– मोर्चे को सबसे पहला समर्थन भूमापीठाधीश्वर दण्डी स्वामी अच्युतानंद तीर्थ जी महाराज ने दिया।
– महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज ने मोर्चे की और से हिन्दू हित के कार्यों के लिए शपथ ली।
हरिद्वार के सर्वानंद घाट पर 12 जनवरी, वर्ष 2023 के दिन गंगाजल की शपथ लेकर महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज तथा कार्ष्णि स्वामी अमृतानंद जी ने मिलकर अपने साथियों के साथ “हिन्दू बचाओ मोर्चा” बनाने की घोषणा की। “हिन्दू बचाओ मोर्चा” की घोषणा करते समय नरसिंहानंद गिरी जी के साथ यति निर्भयानंद जी, राजू सैनी, बिट्टू सिखेड़ा, जितेंद्र पवार, संदीप जिंदल, आशु रस्तोगी और भैरव सेना की पूरी कार्यकारिणी भी उपस्थित रही।
“हिन्दू बचाओ मोर्चा” को सबसे से पहला समर्थन भूमापीठाधीश्वर दण्डी स्वामी अच्युतानंद तीर्थ जी महाराज की और से दिया गया. दण्डी स्वामी अच्युतानंद तीर्थ जी महाराज ने महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज और कार्ष्णि स्वामी अमृतानंद जी का समर्थन करते हुए कहा कि वास्तव में यह बहुत अधिक पीड़ा का विषय है कि हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार कभी भी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर और सबसे अधिक यूनाइटेड नेशन्स आर्गेनाईजेशन में भी कभी नहीं उठाये गए।
दरसल “हिन्दू बचाओ मोर्चा” को सामने लाने का मकसद यह बताना है कि एक समुदाय के रूप में हिन्दू अपने धर्म और अस्तित्व को विश्व के सामने सही प्रकार से रखने में अभी तक इसलिए असफल रहे हैं क्योंकि किसी भी राजनीतिक दल या संघटन ने हिन्दुओं के हित में यह कार्य आज तक नहीं किया है। यह कारण है कि हमें इसके पीछे के कारणों को खोज कर उनमें सुधार करना होगा। “भूमा निकेतन” इस कार्य मे सदैव हिन्दू बचाओ मोर्चा के साथ रहेगा। इस विषय पर सवाल जवाब के दौरान मोर्चा की तरफ से यह आह्वान किया गया कि हरिद्वार सहित संपूर्ण सनातनी धर्मगुरुओं से इस महान कार्य में हर प्रकार से सहयोग की आवश्यकता है।
सर्वानंद घाट पर “हिन्दू बचाओ मोर्चा” की स्थापना करते हुए गंगाजल हाथ मे लेकर महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज ने शपथ लेने के बाद कहा कि यदि कोई विधर्मी किसी हिन्दू को, चाहे वह उनका अपना व्यक्तिगत शत्रु ही क्यो ना हो, को निशाना बनाते हैं तो यह मोर्चा सदैव हिन्दू के साथ रहेगा। लेकिन, यदि उनका कितना ही प्रिय व्यक्ति अगर जिहादियों का साथ देता है तो वो उसका परित्याग कर देंगे।
सर्वानंद घाट पर पत्रकारों के एक प्रश्न के उत्तर में महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि कोई अगर सन्यासी होकर किसी मुस्लिम से मित्रता रखता है तो उससे तो लाखों गुना अच्छा एक साधारण कुत्ता है जो कभी भी उसे रोटी खिलाने वाले के शत्रु से मित्रता नहीं करता।
सन्यासी स्वयं अपने लिये भोजन अर्जित नहीं करते बल्कि सनातन धर्मियों का समाज उन्हें अपने खून पसीने की कमाई में से कुछ अंश दान करके पालता है। जबकि कुरआन और हदीसों के अनुसार सच्चा मुसलमान वही होता है जो दुनिया के गैर मुस्लिमों के अस्तित्व को समूल नष्ट करने की शपथ कम से कम प्रतिदिन पांच बार उठाता है।
प्रेस वार्ता के दौरान मख्य बातों में यही बातें रहीं कि अब हमें भी अपने धर्म के आम हिन्दुओं को सिखानी है कि आप भी अपने धर्म के प्रति कट्टर बन जाएँ, वर्ना समय आने पर आप नष्ट हो जायेंगे और इसके लिए आप स्वयं ही ज़िम्मेदार होंगे. उन्होंने यह भी चुनौती दी कि यदि किसी सन्यासी को इस बात पर कोई संदेह है तो वह कुरआन और हदीसों पर उनसे खुलेआम शास्त्रार्थ कर सकता है।
इस अवसर पर भैरव सेना के संस्थापक अध्यक्ष मोहित चौहान ने प्रदेश अध्यक्ष हिमाशु राजपुत, जिला सह सयोजक अभिनव चौहान, प्रदेश प्रवक्ता शुभम भारद्बाज, मनीष धीमान, अरूण चौहान आशु रस्तोगी सहित उपस्थित होकर “हिन्दू बचाओ मोर्चा” को समर्थन और सहयोग देने की शपथ ली।