Skip to content
27 August 2025
  • Facebook
  • Twitter
  • Youtube
  • Instagram

DHARMWANI.COM

Religion, History & Social Concern in Hindi

Categories

  • Uncategorized
  • अध्यात्म
  • अपराध
  • अवसरवाद
  • आधुनिक इतिहास
  • इतिहास
  • ऐतिहासिक नगर
  • कला-संस्कृति
  • कृषि जगत
  • टेक्नोलॉजी
  • टेलीविज़न
  • तीर्थ यात्रा
  • देश
  • धर्म
  • धर्मस्थल
  • नारी जगत
  • पर्यटन
  • पर्यावरण
  • प्रिंट मीडिया
  • फिल्म जगत
  • भाषा-साहित्य
  • भ्रष्टाचार
  • मन की बात
  • मीडिया
  • राजनीति
  • राजनीतिक दल
  • राजनीतिक व्यक्तित्व
  • लाइफस्टाइल
  • वंशवाद
  • विज्ञान-तकनीकी
  • विदेश
  • विदेश
  • विशेष
  • विश्व-इतिहास
  • शिक्षा-जगत
  • श्रद्धा-भक्ति
  • षड़यंत्र
  • समाचार
  • सम्प्रदायवाद
  • सोशल मीडिया
  • स्वास्थ्य
  • हमारे प्रहरी
  • हिन्दू राष्ट्र
Primary Menu
  • समाचार
    • देश
    • विदेश
  • राजनीति
    • राजनीतिक दल
    • नेताजी
    • अवसरवाद
    • वंशवाद
    • सम्प्रदायवाद
  • विविध
    • कला-संस्कृति
    • भाषा-साहित्य
    • पर्यटन
    • कृषि जगत
    • टेक्नोलॉजी
    • नारी जगत
    • पर्यावरण
    • मन की बात
    • लाइफस्टाइल
    • शिक्षा-जगत
    • स्वास्थ्य
  • इतिहास
    • विश्व-इतिहास
    • प्राचीन नगर
    • ऐतिहासिक व्यक्तित्व
  • मीडिया
    • सोशल मीडिया
    • टेलीविज़न
    • प्रिंट मीडिया
    • फिल्म जगत
  • धर्म
    • अध्यात्म
    • तीर्थ यात्रा
    • धर्मस्थल
    • श्रद्धा-भक्ति
  • विशेष
  • लेख भेजें
  • dharmwani.com
    • About us
    • Disclamar
    • Terms & Conditions
    • Contact us
Live
  • तीर्थ यात्रा
  • पर्यटन

श्री मेहंदीपुर बालाजी धाम मंदिर कब जायें, कैसे पहुंचे, कहां ठहरें ?

admin 17 February 2021
MEHANDIPUR-BAJAJI-MANDIR
Spread the love

अजय सिंह चौहान | यदि आप श्री मेहंदीपुर बालाजी धाम (Mehndipur Balaji Dham Temple) के दर्शनों के लिए जाने का मन बना रहे हैं तो सबसे पहले तो हम आपको बता दें कि यहां जाने के लिए आपको सबसे पहले तो ध्यान देना होगा कि प्रत्येक मंगलवार और शनिवार के दिन इस मंदिर में श्रद्धालुओं और भक्तों की भीड़ बहुत अधिक होती है। अगर आपको यहां की भीड़-भाड से बचना हो तो शनिवार और मंगलवार के दिन को छोड़कर बाकी दिनों में ही यहां जाना चाहिए।

मेहंदीपुर बालाजी की दूरी –
तो अगर आप लोग भी मेहंदीपुर बालाजी धाम मंदिर (Mehndipur Balaji Dham Temple) के दर्शन करने का मन बना रहे हैं तो आपको बता दें कि अगर आप दिल्ली में हैं तो वहां से मेहंदीपुर बालाजी धाम की दूरी लगभग 260 किलोमीटर है। जबकि, जयपुर से लगभग 100 किलोमीटर और अलवर से भी इसकी दूरी 100 किलोमीटर है।

अगर आप मथुरा में हैं तो वहां से इसकी दूरी लगभग 120 किलोमीटर है। इसके अलावा आगरा से इस मंदिर की दूरी भी लगभग 140 किलोमीटर है।

कैसे जायें –
अगर आप आगरा-जयपुर हाईवे से आना-जाना कर रहे हैं तो ध्यान रखें कि मेहंदीपुर पहुंचने पर यहां के बाजाली चैक नामक एक प्रसिद्ध स्थान से आप सीधे बालाजी धाम मंदिर के लिए पहुंच सकते हैं। और अगर आप मथुरा से मेहंदीपुर धाम के लिए जाना चाहते हैं इसके लिए आपको भरतपुर जिले से होकर लगभग 120 किलोमीटर की दूरी तय करनी होती है।

किसी भी रोडवेज या फिर प्राइवेट बस से बालाजी धाम जाना हो तो उसके लिए भी यहां 200 या 300 किलोमीटर के असपास के लगभग हर शहर से मेहंदीपुर तक अच्छी सुविधा है। इन रोडवेज या फिर प्राइवेट बसों से आपको श्री बालाजी मोड पर ही उतरना होता है।

श्री बालाजी मोड से मंदिर की दूरी मात्र 3 किलोमीटर रह जाती है, इसलिए यहां से आप रिक्शा, ऑटो रिक्शा या फिर चाहें तो पैदल ही चलकर श्री बालाजी मंदिर तक जा सकते हैं। मेहंदीपुर के इस बालाजी मोड से चैबिसों घंटे, ऑटो, रिक्शा और शेयरिंग जीप जैसी सुविधाएं मिल जाती हैं।

रेल या रोड से यात्रा –
अगर आपको दिल्ली से, आगरा से, जयपुर से, या फिर मथुरा से, या फिर आसपास के किसी भी हिस्से से मेहंदीपुर बालाजी तक पहुंचना है तो उसके लिए रोडवेज की बसें बहुत ही कम खर्च में श्री बालाजी मोड तक सीधे पहुंचा देती हैं।

अगर आप यहां रेल से जाना चाहते हैं तो उसके लिए यहां का बांदीकुई रेलवे स्टेशन सबसे नजदीकी स्टेशन है जो यहां से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर है।

बांदीकुई स्टेशन पर आप चाहे दिन में पहुंचे या फिर रात के किसी भी समय। स्टेशन से हर 20 से 25 मिनट के बाद टैक्सी, बस या फिर शेयरिंग में चलने वाली प्राइवेट जीप, चैबिसों घंटे सीधे मंदिर तक आती जाती रहतीं हैं। इसमें जीप वाले एक सवारी के 40 से 50 रुपये तक लेते हैं जबकि बस में यही किराया 30 रुपये लगता है।

हवाई जहाज से –
और अगर आप हवाई जहाज से श्री मेहंदीपुर बालाजी धाम तक पहुंचना चाहते हैं तो उसके लिए यहां का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट जयपुर में है, और जयपुर से यहां तक पहुंचने में लगभग 2 घंटे का समय लगता है।

किस मौसम में जायें –
वैसे तो, श्रद्धालुओं की भीड़ बारहों महीने लगी रहती है, लेकिन, परिवार के बच्चों और बुजुर्गों के साथ यहां जाने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच का हो सकता है।

कहां ठहरें –

अब सवाल उठता है कि श्री मेहंदीपुर बालाजी में पहुंचकर आप कहां ठहरेंगे, तो, उसके लिए हम बता दें कि, श्री मेहंदीपुर बालाजी धाम में मंदिर के आस-पास ही में सैकड़ों की संख्या में अच्छी सुविधाओं वाली कई धर्मशालाएं हैं जहां आप अपने बजट और सुविधा के अनुसार कमरा ले सकते हैं। इसके अलावा वहां कई प्राइवेट होटल्स भी बने हुए हैं जो बहुत ही आसानी से और कम से कम बजट में मिल जातीं हैं।

होटल का खर्च –
यहां आप सर्दी या गर्मी, किसी भी मौसम में जायेंगे आपको धर्मशालाओं में या होटलों में उसी अनुसार एसी और नान एसी की सुविधायें मिल जाती हैं। यानी अगर आप गर्मी के मौसम में यहां जाते हैं तो उसके लिए आपको यहां एसी वाला कमरा लगभग 500 रुपये तक में मिल जायेगा।
और अगर आप बिना एसी का कमरा लेना चाहते हैं तो वह भी आपको 300 रुपये तक के बजट में मिल जाता है। अगर आप अकेले ही हैं तो फिर आप यहां एसी वाली डोरमेट्री में 250 रुपये तक और नाॅन एसी में 150 रुपये खर्च करके बेड लेकर भी ठहर सकते हैं।

भोजन व्यवस्था –
रही बात भोजन व्यवस्था की तो आप चाहें तो यहां राजस्थानी व्यंजनों का भी आनंद ले सकते हैं। लेकिन, अगर आपको अपनी ही पसंद का भोजन चाहिए तो वह भी यहां आसानी से मिल जाता है।

About The Author

admin

See author's posts

4,928

Like this:

Like Loading...

Related

Continue Reading

Previous: खंडित मूर्तियों वाला सबसे अनोखा मंदिर | Temple with fragmented Hindu sculptures
Next: Garba dance history: गरबा उत्सव का पौराणिक इतिहास और आज का दौर

Related Stories

Mahakal Corridor Ujjain
  • इतिहास
  • तीर्थ यात्रा
  • विशेष

उज्जैन का पौराणिक ‘रूद्र सरोवर’ आज किस दशा में है

admin 26 February 2025
JOGULAMBA SHAKTIPEETH TEMPLE
  • तीर्थ यात्रा
  • धर्मस्थल
  • विशेष

जोगुलम्बा शक्तिपीठ मंदिर: कब जायें, कैसे जायें, कहां ठहरें?

admin 25 November 2024
Chintamani Vinayak - Ishwar Gangi pond near Lahurabir
  • तीर्थ यात्रा
  • धर्मस्थल
  • विशेष

काशी के छप्पन विनायक मंदिर – उनके नाम और स्थान

admin 13 July 2024

Trending News

Marigold | गेंदे का वैदिक और पौराणिक साक्ष्य एवं महत्त्व marigold Vedic mythological evidence and importance in Hindi 4 1
  • कृषि जगत
  • पर्यावरण
  • विशेष
  • स्वास्थ्य

Marigold | गेंदे का वैदिक और पौराणिक साक्ष्य एवं महत्त्व

20 August 2025
Brinjal Facts: बैंगन का प्राचीन इतिहास और हिन्दू धर्म में महत्त्व brinjal farming and facts in hindi 2
  • कृषि जगत
  • विशेष
  • स्वास्थ्य

Brinjal Facts: बैंगन का प्राचीन इतिहास और हिन्दू धर्म में महत्त्व

17 August 2025
भविष्य पुराण में दर्ज है रानी संयोगिता की माता का वास्तविक नाम Queen Sanyogita's mother name & King Prithviraj Chauhan 3
  • इतिहास
  • भाषा-साहित्य
  • विशेष

भविष्य पुराण में दर्ज है रानी संयोगिता की माता का वास्तविक नाम

11 August 2025
पश्चिमी षडयंत्र और हिन्दू समाज की महिलायें Khushi Mukherjee Social Media star 4
  • कला-संस्कृति
  • मीडिया
  • विशेष
  • सोशल मीडिया

पश्चिमी षडयंत्र और हिन्दू समाज की महिलायें

11 August 2025
दिल्ली में भाजपा सहयोग मंच के पदाधिकारियों ने संस्थापक व अध्यक्ष का जताया आभार BJP Mandal Ar 5
  • राजनीतिक दल
  • विशेष

दिल्ली में भाजपा सहयोग मंच के पदाधिकारियों ने संस्थापक व अध्यक्ष का जताया आभार

2 August 2025

Total Visitor

081272
Total views : 148064

Recent Posts

  • Marigold | गेंदे का वैदिक और पौराणिक साक्ष्य एवं महत्त्व
  • Brinjal Facts: बैंगन का प्राचीन इतिहास और हिन्दू धर्म में महत्त्व
  • भविष्य पुराण में दर्ज है रानी संयोगिता की माता का वास्तविक नाम
  • पश्चिमी षडयंत्र और हिन्दू समाज की महिलायें
  • दिल्ली में भाजपा सहयोग मंच के पदाधिकारियों ने संस्थापक व अध्यक्ष का जताया आभार

  • Facebook
  • Twitter
  • Youtube
  • Instagram

Copyright ©  2019 dharmwani. All rights reserved 

%d