Skip to content
26 August 2025
  • Facebook
  • Twitter
  • Youtube
  • Instagram

DHARMWANI.COM

Religion, History & Social Concern in Hindi

Categories

  • Uncategorized
  • अध्यात्म
  • अपराध
  • अवसरवाद
  • आधुनिक इतिहास
  • इतिहास
  • ऐतिहासिक नगर
  • कला-संस्कृति
  • कृषि जगत
  • टेक्नोलॉजी
  • टेलीविज़न
  • तीर्थ यात्रा
  • देश
  • धर्म
  • धर्मस्थल
  • नारी जगत
  • पर्यटन
  • पर्यावरण
  • प्रिंट मीडिया
  • फिल्म जगत
  • भाषा-साहित्य
  • भ्रष्टाचार
  • मन की बात
  • मीडिया
  • राजनीति
  • राजनीतिक दल
  • राजनीतिक व्यक्तित्व
  • लाइफस्टाइल
  • वंशवाद
  • विज्ञान-तकनीकी
  • विदेश
  • विदेश
  • विशेष
  • विश्व-इतिहास
  • शिक्षा-जगत
  • श्रद्धा-भक्ति
  • षड़यंत्र
  • समाचार
  • सम्प्रदायवाद
  • सोशल मीडिया
  • स्वास्थ्य
  • हमारे प्रहरी
  • हिन्दू राष्ट्र
Primary Menu
  • समाचार
    • देश
    • विदेश
  • राजनीति
    • राजनीतिक दल
    • नेताजी
    • अवसरवाद
    • वंशवाद
    • सम्प्रदायवाद
  • विविध
    • कला-संस्कृति
    • भाषा-साहित्य
    • पर्यटन
    • कृषि जगत
    • टेक्नोलॉजी
    • नारी जगत
    • पर्यावरण
    • मन की बात
    • लाइफस्टाइल
    • शिक्षा-जगत
    • स्वास्थ्य
  • इतिहास
    • विश्व-इतिहास
    • प्राचीन नगर
    • ऐतिहासिक व्यक्तित्व
  • मीडिया
    • सोशल मीडिया
    • टेलीविज़न
    • प्रिंट मीडिया
    • फिल्म जगत
  • धर्म
    • अध्यात्म
    • तीर्थ यात्रा
    • धर्मस्थल
    • श्रद्धा-भक्ति
  • विशेष
  • लेख भेजें
  • dharmwani.com
    • About us
    • Disclamar
    • Terms & Conditions
    • Contact us
Live
  • कला-संस्कृति
  • विश्व-इतिहास
  • हिन्दू राष्ट्र

अयोध्या पर्व – अयोध्या के व्यापक स्वरूप एवं महत्व से अवगत कराने का पर्व

admin 4 April 2021
AYOODHAYA PARV_1

filter: 0; fileterIntensity: 0.0; filterMask: 0; module: h; hw-remosaic: 0; touch: (-1.0, -1.0); modeInfo: ; sceneMode: Night; cct_value: 0; AI_Scene: (200, -1); aec_lux: 311.28336; hist255: 0.0; hist252~255: 0.0; hist0~15: 0.0;

Spread the love

राजधानी दिल्ली में पांच अप्रैल 2021 से प्रारंभ होने वाले तीन दिवसीय ‘अयोध्या पर्व’ रामराज की परिकल्पना को दर्शाने का पर्व है। यह पर्व अयोध्या के व्यापक स्वरूप को प्रदर्शित करता है। राजधानी दिल्ली में अयोध्या पर्व का इस वर्ष तीसरा आयोजन कांस्टीट्यूशन क्लब में 5, 6 एवं 7 अप्रैल को आयोजित होगा।

इस पर्व के आयोजक भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं अयोध्या के सांसद श्री लल्लू सिंह हैं। इस पर्व के संदर्भ में श्री लल्लू सिंह का कहना है कि आज अयोध्या का नाम देश के हर व्यक्ति की जुबान पर है। गली-चैराहों से लेकर घर, दुकान एवं दफ्तर सभी जगह अयोध्या लोगों की चर्चा के केन्द्र में है। सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने के बाद अयोध्या में प्रभु श्रीराम का मंदिर निर्माण प्रारंभ हो चुका है।

गत कुछ दशकों में अयोध्या में राम मंदिर का प्रश्न भारत की सनातन परंपरा के पुनरुत्थान का प्रतीक बनकर उभरा है। इस मुद्दे की तपिश से जो रोशनी पैदा हुई उसमें भारतीय जनमानस ने अपने अतीत की ऊंचाई और गिरावट दोनों को जाना और समझा है। अतीत की ऊंचाइयां उसे प्रेरणा दे रही हैं जबकि गिरावट के क्षण उसे बार-बार सावधान भी करते हैं। वास्तव में अयोध्या वह ज्योति पुंज है जिसके आलोक में हमारा देश स्मृति भ्रंस की त्रासदी से मुक्त हो रहा है।

इतिहास गवाह है कि जब कोई मुद्दा जनता की भावना से इस तरह जुड़ जाता है तो उसका समाधान हो कर ही रहता है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से यह बात पूरी तरह सच साबित हो गई है।

सांसद श्री लल्लू सिंह का कहना है कि आज अयोध्या और राम मंदिर एक दूसरे के पर्यायवाची हो गये हैं लेकिन हमें यह भी याद रखना होगा कि अयोध्या के आयाम बहुत व्यापक हैं। ज्ञानीजन कहते हैं कि ‘बड़ी है अयोध्या,’ इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए राजधानी दिल्ली में अयोध्या पर्व का आयोजन किया जा रहा है। इस बार यह तीसरा आयोजन होगा।

इस आयोजन में अयोध्या और आस-पास के जिलों में भगवान राम से जुड़े कई गुमनाम धरोहर स्थलों की प्रदर्शनी लगाई जाती है। इसी के साथ आयोजन में विचार गोष्ठियों, औपचारिक कार्यक्रमों और लोक परंपरा से जुड़े विविध आयामों को भी पर्व में शामिल किया जाता है जिससे देश-विदेश के लोगों का अयोध्या के वृहत्तर सांस्कृतिक और पौराणिक स्वरूप से साक्षात्कार हो सके।

वैसे भी यदि विचार किया जाये तो अयोध्या एक छोटे से स्थान में सिमटा हुआ हिन्दुओं का तीर्थस्थल ही नहीं बल्कि और भी बहुत कुछ है। यह एक विचार है, आदर्श है जिसने मर्यादा पुरुषोत्तम राम को आकार दिया। संस्कृति की शिला पर अयोध्या हर युग में स्वर्णिम हस्ताक्षर करती रही है। संस्कृति एवं सभ्यता का जिस बिन्दु से प्रारंभ होता है, कमोबेश उतनी पुरानी है अयोध्या। कला, साहित्य, संगीत, अध्यात्म और राजनीति हर क्षेत्र में अपने युग में यह अयोध्या ‘नव व्याकरण’ की रचना करती है।

राम और अयोध्या भारत की आत्मा हैं। यदि किसी को भारत को समझना है तो उसे राम और अयोध्या को जानना ही होगा। अयोध्या, राम और भारत तीनों एक दूसरे में समाये हुए हैं। किसी एक को हटाकर शेष को समझने का प्रयास करना नासमझी है। वास्तव में अयोध्या वह स्मृति पुंज है जिसकी रोशनी में हमारा देश स्मृति भ्रंस की त्रासदी से मुक्त हो सकता है।

श्री लल्लू सिंह का कहना है कि अयोध्या पर्व का आयोजन इस दिशा में एक छोटा सा प्रयास है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि स्वर्णिम अतीत का विस्मरण वर्तमान को बाधित कर देता है जिसके कारण सुनहरे भविष्य की स्वर्णिम रश्मियां धूमिल हो जाती हैं। अयोध्या पर्व के द्वारा भविष्य की उन्हीं स्वर्णिम रश्मियों को हम और तेजी के साथ फैलाना चाह रहे हैं। अवधपुरी और उससे एकाकार हुए भारत का सांस्कृतिक सौंदर्य लोगों की आंखों में सजने लगे, तैरने लगे, लोगों के मानस को मथने लगे, यही अयोध्या पर्व का मूल उद्देश्य है।

अयोध्या पर्व में प्रदर्शनी के माध्यम से यह दिखाया जाता है कि अयोध्या सिर्फ हनुमान गढ़ी, राम जन्मभूमि और छोटी छावनी के मंदिर तक ही सीमित नहीं है। वास्तव में इसकी सांस्कृतिक परिधि चैरासी कोस में फैली है जिसका महत्व जानना हर राम भक्त के लिए जरूरी है। इस चैरासी कोसी परिधि में अनेक पूज्य ऋषियों ने अपनी तपोस्थली बनाई जिनमें अगस्त ऋषि, च्यवन ऋषि, ऋंगी ऋषि और कई अन्य ऋषियों का नाम आता है। ऋंगी ऋषि का विशेष महत्व इसलिए माना जाता है क्योंकि राजा दशरथ ने इनके द्वारा ही पुत्रयेष्टि यज्ञ मखोड़ा धाम में कराया था। मान्यता है कि इस यज्ञ के प्रताप से ही राजा दशरथ के आंगन में भगवान राम एवं अन्य भाइयों का जन्म हुआ था।

इन सबके अतिरिक्त प्रदर्शनी के माध्यम से पर्व में भावी अयोध्या का दर्शन बहुत व्यापक रूप से कराया जाता है। अयोध्या के निर्माणाधीन रेलवे स्टेशन एवं चैरासी कोसी सांस्कृतिक परिधि में बन रहे फोर लेन राजमार्ग का माॅडल भी प्रदर्शनी के द्वारा दिखाया जाता है। लोक कला से सजी भगवान राम के जीवन की झांकी, फरुआही लोक नृत्य की मनोहारी प्रस्तुति, काव्य गोष्ठियां, गांधी के राम राज्य पर चर्चा, कबीर के राम-कालूराम बामनिया का भजन, अंतर महाविद्यालय वाद-विवाद प्रतियोगिता, कत्थक नृत्य शैली में भगवान राम की आराधना, राम के आयाम विषय पर परिसंवाद, अयोध्या की प्राचीन संत परंपरा की संगीतमय प्रस्तुति, अवधी कवि सम्मेलन की मिठास आदि कार्यक्रम लोगों में चर्चा का विषय हैं। इसके अतिरिक्त सीता रसोई, अवधी हाट एवं अन्य ऐसी कई बातें अयोध्या पर्व में होती हैं जिससे अयोध्या पर्व के प्रति लोगों का आकर्षण निरंतर बढ़ता ही जा रहा है।

इस बार आयोजित होने वाले पर्व में केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी, वरिष्ठ पत्रकार राम बहादुर राय, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, श्री अतुल कोठारी, श्री शेष नारायण सिंह, श्री सकलदीप राजभर, महंत मिथलेशनंदिनी शरण, विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष श्री आलोक कुमार, वरिष्ठ पत्रकार जवाहर लाल कौल, श्री राकेश सिन्हा, वरिष्ठ पत्रकार श्री बनवारी, श्री राहुल देव सहित अन्य कई गणमान्य लोग विभिन्न कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे। ‘मर्यादा पुरुषोत्तम राम और लोकतंत्र’, ‘स्वराज्य और सुराज्य’ पर संगोष्ठी एवं ‘अहो अयोध्या’ पुस्तक पर चर्चा भी होगी। 5 अप्रैल को उ्घाटन समारोह एवं प्रदर्शनी कार्यक्रम का आयोजन संपन्न होगा।

इस पर्व में श्रीराम जन्मभूमि क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपालदास, ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय, पूज्य अवधेशानंद जी महाराज, संघ के कई बड़े नेताओं, मंत्रियों, सांसदों, विधायकों एवं अन्य अनेक गणमान्य लोगों सहित हजारों लोग इस पर्व में अपनी सहभागिता निभा चुके हैं। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के अध्यक्ष एवं जाने-माने पत्रकार श्री रामबहादुर राय ने इस आयोजन को न केवल अयोध्या पर्व का विशिष्ट नाम दिया, बल्कि इसे साकार करने एवं यहां तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह किया है।

इस कार्यक्रम के बारे में कुल मिलाकर कहने का आशय यही है कि अयोध्या के व्यापक स्वरूप से देश-विदेश के लोग अवगत हों और इसके माध्यम से रामराज्य की एक युगानुकूल संकल्पना अभर कर सामने आये तो भारत का भविष्य बेहतर हो सकता है।

अयोध्या पर्व हम सभी के भीतर बैठे राम को जागृत करने का पर्व बनकर समाज में प्रतिष्ठित हो और भारतीय समाज की रचना धर्मिता को अभिव्यक्त करने का एक प्रभावी मंच बने। वैसे भी देखा जाये तो राम मंदिर के चलते आज जनभावना जिस मुकाम पर है, उसे हम अयोध्या पर्व के माध्यम से नये-नये सकारात्मक आयाम दे सकते हैं जिससे अयोध्या के उदात्त विचार और आदर्श हमारे राष्ट्रीय चरित्र का हिस्सा बन जायें। इसके लिए हमें बहुत कुछ नया करने की जरूरत भी नहीं है। हमें तो बस वह राख हटानी है जिसके नीचे अयोध्या की विराट चेतना देश के कण-कण में हजारों वर्षों से प्रज्ज्वलित है। वास्तव में अयोध्या पर्व का मूल उद्देश्य यही है।

-जगदम्बा सिंह/राकेश कुमार सिंह

About The Author

admin

See author's posts

2,350

Like this:

Like Loading...

Related

Continue Reading

Previous: जिम्मेदारी-जवाबदेही का निर्धारण हर स्तर पर नितांत आवश्यक…
Next: खूबसूरत महिलाओं वाले देश | Countries with Beautiful Women

Related Stories

Khushi Mukherjee Social Media star
  • कला-संस्कृति
  • मीडिया
  • विशेष
  • सोशल मीडिया

पश्चिमी षडयंत्र और हिन्दू समाज की महिलायें

admin 11 August 2025
What does Manu Smriti say about the names of girls
  • कला-संस्कृति
  • विशेष

कन्या के नामकरण को लेकर मनुस्मृति क्या कहती है?

admin 9 May 2025
ham vah hain jinakee pahachaan gaatr (shareer) se nahin apitu gotr (gorakshaavrat) se hai
  • विशेष
  • हिन्दू राष्ट्र

कोई राजनीतिक दल गाय के पक्ष में नहीं, अब ये स्पष्ट हो गया है 

admin 16 April 2025

Trending News

Marigold | गेंदे का वैदिक और पौराणिक साक्ष्य एवं महत्त्व marigold Vedic mythological evidence and importance in Hindi 4 1
  • कृषि जगत
  • पर्यावरण
  • विशेष
  • स्वास्थ्य

Marigold | गेंदे का वैदिक और पौराणिक साक्ष्य एवं महत्त्व

20 August 2025
Brinjal Facts: बैंगन का प्राचीन इतिहास और हिन्दू धर्म में महत्त्व brinjal farming and facts in hindi 2
  • कृषि जगत
  • विशेष
  • स्वास्थ्य

Brinjal Facts: बैंगन का प्राचीन इतिहास और हिन्दू धर्म में महत्त्व

17 August 2025
भविष्य पुराण में दर्ज है रानी संयोगिता की माता का वास्तविक नाम Queen Sanyogita's mother name & King Prithviraj Chauhan 3
  • इतिहास
  • भाषा-साहित्य
  • विशेष

भविष्य पुराण में दर्ज है रानी संयोगिता की माता का वास्तविक नाम

11 August 2025
पश्चिमी षडयंत्र और हिन्दू समाज की महिलायें Khushi Mukherjee Social Media star 4
  • कला-संस्कृति
  • मीडिया
  • विशेष
  • सोशल मीडिया

पश्चिमी षडयंत्र और हिन्दू समाज की महिलायें

11 August 2025
दिल्ली में भाजपा सहयोग मंच के पदाधिकारियों ने संस्थापक व अध्यक्ष का जताया आभार BJP Mandal Ar 5
  • राजनीतिक दल
  • विशेष

दिल्ली में भाजपा सहयोग मंच के पदाधिकारियों ने संस्थापक व अध्यक्ष का जताया आभार

2 August 2025

Total Visitor

081189
Total views : 147916

Recent Posts

  • Marigold | गेंदे का वैदिक और पौराणिक साक्ष्य एवं महत्त्व
  • Brinjal Facts: बैंगन का प्राचीन इतिहास और हिन्दू धर्म में महत्त्व
  • भविष्य पुराण में दर्ज है रानी संयोगिता की माता का वास्तविक नाम
  • पश्चिमी षडयंत्र और हिन्दू समाज की महिलायें
  • दिल्ली में भाजपा सहयोग मंच के पदाधिकारियों ने संस्थापक व अध्यक्ष का जताया आभार

  • Facebook
  • Twitter
  • Youtube
  • Instagram

Copyright ©  2019 dharmwani. All rights reserved 

%d