पर्यटकों के लिए मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh Tourism) एक बहुआयामी स्वर्ग के समान है। यहां के झरने, झीलों, जंगलों और गुफाओं, प्राकृतिक अजूबों से लेकर मंदिरों, किलों और बांधों जैसे मानव निर्मित अजूबों तक, राज्य में घूमने के लिए बहुत सारे रमणीय स्थल हैं। विभिन्न पशुओं के साथ विशाल वन्यजीव अभ्यारण्य और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक महान क्षेत्र कहा जा सकता है। किसी भी एक राज्य में इतने सारे अद्भुत और आकर्षणों के साथ, दुनियाभर के पर्यटक यहां छुट्टियां बिताने के लिए ललायित रहते हैं।
रनेह फाल्स –
यह जगह यानी रनेह फाल्स (Sneh Falls) कर्णावती (केन) नदी पर बने पानी के झरने को देखने के लिए जानी जाती है। इसके अलावा यहां घड़ियाल, नील गाय, लंगूर, बंदर, हिरण भी आसानी से देखे जा सकते हैं। ठोस चट्टानों के बीचों बीच से जब नदी एवं झरना दिखाई पड़ता है तो उसका रोमांच गजब होता है। आपको प्रकृति के सभी रूप एक साथ देखने को मिलते हैं।
पन्ना नेशनल पार्क (Panna Nationalpark) –
यदि आप शेर और तेंदुआ देखने के इच्छुक हैं तो पन्ना नेशनल पार्क (Panna Nationalpark) में आप अपने लिए जीप में सीट बुक करवा सकते हैं। कई एकड़ में फैली यह जगह सफारी के लिए जानी जाती है। तीन से चार घंटे के सफर में आप शेर व तेंदुए से भेंट कर सकते हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि आपको सुबह छह बजे तक रिपोर्ट करना अनिवार्य है वरना आपके बुकिंग के पैसे पानी में चले जाएंगे फिर आपको न जीप मिलेगी न ही पैसे वापस।
यदि आप अपनी खुद की गाड़ी से पन्ना नेशनल पार्क (Panna Nationalpark) जाना चाहते हैं तो आपको करीब 1900 रुपये शुल्क के रूप में अदा करना अनिवार्य हो जाता है। सरकारी जगह होने के कारण कुछ गाइड यहां अपनी ऊपरी आमदनी के जुगाड़ में भी रहते हैं। यदि जिस व्यक्ति की बुकिंग है और वह समय से पहुंच नहीं पाता है तो वो सीट किसी और को बिना पर्ची काटे दे दी जाती है। इसलिए यदि आपको जल्दी उठने की आदत नहीं है तो बेहतर है कि आप पहले से बुकिंग न करवाएं।
पांडव फाल्स –
पांडव फाल्स (Pandav Falls) एक ऐतिहासिक जगह है जहां आपको प्रकृति का करिश्मा देखने को मिलेगा। ऊंची चट्टानों के बीचों बीच से पानी की धारा जब सूरज की रौशनी में बीच तालाब में जाती हुई दिखाई पड़ती है तो नजारा देखने लायक होता है। मान्यता है कि इसी जगह पांचों पांडव एवं उनकी पत्नी द्रौपदी अपने वनवास के 13 वें वर्ष में यहां कुछ समय तक रुके थे इसलिए इसका नाम पांडव फाल्स है।
वर्ष 1929 में इसी जगह की एक गुफा में क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद (Chandra Shekher Azad) ने अपने साथियों के साथ गुप्त बैठकें भी की थी जो इस जगह को ऐतिहासिक बनाती है। यहां आप प्रकृति द्वारा दिए गए ठंडे और सादे दोनों तरह के पानी का सेवन कर सकते हैं जिसके आगे आजकल के फिल्टर सब फेल हैं।
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इस स्थान के बीचों-बीच स्थित तालाब को काफी ऊपर से देखने पर आपको दिल का आकार नजर आता है जो, ऐसी मान्यता है कि पांडवों और द्रौपदी के बीच के प्यार को दर्शाता है और जहां का पानी पी कर आप अपने चाहने वालों को पाने के लिए दुआ कर सकते हैं।
इन सब के अलावा यदि आपको पहाड़ों की ऊंचाई को चूमने का शौक है तो वह भी आप यहां कर सकते हैं। खजुराहो से लगभग 10 से 15 किलोमीटर दूर गांव में आपको अच्छे खासे पहाड़ चढ़ने को मिल सकते हैं जहां पहुंचकर सूर्यास्त देखने का अपना ही मजा है।
खरीदारी के लिए बांस को सुखा कर बनाई जाने वाली साड़ी बेहद सस्ते दामों में आपको यहां आसानी से मिल जाएगी जो पहनने में काफी सुंदर एवं हल्की रहती है। यदि आप नृत्य व संगीत में रुचि रखने वालों में से हैं तो शिल्पग्राम स्थित खजुराहो सांस्कृतिक केंद्र में जाना न भूलें जहां आपको बुंदेलखंडी गीत एवं नृत्य को देखने का अवसर मिलता है।
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खजुराहो –
खजुराहो (Khazuraho) चंदेल राजाओं के राज में बने दसवीं, ग्यारहवीं एवं बारहवीं शताब्दी के मंत्रमुग्ध कर देने वाले मंदिरों के लिए जाना जाता है। अधिकांश लोग वहां तीन दिशाओं के हिसाब से बंटे इन्हीं 25 हिन्दू व जैन मंदिरों, विशेषतः मंदिरों की दीवारों पर बने भित्तिचित्रों, से रूबरू होने जाते हैं। परन्तु इन मंदिरों के साथ-साथ खजुराहो (Khazuraho) की सुंदरता वहां के कुछ अन्य स्थानों, कलाओं एवं वस्तुओं में भी देखने को मिलती है।
– आशीष