो चुका है। श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के चेयरमैन व माननीय उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने 14 मार्च को राजभवन में बोर्ड के सदस्यों के साथ हुई बैठक के दौरान इस यात्रा की तारीख का एलान किया है।
इस साल ये यात्रा 28 जून से शुरू होकर अगस्त की 22 तारीख तक यानी श्रावण मास की पूर्णिमा तक चलेगी।
श्राइन बोर्ड के चेयरमैन व उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के साथ हुई इस बैठक में यात्रा से जुड़े हर प्रकार के बुनियादी ढांचे को तैयार करने के बारे में जानकारियां साझा की गई है।
फिलहाल यहां ये बात भी जान लेना जरूरी है कि देशभर के कई राज्यों में इस वक्त कोरोना फिर से अपनी दस्तक दे रहा है। ऐसे में, हो सकता है कि इस समस्या के कारण यात्रा में इस बार भी कुछ न कुछ फेरबदल किया जा सकता है। लेकिन इतना तो तय है कि ये यात्रा इस साल रद्द होने वाली नहीं है। लेकिन, यात्रा रद्द करने की बजाय प्रशास इस बार कोरोना के नियमों को कुछ ज्यादा ही कड़ाई से लागू कर सकता है।
इसके अलावा इस बात पर भी विचार हो रहा है कि बालटाल वाले यात्रा मार्ग के कुछ हिस्से पर बैटरी कार शुरू की जा सके। हालांकि बैटरी कार की ये सुविधा कौन से यात्रियों के लिए होगी अभी तय नहीं हुआ है। इन सब के अलावा यहां आने वाले उन तमाम यात्रियों को अधिक से अधिक सहूलियतें कैसे मिल सकें इस पर भी विचार चल रहा है।
बैठक में ये भी तय किया गया कि भक्तों के स्वास्थ्य और सुरक्षा पर सबसे अधिक ध्यान केंद्रित किया जाएगा। क्योंकि पिछले साल जिस कोरोना महामारी के कारण यात्रा को रद्द करना पड़ा था वह महामारी इस बार फिर से जोर पकड़ती दिख रही है। जबकि सुरक्षा की बात करें तो वर्ष 2019 में धारा 370 को हटाने के कारण यात्रा को बीच में ही रोकना पड़ा था।
यहां हम यात्रा से जुड़े पिछले कुछ वर्षों के आंकड़े दे रहे हैं जिसके आधार पर कह जा सकता है कि इस यात्रा के लिए श्रद्धालुओं में कितनी उत्सुकता रहती है –
वर्ष — श्रद्धालुओं की संख्या — यात्रा अवधि
2011 — 6 लाख 36 हजार — 45 दिन
2012 — 6 लाख 20 हजार — 39 दिन
2013 — 3 लाख 53 हजार — 55 दिन
2014 — 3 लाख 72 हजार — 44 दिन
2015 — 3 लाख 52 हजार — 59 दिन
2016 — 2 लाख 20 हजार — 48 दिन
2017 — 2 लाख 60 हजार – 40 दिन
2018 — 2 लाख 85 हजार — 60 दिन
2019 — 3 लाख 42 हजार — 31 दिन
2020 — कानून व्यवस्था के चलते यात्रा अधूरी ही रही
2020 — कोरोना महामारी के कारण रद्द किया गया था
यानी पिछले दो सालों से बाबा अमरनाथ जी की के दर्शनों की आस लिए बैठे उन तमाम शिव भक्तों को इस बार पूरी उम्मीद है कि चाहे सुरक्षा व्यवस्था हो या फिर कोई महामारी अब उनका रास्ता नहीं रोक सकते। उम्मीद है कि इस बार की यात्रा में पिछले कई वर्षों का रिकाॅर्ड भी टूटने वाला है।