Skip to content
26 August 2025
  • Facebook
  • Twitter
  • Youtube
  • Instagram

DHARMWANI.COM

Religion, History & Social Concern in Hindi

Categories

  • Uncategorized
  • अध्यात्म
  • अपराध
  • अवसरवाद
  • आधुनिक इतिहास
  • इतिहास
  • ऐतिहासिक नगर
  • कला-संस्कृति
  • कृषि जगत
  • टेक्नोलॉजी
  • टेलीविज़न
  • तीर्थ यात्रा
  • देश
  • धर्म
  • धर्मस्थल
  • नारी जगत
  • पर्यटन
  • पर्यावरण
  • प्रिंट मीडिया
  • फिल्म जगत
  • भाषा-साहित्य
  • भ्रष्टाचार
  • मन की बात
  • मीडिया
  • राजनीति
  • राजनीतिक दल
  • राजनीतिक व्यक्तित्व
  • लाइफस्टाइल
  • वंशवाद
  • विज्ञान-तकनीकी
  • विदेश
  • विदेश
  • विशेष
  • विश्व-इतिहास
  • शिक्षा-जगत
  • श्रद्धा-भक्ति
  • षड़यंत्र
  • समाचार
  • सम्प्रदायवाद
  • सोशल मीडिया
  • स्वास्थ्य
  • हमारे प्रहरी
  • हिन्दू राष्ट्र
Primary Menu
  • समाचार
    • देश
    • विदेश
  • राजनीति
    • राजनीतिक दल
    • नेताजी
    • अवसरवाद
    • वंशवाद
    • सम्प्रदायवाद
  • विविध
    • कला-संस्कृति
    • भाषा-साहित्य
    • पर्यटन
    • कृषि जगत
    • टेक्नोलॉजी
    • नारी जगत
    • पर्यावरण
    • मन की बात
    • लाइफस्टाइल
    • शिक्षा-जगत
    • स्वास्थ्य
  • इतिहास
    • विश्व-इतिहास
    • प्राचीन नगर
    • ऐतिहासिक व्यक्तित्व
  • मीडिया
    • सोशल मीडिया
    • टेलीविज़न
    • प्रिंट मीडिया
    • फिल्म जगत
  • धर्म
    • अध्यात्म
    • तीर्थ यात्रा
    • धर्मस्थल
    • श्रद्धा-भक्ति
  • विशेष
  • लेख भेजें
  • dharmwani.com
    • About us
    • Disclamar
    • Terms & Conditions
    • Contact us
Live
  • विशेष
  • षड़यंत्र

विपक्ष खत्म और तीसरा पक्ष लाचार क्यों

admin 25 June 2022
Think about
Spread the love

DR-SWAPNIL-YADAV_SHAJAPUR_WRITER

डॉ. स्वप्निल यादव || आजादी मिलने के साथ ही साथ कांग्रेस का लालच भारत की सत्ता को पाने के लिए हमेशा से रहा। आजादी के बाद जैसा कि गांधी ने कहा था कि अब काग्रेस की जरूरत नहीं, इसे बंद कर देना चाहिए और इसके चलते नेहरू, पटेल और मौलाना आजाद ने उनसे दूरी बना ली। उससे एक कदम आगे बढ़ते हुए जयप्रकाश, लोहिया और आचार्य नरेंद्र देव ने सड़क पर और संसद में कांग्रेस और नेहरू दोनों को चुनौती दी और विपक्ष क्या होता है इसकी मिसाल प्रस्तुत की।

आगामी चुनावों में देश ने देखा उत्तर भारत के युवाओं ने आगे बढ़ चढ़कर कांग्रेस की मुखालफत शुरू की और एक नए सपनों के साथ भारत की तस्वीर देखी और पूरे देश की जनता को दिखाई। उस राजनीतिक युद्ध में तमाम ऐसे चेहरे बाहर निकल कर आए जो हमेशा सत्ता को चुनौती देते रहे और किसानों , मजदूरों के हक की बात करते रहे, लेकिन जब इन ताकतों को सत्ता मिली तो वह भी पुरानी सत्ता की तरह ही संवेदनहीन होते दिखाई दिए। इसका एक मुख्य कारण इन लोगों का कम्युनिस्टों से संबंध होना ही रहा। लोहिया ने इस देश को कम्युनिस्टों के घिनौने चेहरे से हमेशा सचेत किया उन्होंने कहा कि कम्युनिस्टों की अंदरूनी जांच करके पता लगाया जाए कि जब उन्होंने भारत विभाजन का समर्थन किया तो उनके मन में क्या था।

राजस्थान के पास है पानी बचाने की वैज्ञानिक परंपरा

संभवतः भारतीय कम्युनिस्टों ने विभाजन का समर्थन इस आशा से किया था कि नवजात राज्य पाकिस्तान पर उनका प्रभाव रहेगा, भारतीय मुसलमानों में असर रहेगा और हिंदू मन की दुर्बलता के कारण उनसे निपटने का कोई भारी खतरा भी ना रहेगा । लोहिया हमेशा एक कट्टर विपक्ष की तरह संसद में घुसकर कांग्रेस को चुनौती देते नजर आए।वह समाजवाद के खेमे के उन ढुलमुल नेताओं की तरह नहीं थे जो सत्ता या सहारा लेने के लिए बार-बार कांग्रेस का दामन थाम लेते हैं, वो कहते थे कि एक सच्चे समाजवादी को कांग्रेस और कम्युनिस्टों से हमेशा दूर रहना चाहिए। लेकिन जिन लोगों ने उनका नाम लेकर सत्ताएं हासिल की आज वह भी भ्रष्टाचार के गलियारों से खुद को, अपनी पार्टी को और अपने परिवारों को दूर ना रख पाए।

नेतृत्व के नाम पर देश को नए नेतृत्व देने की बजाय उन्हें हमेशा अपने ही पुत्र तक सीमित रखने की भरपूर कोशिश की। पिछले दशकों तक जहां हम लोहिया और जयप्रकाश के पद चिन्हों पर चलने वाले नेताओं की लंबी कतार देखते थे आज वह विरासत नई युवा पीढ़ी में जाने की बजाय केवल उन नेताओं के परिवार और पुत्रों तक ही सीमित रह गई जो कि देश के लिए एक बहुत खतरनाक विषय है। समाजवादी पार्टी मुलायम सिंह के परिवार और उत्तर प्रदेश तक सीमित होकर रह गयी , यही हाल लालू प्रसाद यादव की जनता दल का बिहार में और शिव सेना का महाराष्ट्र में है। इस देश को लोहिया का समाजवाद ही बचा सकता है लेकिन कब वह समाजवाद धीरे-धीरे का मुलायम सिंह और अखिलेश यादव के परिवार का सपावाद बनकर रह गया, उत्तर प्रदेश यह समझ ही नहीं पाया। यही बजह रही कि यह दल न तो सोच में पूरे देश को ले पाए और न ही पूरे देश में फैल पाए, अब तो अपने राज्यों में ही अस्तित्व तलाश रहे हैं।

World Yoga Day: योग को धर्म और राजनीति के चश्मे से न देखें

लोहिया के व्यक्तित्व को अगर हम बहुत गहराई से देखें तो पाएंगे कि लोहिया कभी रिक्शे पर नहीं बैठे और उनका मत था कि जब भी किसी को कोई चीज देनी हो तो अपनी सबसे प्रिय वस्तु देनी चाहिए। हंसी ठिठोली का अंदाज भी अद्भुत था, एक बार किसी ने कहा कि आप नास्तिक हैं आप भगवान का नाम ले लिया करिए बुढ़ापे में बहुत दिक्कत होगी तो वह कहते – तुम्हारा भगवान मुझे बुढ़ापे की कमजोरी में सताएगा, अभी जवान हूं कभी आए। लेकिन उसके बावजूद लोहिया ने अपने लेखों में राम, सीता, द्रौपदी, कृष्ण, शिव को लेकर बहुत विस्तार से चर्चा की और इन सबको भारत को एक सूत्र में पिरोने का आधार माना और यह भी माना कि भारतीय राजनीति पर राम, कृष्ण और शिव का ही पूरा असर है। और इन लोगों ने हमेशा उन ताकतों का साथ दिया जो भारत को जोड़ने के बजाए तोड़ने में लगी रहीं। हमेशा आस्था पर ही सवाल उठाए और वह भी केवल वोट बैंक के लिए। अपने समाजवादी साथियों से लोहिया हमेशा कहते हैं कि अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाओ, लेकिन यह बात उनके पदचिन्हों पर चलने वाले नेताओं को समझ में नहीं आई, वह अपने बच्चों की शिक्षा,अपना इलाज सरकारी स्कूलों और अस्पतालों में कराने की बजाय महंगे, यहां तक कि विदेशी अस्पतालों में ढूंढने लगे ।

लोहिया कहते थे कि हर भारतीय चाहे वह हिंदू हो या मुसलमान उसे समझना होगा कि गजनी, गौरी, बाबर हमलावर थे और रजिया, शेरशाह और जायसी उनके पुरखे। दिल्ली के एक रेस्टोरेंट में लोहिया ने ही मकबूल फिदा हुसैन से कहा था यह जो तुम बिरला टाटा के ड्राइंग रूम में लटकने वाली तस्वीरों से घिरे हो,उससे बाहर निकलो रामायण को पेंट करो, लेकिन यह बात समझने और समझाने की बजाय परिवारवादी राजनीतिक दलों ने इस देश में हमेशा मुसलमानों को वोट बैंक की तरह प्रयोग किया।देश के हिन्दू और मुसलमान दोनों को यह सोचना होगा कि जो दल पूरे देश को नही सोच सकते, केवल अपने परिवार की ही सोच रहे हों वो देश की अखण्डता के लिये कितने ज्यादा खतरनाक होंगे।

– डॉ. स्वप्निल यादव – शाहजहांपुर के डॉ. स्वप्निल यादव आधृत प्रकाशन, भोपाल के द्वारा साहित्य सम्मान से सम्मानित है।

About The Author

admin

See author's posts

799

Like this:

Like Loading...

Related

Continue Reading

Previous: World Yoga Day: योग को धर्म और राजनीति के चश्मे से न देखें
Next: राजस्थान के पास है पानी बचाने की वैज्ञानिक परंपरा

Related Stories

marigold Vedic mythological evidence and importance in Hindi 4
  • कृषि जगत
  • पर्यावरण
  • विशेष
  • स्वास्थ्य

Marigold | गेंदे का वैदिक और पौराणिक साक्ष्य एवं महत्त्व

admin 20 August 2025
brinjal farming and facts in hindi
  • कृषि जगत
  • विशेष
  • स्वास्थ्य

Brinjal Facts: बैंगन का प्राचीन इतिहास और हिन्दू धर्म में महत्त्व

admin 17 August 2025
Queen Sanyogita's mother name & King Prithviraj Chauhan
  • इतिहास
  • भाषा-साहित्य
  • विशेष

भविष्य पुराण में दर्ज है रानी संयोगिता की माता का वास्तविक नाम

admin 11 August 2025

Trending News

Marigold | गेंदे का वैदिक और पौराणिक साक्ष्य एवं महत्त्व marigold Vedic mythological evidence and importance in Hindi 4 1
  • कृषि जगत
  • पर्यावरण
  • विशेष
  • स्वास्थ्य

Marigold | गेंदे का वैदिक और पौराणिक साक्ष्य एवं महत्त्व

20 August 2025
Brinjal Facts: बैंगन का प्राचीन इतिहास और हिन्दू धर्म में महत्त्व brinjal farming and facts in hindi 2
  • कृषि जगत
  • विशेष
  • स्वास्थ्य

Brinjal Facts: बैंगन का प्राचीन इतिहास और हिन्दू धर्म में महत्त्व

17 August 2025
भविष्य पुराण में दर्ज है रानी संयोगिता की माता का वास्तविक नाम Queen Sanyogita's mother name & King Prithviraj Chauhan 3
  • इतिहास
  • भाषा-साहित्य
  • विशेष

भविष्य पुराण में दर्ज है रानी संयोगिता की माता का वास्तविक नाम

11 August 2025
पश्चिमी षडयंत्र और हिन्दू समाज की महिलायें Khushi Mukherjee Social Media star 4
  • कला-संस्कृति
  • मीडिया
  • विशेष
  • सोशल मीडिया

पश्चिमी षडयंत्र और हिन्दू समाज की महिलायें

11 August 2025
दिल्ली में भाजपा सहयोग मंच के पदाधिकारियों ने संस्थापक व अध्यक्ष का जताया आभार BJP Mandal Ar 5
  • राजनीतिक दल
  • विशेष

दिल्ली में भाजपा सहयोग मंच के पदाधिकारियों ने संस्थापक व अध्यक्ष का जताया आभार

2 August 2025

Total Visitor

081189
Total views : 147918

Recent Posts

  • Marigold | गेंदे का वैदिक और पौराणिक साक्ष्य एवं महत्त्व
  • Brinjal Facts: बैंगन का प्राचीन इतिहास और हिन्दू धर्म में महत्त्व
  • भविष्य पुराण में दर्ज है रानी संयोगिता की माता का वास्तविक नाम
  • पश्चिमी षडयंत्र और हिन्दू समाज की महिलायें
  • दिल्ली में भाजपा सहयोग मंच के पदाधिकारियों ने संस्थापक व अध्यक्ष का जताया आभार

  • Facebook
  • Twitter
  • Youtube
  • Instagram

Copyright ©  2019 dharmwani. All rights reserved 

%d