Skip to content
28 June 2025
  • Facebook
  • Twitter
  • Youtube
  • Instagram

DHARMWANI.COM

Religion, History & Social Concern in Hindi

Categories

  • Uncategorized
  • अध्यात्म
  • अपराध
  • अवसरवाद
  • आधुनिक इतिहास
  • इतिहास
  • ऐतिहासिक नगर
  • कला-संस्कृति
  • कृषि जगत
  • टेक्नोलॉजी
  • टेलीविज़न
  • तीर्थ यात्रा
  • देश
  • धर्म
  • धर्मस्थल
  • नारी जगत
  • पर्यटन
  • पर्यावरण
  • प्रिंट मीडिया
  • फिल्म जगत
  • भाषा-साहित्य
  • भ्रष्टाचार
  • मन की बात
  • मीडिया
  • राजनीति
  • राजनीतिक दल
  • राजनीतिक व्यक्तित्व
  • लाइफस्टाइल
  • वंशवाद
  • विज्ञान-तकनीकी
  • विदेश
  • विदेश
  • विशेष
  • विश्व-इतिहास
  • शिक्षा-जगत
  • श्रद्धा-भक्ति
  • षड़यंत्र
  • समाचार
  • सम्प्रदायवाद
  • सोशल मीडिया
  • स्वास्थ्य
  • हमारे प्रहरी
  • हिन्दू राष्ट्र
Primary Menu
  • समाचार
    • देश
    • विदेश
  • राजनीति
    • राजनीतिक दल
    • नेताजी
    • अवसरवाद
    • वंशवाद
    • सम्प्रदायवाद
  • विविध
    • कला-संस्कृति
    • भाषा-साहित्य
    • पर्यटन
    • कृषि जगत
    • टेक्नोलॉजी
    • नारी जगत
    • पर्यावरण
    • मन की बात
    • लाइफस्टाइल
    • शिक्षा-जगत
    • स्वास्थ्य
  • इतिहास
    • विश्व-इतिहास
    • प्राचीन नगर
    • ऐतिहासिक व्यक्तित्व
  • मीडिया
    • सोशल मीडिया
    • टेलीविज़न
    • प्रिंट मीडिया
    • फिल्म जगत
  • धर्म
    • अध्यात्म
    • तीर्थ यात्रा
    • धर्मस्थल
    • श्रद्धा-भक्ति
  • विशेष
  • लेख भेजें
  • dharmwani.com
    • About us
    • Disclamar
    • Terms & Conditions
    • Contact us
Live
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • स्वास्थ्य

Research : गुस्से से पड़ता है दिल, दिमाग, पेट, याददाश्त पर बुरा असर

admin 25 December 2022
RESEARCH OF ANGER_in EUROPE
Spread the love

अक्सर हम कहते और सुनते हैं कि गुस्सा सेहत के लिए ठीक नहीं है। लेकिन अब एक रिसर्च में ये बात सामने आ चुकी है कि हकीकत इससे भी कहीं ज्यादा खतरनाक है।

रिसर्च करने वाले डाॅक्टरों का कहना है कि गुस्सा सिर्फ करिअर या जिंदगी को ही नहीं बल्कि स्वयं के पूरे शरीर को भी बीमार कर देता है। गुस्सा करने वाले व्यक्ति का दिमाग, दिल और पेट भी इससे बुरी तरह से प्रभवित हो जाता है। मात्र इतना ही नहीं, गुस्सा तो शरीर की पुरानी से पुरानी बीमारियों को भी उभार देता है।

अमेरिका के बाल्टीमोर में स्थित जाॅन हाॅपकिंस अस्पताल में हृदय रोग विशेषज्ञ डाॅक्टर इलन शोर विटस्टीन का कहना है कि- गुस्से में या फिर हताशा के कारण व्यक्ति के शरीर के न्यूरो हाॅर्मोनल सिस्टम पर बहुत ज्यादा दबाव पड़ता है, जो खतरनाक स्थिति तक पहुंचा सकता है। और अगर यही स्थिति लंबे समय तक रहती है तो मौत भी हो सकती है। गुस्सा हमारे कार्डियोवस्कुलर सिस्टम से नर्वस सिस्टम तक को प्रभावित करता है।

ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम के एक अन्य विशेषज्ञ डाॅक्टर विटस्टीन का कहना है कि- गुस्सा, धमनियों को संकुचित करता है। जिसके कारण पहले से ही शरीर में पल रही अन्य कई बीमारियां जैसे कार्डियोवस्कुलर, हाई बीपी या हाई कोलेस्ट्राॅल है तो दिल का दौरा जल्दी पड़ सकता है। इस विषय पर डाॅक्टर विटस्टीन कहते हैं- गुस्से से बीपी बढ़ने और नसों के सिकुड़ने के साथ इम्यून सिस्टम से पचाने वाले सेल निकलते हैं। यह सब एक साथ होता है, और इसके परिणाम में धमनियां ब्लाॅक हो जाती हैं।

गुस्से में अक्सर दिमाग सही फैसले नहीं कर पाता। यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो में मनोरोग और बिहेवियरल न्यूरोसाइंस के प्रोफेसर डाॅक्टर रोयसे ली का मानना है कि- किसी खास वजह से उत्तेजित होने पर दिमाग कुछ नया या अधिक दिखाने के लिए भी प्रेरित करता है।

डाॅक्टर ली कहते हैं- इंसान गुस्से में वह भी कह जाता है या कर जाता है, जिसे वह स्वयं भी पसंद नहीं करता। गुस्सा करने वालों की याददाश्त अक्सर कमजोर होती जाती है, जिसके कारण वे किसी चीज पर केंद्रित नहीं हो पाते।

पेट का संबंध मनुष्य की भावनाओं से जुड़ा होता है। लेकिन, गुस्से की वजह से गैस्ट्रो की समस्या होने लगती है। यही कारण है कि गुस्सा करने वाला खाना पचा नहीं पाता और उसे कब्ज रहने लगता है।

इस विषय पर डाॅक्टर एटिनजिन कहते हैं- गुस्से में पेट की मांसपेशियां ज्यादा सक्रिय होने लगती हैं। और कई बार तो आंते भी अपनी जगह से हट जाती हैं। इसका परिणाम होता है कि व्यक्ति को इससे डायरिया तक हो जाता है। कई बार तो गुस्से की वजह से पेट में मरोड़ भी पड़ने लगते हैं और भूख लगना बंद हो जाती है।

येल स्कूल ऑफ मेडिसिन में क्लिनिकल मनोविज्ञानी और डाॅक्टर वीलियम बर्ग कहते हैं कि इंसान की जिंदगी में ऐसे कई अवसर आते हैं जब उसे गुस्सा, तनाव, या अन्य प्रकार की समस्याओं से जुझना पड़ता है। लेकिन, ऐसे समय या ऐसी घटनाओं से बचने के लिए हर इंसान को नियमित रूप से अपने जीवन में ध्यान, प्राणायाम के साथ खुद को फिट रखें और पूरी नींद लेने के उपाय और समय की खोज करना चाहिए ताकि उसका स्वस्थ्य और भविष्य सुरक्षित रह सके। क्योंकि यदि गुस्सा कम आएगा तो ही व्यक्ति का स्वस्थ्य ठीक रहेगा।

– धर्मवाणी

About The Author

admin

See author's posts

1,034

Related

Continue Reading

Previous: भागवत कथा सुनकर मानव को मृत्यु के भय से मुक्ति मिल जाती है: अश्विनी चैबे
Next: इंसान की जिंदगी में पांच सबसे बड़े दुख क्या हैं?

Related Stories

Natural Calamities
  • विशेष
  • षड़यंत्र

वैश्विक स्तर पर आपातकाल जैसे हालातों का आभास

admin 28 May 2025
  • विशेष
  • षड़यंत्र

मुर्गा लड़ाई यानी टीवी डिबेट को कौन देखता है?

admin 27 May 2025
Teasing to Girl
  • विशेष
  • षड़यंत्र

आसान है इस षडयंत्र को समझना

admin 27 May 2025

Trending News

वैश्विक स्तर पर आपातकाल जैसे हालातों का आभास Natural Calamities 1

वैश्विक स्तर पर आपातकाल जैसे हालातों का आभास

28 May 2025
मुर्गा लड़ाई यानी टीवी डिबेट को कौन देखता है? 2

मुर्गा लड़ाई यानी टीवी डिबेट को कौन देखता है?

27 May 2025
आसान है इस षडयंत्र को समझना Teasing to Girl 3

आसान है इस षडयंत्र को समझना

27 May 2025
नार्वे वर्ल्ड गोल्ड मेडल जीत कर दिल्ली आने पर तनिष्क गर्ग का भव्य स्वागत समारोह Nave Word Medal 4

नार्वे वर्ल्ड गोल्ड मेडल जीत कर दिल्ली आने पर तनिष्क गर्ग का भव्य स्वागत समारोह

26 May 2025
युद्धो और युद्धाभ्यासों से पर्यावरण को कितना खतरा है? war-and-environment-in-hindi 5

युद्धो और युद्धाभ्यासों से पर्यावरण को कितना खतरा है?

23 May 2025

Total Visitor

078196
Total views : 142583

Recent Posts

  • वैश्विक स्तर पर आपातकाल जैसे हालातों का आभास
  • मुर्गा लड़ाई यानी टीवी डिबेट को कौन देखता है?
  • आसान है इस षडयंत्र को समझना
  • नार्वे वर्ल्ड गोल्ड मेडल जीत कर दिल्ली आने पर तनिष्क गर्ग का भव्य स्वागत समारोह
  • युद्धो और युद्धाभ्यासों से पर्यावरण को कितना खतरा है?

  • Facebook
  • Twitter
  • Youtube
  • Instagram

Copyright ©  2019 dharmwani. All rights reserved