Skip to content
14 June 2025
  • Facebook
  • Twitter
  • Youtube
  • Instagram

DHARMWANI.COM

Religion, History & Social Concern in Hindi

Categories

  • Uncategorized
  • अध्यात्म
  • अपराध
  • अवसरवाद
  • आधुनिक इतिहास
  • इतिहास
  • ऐतिहासिक नगर
  • कला-संस्कृति
  • कृषि जगत
  • टेक्नोलॉजी
  • टेलीविज़न
  • तीर्थ यात्रा
  • देश
  • धर्म
  • धर्मस्थल
  • नारी जगत
  • पर्यटन
  • पर्यावरण
  • प्रिंट मीडिया
  • फिल्म जगत
  • भाषा-साहित्य
  • भ्रष्टाचार
  • मन की बात
  • मीडिया
  • राजनीति
  • राजनीतिक दल
  • राजनीतिक व्यक्तित्व
  • लाइफस्टाइल
  • वंशवाद
  • विज्ञान-तकनीकी
  • विदेश
  • विदेश
  • विशेष
  • विश्व-इतिहास
  • शिक्षा-जगत
  • श्रद्धा-भक्ति
  • षड़यंत्र
  • समाचार
  • सम्प्रदायवाद
  • सोशल मीडिया
  • स्वास्थ्य
  • हमारे प्रहरी
  • हिन्दू राष्ट्र
Primary Menu
  • समाचार
    • देश
    • विदेश
  • राजनीति
    • राजनीतिक दल
    • नेताजी
    • अवसरवाद
    • वंशवाद
    • सम्प्रदायवाद
  • विविध
    • कला-संस्कृति
    • भाषा-साहित्य
    • पर्यटन
    • कृषि जगत
    • टेक्नोलॉजी
    • नारी जगत
    • पर्यावरण
    • मन की बात
    • लाइफस्टाइल
    • शिक्षा-जगत
    • स्वास्थ्य
  • इतिहास
    • विश्व-इतिहास
    • प्राचीन नगर
    • ऐतिहासिक व्यक्तित्व
  • मीडिया
    • सोशल मीडिया
    • टेलीविज़न
    • प्रिंट मीडिया
    • फिल्म जगत
  • धर्म
    • अध्यात्म
    • तीर्थ यात्रा
    • धर्मस्थल
    • श्रद्धा-भक्ति
  • विशेष
  • लेख भेजें
  • dharmwani.com
    • About us
    • Disclamar
    • Terms & Conditions
    • Contact us
Live
  • Uncategorized

आखिर क्या है सोने का अण्डा और क्या है हिरण्यगर्भ? | What is gold egg?

admin 26 February 2021
Spread the love

हिरण्यगर्भ, एक ऐसा शब्द है जो सनातन धर्म और भारतीय विचारधारा में सृष्टि का आरंभिक स्रोत माना जाता है। इस शब्द का सर्वप्रथम उल्लेख ऋग्वेद में हुआ है। हिरण्यगर्भ का शाब्दिक अर्थ – प्रदीप्त गर्भ या अंडा अथवा उत्पत्ति-स्थान माना गया है। सामान्यतः हिरण्यगर्भ शब्द का प्रयोग जीवात्मा के लिए हुआ है जिसे ब्रह्मा जी भी कहा गया है।

इस शब्द को यदि सरल भाषा में समझे तो पता चलता है कि हिरण्यगर्भ यानी सोने के अंडे के भीतर रहने वाला। तो फिर सोने का अंडा क्या है और सोने के अंडे के भीतर रहने वाला कौन है?

ऋग्वेद के अनुसार- पूर्ण रूप से शुद्ध ज्ञान की शांतावस्था ही हिरण्य है, यानी सोने का अंडा है, और उसके अंदर निवास करने वाला चैतन्य ज्ञान ही उसका गर्भ है जिसे हिरण्यगर्भ कहते हैं।

स्वर्ण आभा को पूर्ण और शुद्ध ज्ञान का प्रतीक माना गया है जो शान्ति और आनन्द देता है, ठीक उसी तरह जैसे प्रातः कालीन सूर्य की अरुणिमा, सूर्य के उगने या जन्म का संकेत है।

ऋग्वेद के अनुसार ब्रह्म की चार अवस्थाएँ मानी जाती हैं जिसमे सबसे पहली अवस्था अव्यक्त है, यानी जिसे कहा नहीं जा सकता, बताया नहीं जा सकता। दूसरी प्राज्ञ है जिसे पूर्ण विशुद्ध ज्ञान की शांतावस्था कहा जाता है और इसे ही हिरण्य कह सकते हैं। क्षीर सागर में नाग शय्या पर लेटे श्री हरि विष्णु का चित्रण इसी के आधार पर किया गया है।

शैवों ने इसे ही शिव कहा है, और मनुष्य की सुषुप्ति भी इसका प्रतिरूप मानी जा सकती है। सुषुप्ति की अवस्था में ही ऐसे विचार उठते हैं जिन्हें दार्शनिक या वैज्ञानिक स्तर का कहा जा सके। भौतिक विज्ञानियों या वैज्ञानिकों को इसी सुषुप्ति की अवस्था में आविष्कारों की सूझती है।

तीसरी अवस्था तैजस है जो हिरण्य में जन्म लेता है इसे हिरण्यगर्भ कहा है। यहाँ ब्रह्म ईश्वर कहलाता है। इसे ही ब्रह्मा जी कहा है। मनुष्य की स्वप्नावाथा इसका प्रतिरूप है। यही मनुष्य में जीवात्मा है। यह जगत के आरम्भ में जन्म लेता है और जगत के अन्त के साथ लुप्त हो जाता है। ब्रह्म की चैथी अवस्था वैश्वानर है। सम्पूर्ण सृष्टि का निर्माण विस्तार ब्रह्म का वैश्वानर स्वरूप है। मनुष्य की जाग्रत अवस्था इसका प्रतिरूप कहा गया है।

ऋग्वेद में यह बात भी स्पष्ट रूप से कही गई है कि, इससे यह न समझें कि ब्रह्म या ईश्वर चार प्रकार का होता है। क्योंकि यहां ब्रह्म तो एक ही है लेकिन, उसकी चार अलग-अलग अवस्थाओं को बताया गया है। ब्रह्म के वही छायारूप या प्रतिरूप जैसे- जाग्रत, स्वप्न, सुसुप्ति और स्वरूप की स्थितियां मनुष्य की चार अवास्थों में भी मिलती है।

वेदान्त और दर्शन शास्त्र के ग्रंथों में हिरण्यगर्भ शब्द का प्रयोग कई बार हुआ है। इसके अलावा भी अनेक भारतीय परम्पराओं में इस शब्द का अर्थ अलग प्रकार से लगाया जाता है।

  • अमृति देवी

About The Author

admin

See author's posts

2,438

Related

Continue Reading

Previous: भीषण गर्मी में बाहर निकलने से पहले ध्यान रखें जरूरी उपाय | Hot summer days tips
Next: यूपी में कल्चर फंड से संस्कृति को बढ़ावा | Culture Fund boosts culture in UP

Related Stories

Snakes research from Puranas
  • Uncategorized

Research on lifestyle of Snakes from Hindu Puranas

admin 22 March 2025
Mahakal Corridor Ujjain
  • Uncategorized

उज्जैन के रुद्र सरोवर का धार्मिक महत्त्व और आधुनिक दुर्दशा

admin 20 March 2025
Teasing to Girl
  • Uncategorized
  • विशेष

दुष्कर्मों का परिणाम और प्रायश्चित

admin 22 November 2024

Trending News

वैश्विक स्तर पर आपातकाल जैसे हालातों का आभास Natural Calamities 1

वैश्विक स्तर पर आपातकाल जैसे हालातों का आभास

28 May 2025
मुर्गा लड़ाई यानी टीवी डिबेट को कौन देखता है? 2

मुर्गा लड़ाई यानी टीवी डिबेट को कौन देखता है?

27 May 2025
आसान है इस षडयंत्र को समझना Teasing to Girl 3

आसान है इस षडयंत्र को समझना

27 May 2025
नार्वे वर्ल्ड गोल्ड मेडल जीत कर दिल्ली आने पर तनिष्क गर्ग का भव्य स्वागत समारोह Nave Word Medal 4

नार्वे वर्ल्ड गोल्ड मेडल जीत कर दिल्ली आने पर तनिष्क गर्ग का भव्य स्वागत समारोह

26 May 2025
युद्धो और युद्धाभ्यासों से पर्यावरण को कितना खतरा है? war-and-environment-in-hindi 5

युद्धो और युद्धाभ्यासों से पर्यावरण को कितना खतरा है?

23 May 2025

Total Visitor

078008
Total views : 142090

Recent Posts

  • वैश्विक स्तर पर आपातकाल जैसे हालातों का आभास
  • मुर्गा लड़ाई यानी टीवी डिबेट को कौन देखता है?
  • आसान है इस षडयंत्र को समझना
  • नार्वे वर्ल्ड गोल्ड मेडल जीत कर दिल्ली आने पर तनिष्क गर्ग का भव्य स्वागत समारोह
  • युद्धो और युद्धाभ्यासों से पर्यावरण को कितना खतरा है?

  • Facebook
  • Twitter
  • Youtube
  • Instagram

Copyright ©  2019 dharmwani. All rights reserved