यह बात सर्वविदित है कि सर्दियों में प्रदूषण की समस्या अपनी चरम सीमा तक पहुंच जाती है। इससे बचने के लिए विशेषज्ञ विभिन्न तरीके का उपाय बता रहे हें किंतु इससे बचने के लिए राजधानी दिल्ली सहित सभी बड़े एवं छोटे शहरों में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था बेहद चुस्त-दुरुस्त होनी चाहिए।
सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था यदि ठीक होगी तो लोग उसका उपयोग करेंगे और ऐसी स्थिति में निजी वाहनों का उपयोग जितना कम होगा, उतना ही अच्छा होगा। इस दृष्टि से राजधानी दिल्ली की बात की जाये तो यहां यदि मेट्रो नहीं होती तो स्थिति बेहद खराब होती किंतु मेट्रो ही पूरी तरह सार्वजनिक परिवहन प्रणाली का समाधान नहीं है, इसके लिए पर्याप्त बसों का होना एवं उचित तरीके से परिचालन भी जरूरी है। इस दृष्टि से देखा जाये तो दिल्ली में बसों की संख्या बहुत कम है और जो हैं भी, उनमें से अधिकांश खराब हैं, रास्ते में चलते-चलते कहां खड़ी हो जायें, कुछ कहा नहीं जा सकता है। दिल्ली में केजरीवाल सरकार बनने के बाद बहुत कम बसें खरीदी गई हैं। ऐसी स्थिति में प्रदूषण की समस्या से निजात पाने का सपना अधूरा ही रहेगा।
– सोनू मिरोठा, दरियागंज (दिल्ली)