किसी भी स्तर की राजनीतिक हिंसा से यदि मुंह मोड़ा जायेगा तो उसके दुष्परिणाम निश्चित रूप से देखने को मिलेंगे, जैसा कि पश्चिम बंगाल में देखने को मिला है। बंगाल के वीरभूम जिले में तृणमूल कांग्रेस के एक नेता की हत्या के बाद इसी दल के विरोधी समझे जाने वाले गुट के करीब दस लोगों की हत्या कर दी गई।
यह घटना इस दृष्टि से भी काफी जघन्य एवं बर्बर है कि लोगों को जिंदा जला दिया गया। वैसे भी देखा जाये तो पश्चिम बंगाल में हत्याओं का मामला पहली बार नहीं आया है। कुछ महीनों पहले हुए विधानसभा चुनावों के बाद वहां ऐसा माहौल बना कि काफी संख्या में लोग दूसरे राज्यों में पलायन के लिए विवश हो गये।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इन जघन्य घटनाओं को भले ही साधारण तरीके से लें किन्तु इस पर विस्तृत रूप से विचार करने की आवश्यकता है। यदि इन घटनाओं पर लगाम नहीं लगाई गई तो हालात और भी बद से बदतर होते जायेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि केन्द्र सरकार दोषियों को सजा दिलाने के लिए राज्य सरकार के साथ है। ऐसे में जघन्य हत्या कांड को अंजाम देने वालों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए।
– मुन्ना लाल वर्मा