Skip to content
16 May 2025
  • Facebook
  • Twitter
  • Youtube
  • Instagram

DHARMWANI.COM

Religion, History & Social Concern in Hindi

Categories

  • Uncategorized
  • अध्यात्म
  • अपराध
  • अवसरवाद
  • आधुनिक इतिहास
  • इतिहास
  • ऐतिहासिक नगर
  • कला-संस्कृति
  • कृषि जगत
  • टेक्नोलॉजी
  • टेलीविज़न
  • तीर्थ यात्रा
  • देश
  • धर्म
  • धर्मस्थल
  • नारी जगत
  • पर्यटन
  • पर्यावरण
  • प्रिंट मीडिया
  • फिल्म जगत
  • भाषा-साहित्य
  • भ्रष्टाचार
  • मन की बात
  • मीडिया
  • राजनीति
  • राजनीतिक दल
  • राजनीतिक व्यक्तित्व
  • लाइफस्टाइल
  • वंशवाद
  • विज्ञान-तकनीकी
  • विदेश
  • विदेश
  • विशेष
  • विश्व-इतिहास
  • शिक्षा-जगत
  • श्रद्धा-भक्ति
  • षड़यंत्र
  • समाचार
  • सम्प्रदायवाद
  • सोशल मीडिया
  • स्वास्थ्य
  • हमारे प्रहरी
  • हिन्दू राष्ट्र
Primary Menu
  • समाचार
    • देश
    • विदेश
  • राजनीति
    • राजनीतिक दल
    • नेताजी
    • अवसरवाद
    • वंशवाद
    • सम्प्रदायवाद
  • विविध
    • कला-संस्कृति
    • भाषा-साहित्य
    • पर्यटन
    • कृषि जगत
    • टेक्नोलॉजी
    • नारी जगत
    • पर्यावरण
    • मन की बात
    • लाइफस्टाइल
    • शिक्षा-जगत
    • स्वास्थ्य
  • इतिहास
    • विश्व-इतिहास
    • प्राचीन नगर
    • ऐतिहासिक व्यक्तित्व
  • मीडिया
    • सोशल मीडिया
    • टेलीविज़न
    • प्रिंट मीडिया
    • फिल्म जगत
  • धर्म
    • अध्यात्म
    • तीर्थ यात्रा
    • धर्मस्थल
    • श्रद्धा-भक्ति
  • विशेष
  • लेख भेजें
  • dharmwani.com
    • About us
    • Disclamar
    • Terms & Conditions
    • Contact us
Live
  • हिन्दू राष्ट्र

एक योद्धा जो शिवाजी का सपना पूर्ण करने वाला ही था कि…

admin 20 January 2023
Baaji Rao Pashwa_2
Spread the love

छत्रपति शिवाजी महाराज का हिन्दवी स्वराज का सपना जिसे पूरा कर दिखाया वो था श्रीमन्त पेशवा बाजीराव बल्लाल भट्ट।

दरअसल जब औरंगजेब के किले से वीर शिवाजी आगरा में उसकी कैद से बचकर निकल आये थे तो उन्होंने एक ही सपना देखा था, पूरे मुगल साम्राज्य को कदमों पर झुकाने का और मराठा ताकत का अहसास पूरे हिंदुस्तान को करवाने का।

जिस व्यक्ति ने अपनी आयु के 20वें वर्ष में पेशवाई के सूत्र संभाले हो और 40 वर्ष तक के कार्यकाल में 42 युद्ध लड़े हो और सभी जीते हो यानि जो सदा “अपराजेय” रहा हो, ऐसे परमवीर को आप क्या कहेंगे जिसके एक युद्ध को अमेरिका जैसा राष्ट्र अपने सैनिकों को पाठ्यक्रम के रूप में पढ़ा रहा हो। कई लोग तो उस योद्धा को इस लिए नहीं जान पाए क्योंकि हमारे वामपंथी इतिहासकारों ने आपका उससे परिचय ही नहीं कराया।

18 अगस्त सन् 1700 में जन्मे उस महान पराक्रमी पेशवा का नाम है “श्रीमन्त पेशवा बाजीराव बल्लाल भट्ट”। जिनका इतिहास में कोई विस्तृत उल्लेख हमने नहीं पढ़ा है। हम तो बस संजय ‘लीला’ भंसाली की फिल्म “बाजीराव मस्तानी” को ही जानते हैं। धरती के महानतम योद्धाओं में से एक, अद्वितीय, अपराजेय और अनुपम योद्धा थे बाजीराव बल्लाल।

अटक से कटक तक, कन्याकुमारी से सागरमाथा तक केसरिया लहराने का और हिंदू स्वराज लाने के सपने को पूरा किया ब्राह्मण पेशवाओं ने, खासकर पेशवा ‘बाजीराव प्रथम’ ने।

Baaji Rao Pashwa_1
अगर श्रीमन्त पेशवा बाजीराव बल्लाल भट्ट, लू लगने के कारण कम उम्र में ना चले गए  होते तो…

इतिहास में शुमार अहम घटनाओं में एक यह भी है कि दस दिन की दूरी बाजीराव ने केवल पांच सौ घोड़ों के साथ 48 घंटे में पूरी की, बिना रुके, बिना थके। देश के इतिहास में ये अब तक का सबसे तेज आक्रमण माना गया है।

Hindu Rashtra
श्रीमन्त पेशवा बाजीराव बल्लाल भट्ट के जाने के बाद से हिन्दुओं की यह भूमि लगातार अपवित्र होती गई और सबकुछ ख़त्म होता गया।

बाजीराव का दिल्ली पर हमला भी देश के इतिहास में ये सबसे तेज हमला बाजीराव के द्वारा ही हुआ था। बाजीराव दिल्ली तक चढ़ आए और आज जहां तालकटोरा स्टेडियम है, वहां बाजीराव ने डेरा डाल दिया। उन्नीस-बीस साल के उस युवा ने मुगल ताकत को दिल्ली और उसके आसपास तक समेट दिया था।

तीन दिन तक दिल्ली को बंधक बनाकर रखा। मुगल बादशाह की लाल किले से बाहर निकलने की हिम्मत ही नहीं हुई। यहां तक कि 12वां मुगल बादशाह और औरंगजेब का नाती दिल्ली से बाहर भागने ही वाला था कि उसके गुप्तचरों ने उसे बताया कि जान से मार दिए गए तो सल्तनत खत्म हो जाएगी। जिसके बाद वह लाल किले के अंदर ही किसी गुप्त तहखाने में छिप गया।

हालांकि उस समय श्रीमन्त पेशवा बाजीराव बल्लाल भट्ट मुगलों को अपनी ताकत दिखाकर वापस लौट गए।

हिंदुस्तान के इतिहास के बाजीराव बल्लाल अकेले ऐसे योद्धा थे जिन्होंने अपनी मात्र 40 वर्ष की आयु में 42 बड़े युद्ध लड़े और एक भी नहीं हारे, यानी अपराजेय और अद्वितीय रहे। बाजीराव पहले ऐसे योद्धा थे जिसके समय में 70 से 80% भारतभूमि पर उनका सिक्का चलता था, यानी भारत के 70 से 80% भू भाग पर राज था।

बाजीराव बिजली की गति से तेज आक्रमण शैली की कला में निपुण थे जिसे देखकर दुश्मनों के हौसले पस्त हो जाते थे।बाजीराव हर हिंदू राजाों की मदद के लिए आधी रात को भी सदैव तैयार रहते थे। पूरे देश का बादशाह एक हिंदू हो, ये उनके जीवन का लक्ष्य था।

वाराणसी में एक घाट का नामकरण उन्हीं के नाम पर देखा जा सकता है जो खुद बाजीराव ने सन 1735 में बनवाया था। दिल्ली के बिरला मंदिर में जाएंगे तो उनकी एक मूर्ति देख सकते हैं। गुजरात के कच्छ में जाएंगे तो उनके द्वारा बनवाया गया ‘आइना महल’ पाएंगे, और महाराष्ट्र के पूना में ‘मस्तानी महल’ और ‘शनिवार बाड़ा’ भी पाएंगे।

अगर श्रीमन्त पेशवा बाजीराव बल्लाल भट्ट, लू लगने के कारण कम उम्र में ना चले गए  होते तो, ना तो अहमद शाह अब्दाली या नादिर शाह हावी हो पाते और ना ही अंग्रेज और पुर्तगालियों जैसी पश्चिमी ताकतें भारत पर राज कर पाती।

लेकिन, 28 अप्रैल सन् 1740 को उस पराक्रमी “अपराजेय” योद्धा ने मध्य प्रदेश में सनावद के पास रावेरखेड़ी में प्राणों का त्याग किया और उसके बाद से हिन्दुओं की यह भूमि लगातार अपवित्र होती गई और सबकुछ ख़त्म होता गया।

About The Author

admin

See author's posts

823

Related

Continue Reading

Previous: रेत पर मिली कला और कामयाबी का अनोखा विश्व रिकाॅर्ड
Next: विकास के पत्थर पर अपना नाम लिखवाना ही सनातन का आधार नहीं

Related Stories

ham vah hain jinakee pahachaan gaatr (shareer) se nahin apitu gotr (gorakshaavrat) se hai
  • विशेष
  • हिन्दू राष्ट्र

कोई राजनीतिक दल गाय के पक्ष में नहीं, अब ये स्पष्ट हो गया है 

admin 16 April 2025
MANUSMRITI BOOKS COVER
  • विशेष
  • हिन्दू राष्ट्र

मनुस्मृति: एक संक्षिप्त परिचय

admin 18 February 2025
yah desh kisaka hai?
  • विशेष
  • हिन्दू राष्ट्र

यह देश किसका है?

admin 13 December 2024

Trending News

कन्या के नामकरण को लेकर मनुस्मृति क्या कहती है? What does Manu Smriti say about the names of girls 1

कन्या के नामकरण को लेकर मनुस्मृति क्या कहती है?

9 May 2025
श्रीहरिवंशपुराण में क्या लिखा है? Harivansh Puran 2

श्रीहरिवंशपुराण में क्या लिखा है?

20 April 2025
कोई राजनीतिक दल गाय के पक्ष में नहीं, अब ये स्पष्ट हो गया है  ham vah hain jinakee pahachaan gaatr (shareer) se nahin apitu gotr (gorakshaavrat) se hai 3

कोई राजनीतिक दल गाय के पक्ष में नहीं, अब ये स्पष्ट हो गया है 

16 April 2025
‘MAAsterG’: जानिए क्या है मिशन 800 करोड़? Masterg 4

‘MAAsterG’: जानिए क्या है मिशन 800 करोड़?

13 April 2025
हम वह हैं जिनकी पहचान गात्र (शरीर) से नहीं अपितु गोत्र (गोरक्षाव्रत) से है ham vah hain jinakee pahachaan gaatr (shareer) se nahin apitu gotr (gorakshaavrat) se hai 5

हम वह हैं जिनकी पहचान गात्र (शरीर) से नहीं अपितु गोत्र (गोरक्षाव्रत) से है

30 March 2025

Total Visitor

077493
Total views : 140857

Recent Posts

  • कन्या के नामकरण को लेकर मनुस्मृति क्या कहती है?
  • श्रीहरिवंशपुराण में क्या लिखा है?
  • कोई राजनीतिक दल गाय के पक्ष में नहीं, अब ये स्पष्ट हो गया है 
  • ‘MAAsterG’: जानिए क्या है मिशन 800 करोड़?
  • हम वह हैं जिनकी पहचान गात्र (शरीर) से नहीं अपितु गोत्र (गोरक्षाव्रत) से है

  • Facebook
  • Twitter
  • Youtube
  • Instagram

Copyright ©  2019 dharmwani. All rights reserved