भारतीय जनता पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्म दिन ‘सेवा और समर्पण अभियान’ के रूप में मना रही है। यह कार्यक्रम 17 सितंबर से प्रारंभ है और 7 अक्टूबर तक चलेगा। चूंकि, 17 सिंतबर को उनका जन्मदिन पड़ता है और 7 अक्टूबर को उन्हें सत्ता में रहते हुए बीस वर्ष पूर्ण हो जायेंगे इसीलिए इस अभियान को भाजपा इस वर्ष 17 सितंबर से 7 अक्टूबर तक मना रही है।
हालांकि, पार्टी प्रति वर्ष प्रधानमंत्री का जन्मदिन सेवा दिवस के रूप में मनाती रही है। प्रधानमंत्री जी के बीस वर्षों के लंबे कार्यकाल की बात की जाये तो वास्तव में इतने दिनों तक सत्ता में रहने के बावजूद वे संत के रूप में ही आज भी नजर आते हैं। इतने लंबे समय तक शासन में मुख्य भूमिका में रहते हुए प्रधानमंत्री ने राष्ट्र एवं समाज के प्रति सेवा और समर्पण की एक नायाब मिसाल पेश की है।
राजधानी दिल्ली में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता के नेतृत्व में ‘सेवा और समर्पण अभियान’ बहुत ही बेहतरीन तरीके से चल रहा है। इस अभियान के अंतर्गत विभिन्न तरह के सेवा कार्य किये जा रहे हैं। केन्द्रीय कार्यालय में इस अभियान के तहत ब्लड डोनेशन कैंप भी लगाया गया। प्रधानमंत्री के 20 वर्षों के लंबे सेवा कार्यों पर नजर डाली जाये तो स्पष्ट रूप से देखने में आता है कि उन्होंने आज तक जो कुछ भी किया है, राष्ट्र एवं समाज के प्रति सेवा भाव से समर्पित होकर किया है।
आज प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में ‘सेवा ही संगठन है,’ पार्टी का मूल मंत्र बन चुका है। वास्तव में देखा जाये तो ‘सेवा ही संगठन’ के भाव से ही यह स्पष्ट हो जाता है कि राष्ट्र एवं समाज के प्रति उनकी क्या सोच है? निःसंदेश आज मोदी जी का एक मात्र लक्ष्य यही है कि किसी भी तरह भारत विश्व गुरु बने और पूरे विश्व में भारत की साख बढ़े। इस बात में कोई दो राय नहीं है कि पूरी दुनिया में भारत की साख लगातार बढ़ती जा रही है। प्रधानमंत्री को पूरे विश्व में बेहद सक्षम एवं लोकप्रिय नेता के रूप में माना जा रहा है।
गुजरात का मुख्यमंत्री बनने से पहले श्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी में विभिन्न पदों पर वर्षों तक रहकर पूरे देश में व्यापक रूप से कार्य किया है और उसके पहले दशकों तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में रहकर उन्होंने अच्छी तरह जान एवं समझ लिया था कि देश को कैसे विकास के रास्ते पर ले जाया जा सकता है?
कहने का आशय यह है कि सरकार में आने के पहले राष्ट्र सेवा एवं विकास के मामले में उनका नजरिया बिल्कुल स्पष्ट था। आज उसकी झलक आये दिन देखने एवं सुनने को मिलती रहती है।
मोदी जी के सत्ता में आने से पहले भारतीय राजनीति जातिवाद, परिवारवाद और तुष्टीकरण के जाल में उलझी हुई थी। प्रधानमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि विकास के अवसर सभी को समान रूप से मिलेंगे और सभी का विकास समान रूप से होगा किन्तु तुष्टीकरण किसी का नहीं होगा। स्वतंत्रता दिवस को लाल किले की प्राचीर से उन्होंने कहा भी कि ‘सबका साथ-सबका विकास सबका-विश्वास सबका-प्रयास’ ही हमारा लक्ष्य है। इन शब्दों का यदि विश्लेषण किया जाये तो सारी बातें इसी से स्पष्ट हो जाती हैं।
प्रधानमंत्री का साफ कहना है कि किसी भी कार्य में सबका साथ हो और उस कार्य से सबका विकास हो तथा उस कार्य को सबका विश्वास हासिल हो। इन सबके अतिरिक्त प्रधानमंत्री ने अब इसमें एक शब्द और जोड़ दिया कि किसी कार्य को सफल बनाने में सबका प्रयास भी हो।
जातिविहीन समाज की स्थापना के लिए नहीं होना चाहिए नाम के आगे ‘सरनेम’
खुले में शौच से मुक्ति, स्वच्छ भारत अभियान, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, जल संरक्षण, नमामि गंगे, उज्जवला योजना, जन-धन योजना आदि कार्यों को देखा जाये तो यही स्पष्ट होता है कि ये सभी योजनाएं सभी के लिए हैं और इसका लाभ कोई भी उठा सकता है। इन कार्यों में किसी के प्रति किसी भी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं है।
अनुच्छेद 370 और धारा 35ए को समाप्त कर प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर को राष्ट्र की मुख्य धारा से जोड़ने का कार्य किया है। इससे राष्ट्र ‘एक देश, एक संविधान’ के रूप में और अधिक सुदृढ़ हुआ है।
आतंकवाद को लेकर जहां पूर्ववर्ती सरकारें कोई ठोस निर्णय नहीं ले पाती थीं, वहीं मोदी जी ने ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ और ‘एयर स्ट्राइक’ के माध्यम से पूरी दुनिया को यह संदेश देने का कार्य किया कि भारत आतंकवाद के मामले में ‘जीरो टाॅलरेंस’ की नीति पर ही अडिग रहेगा।
कोरोनाकाल में प्रधानमंत्री जी ने देशवासियों से जो भी अपील की उसका लोगों ने पालन किया। प्रधानमंत्री पर लोगों का यह विश्वास यह साबित करने के लिए पर्याप्त है कि आखिर लोग उन्हें किस रूप में देखते हैं और कितना चाहते हैं? ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर कानून बनाकर प्रधानमंत्री जी ने मुस्लिम बहनों को सम्मान से जीवन जीने का मार्ग प्रशस्त किया और उनके अधिकारों की कानूनी रूप से रक्षा की।
असाधारण प्रतिभा के धनी, कुशल वक्ता, करिश्माई व्यक्तित्व, ईमानदार छवि, त्वरित निर्णय क्षमता, स्पष्ट दूरदृष्टि, अनुशासित जीवन, धैर्यशीलता, नेतृत्व कुशलता, विनम्रता और देश के लिए कुछ भी करने की दृढ़ इच्छा उन्हें अनेक नेताओं के मुकाबले काफी महान बना देती है। कोरोना की रोकथाम के लिए अपने देश में ही वैक्सीन का निर्माण कर लोगों को मुफ्त वैक्सीन लगाने के कार्य ने पूरी दुनिया में उनका कद बहुत ऊंचा कर दिया है।
आज देश में अधिकांश लोगों को कोरोना रोधी टीका लग चुका है। 55 करोड़ लोगों को आयुष्मान योजना के तहत पांच लाख रुपये सालाना मुफ्त स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ मिल रहा है। देश के 12 करोड़ किसानों को प्रति वर्ष 6 हजार रुपये सहायता राशि के रूप में मिल रही है। कोरोनाकाल में लगातार दूसरे वर्ष 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज प्रधानमंत्री द्वारा मुहैया कराया जा रहा है।
इस प्रकार यदि देखा जाये तो प्रधानमंत्री जी का जीवन गांव, गरीब, किसान, दलित, पीड़ित, शोषित, वंचित, युवा एवं महिलाओं के कल्याण के लिए पूर्ण रूप से समर्पित है और बिना किसी लाग-लपेट के यह कहा जा सकता है कि वे पूरी दुनिया एवं भारत के लिए सेवा और समर्पण की नायाब मिसाल हैं।
– हिमानी जैन, मंत्री- भारतीय जनता पार्टी, दरियागंज मंडल, दिल्ली प्रदेश