भारतीय जनता पार्टी ने 6 अप्रैल को 42 वर्षों का सफर पूरा कर लिया। इन 42 वर्षों में भाजपा ने बहुत से उतार-चढ़ाव देखे किन्तु पार्टी ने अपने मूल्यों से कभी समझौता नहीं किया और न ही कभी उससे डिगी। 6 अप्रैल 1980 से भाजपा का सफर आज तक नये-नये अनुभवों के साथ आगे बढ़ता ही जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी की अभी हाल-फिलहाल की उपलब्धियों पर नजर डाली जाये तो उसने गुवाहाटी नगर-निगम चुनाव में इतिहास रचा है। मूल्यों की राजनीति के संदर्भ में भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेता अकसर यह कहते रहते हैं कि हमारी पार्टी सिर्फ सरकार बनाने के लिए राजनीति नहीं करती है बल्कि समाज बनाने की राजनीति करती है। भाजपा के लिए तो सरकारें मात्र जनता की सेवा का माध्यम हैं।
आज देश के तमाम तथाकथित सेकुलर दल भाजपा पर सांप्रदायिकता का आरोप लगाते हैं जबकि सच्चाई तो यह है कि जो दल अपने को सेकुलर समझते एवं बताते हैं वे ही सांप्रदायिक हैं। देश के तथाकथित सेकुलर दल पूर्णरूपेण तुष्टीकरण की राजनीति करते हैं। भाारतीय जनता पार्टी तो ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ की बात करती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने तो कार्यकर्ताओं को यही मूल मंत्र दिया है।
आज भारतीय जनता पार्टी बिना किसी प्रकार के तुष्टीकरण एवं बिना किसी के साथ भेदभाव के निरंतर कार्यरत है। भारतीय जनता पार्टी एवं उसके पहले जनसंघ के खिलाफ विपक्षी दलों द्वारा साजिश के तहत बहुत व्यापक स्तर पर दुष्प्रचार किया गया किन्तु उसका क्या हुआ, क्योंकि सच्चाई तो कभी न कभी जनता के समक्ष आ ही जाती है।
भाजपा के खिलाफ होने वाली साजिशों से बेखबर भाजपा अपने मिशन में लगातार आगे बढ़ती रही है और इसका परिणाम यह हुआ कि कभी दो सांसदों तक सीमित हो जाने वाली पार्टी आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 300 से अधिक सांसदों वाली पार्टी बन गई है। आज 17 राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं। पार्टी के 1300 से अधिक विधायक हैं। अब तो भाजपा के राज्यसभा सांसदों की भी संख्या 100 का आंकड़ा पार कर चुकी है। सदस्यों की दृष्टि से भाजपा की बात की जाये तो आज भाजपा 18 करोड़ से अधिक सदस्यों के साथ दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है।
गौरतलब है कि अगस्त 2014 में जब अमित शाह जी भाजपा के अध्यक्ष बने थे, उस समय पार्टी के सदस्यों की संख्या 3.5 करोड़ थी। उस समय चीन की कम्युनिस्ट पार्टी 8.78 करोड़ सदस्यों के साथ दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी थी किन्तु मात्र एक वर्ष में ही चीन की कम्युनिष्ट पार्टी को पछाड़ते हुए भाजपा ने अपनी सदस्य संख्या 11 करोड़ से अधिक कर ली। उसके बाद तो सदस्यों की संख्या बढ़कर 18 करोड़ से अधिक हो गई, जो पूरे विश्व में सफलता की एक अद्भुत गाथा है।
भारतीय जनता पार्टी की शुरू से ही ‘अंत्योदय’ की नीति रही है। ‘अंत्योदय’ का सीधा सा आशय इस बात से है कि समाज में अंतिम पायदान पर खड़ा व्यक्ति यानी पार्टी जब भी किसी बात की चर्चा करती है या नीतियां बनाती है तो उसके केन्द्र में समाज में अंतिम पायदान पर खड़ा व्यक्ति ही होता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार एवं भाजपा शासित राज्य सरकारों ने जन कल्याण से संबंधित जो भी नीतियां बनाई हैं, वे सभी समाज में अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को ध्यान में रखकर ही बनाई गई हैं।
वैसे भी यदि किसी संस्था, समूह, समाज, परिवार या पार्टी की विचारधारा, नीति व नीयत ठीक होती है तो उसका अस्तित्व लंबे समय तक रहता है। भारतीय जनता पार्टी 42 वर्ष के बाद भी यदि आज घर-घर की पार्टी बनी हुई है तो उसके पीछे उसकी विचारधारा, सिद्धांत, नीतियां और संगठन ही है।
वर्ष 1980 में पार्टी की स्थापना के समय पहले अध्यक्ष स्व. अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर वर्तमान अध्यक्ष श्री जे.पी. नड्डा तक जितने भी माननीय अध्यक्ष रहे, सभी ने पार्टी को इस मुकाम तक पहुंचाने में अतुलनीय योगदान दिया है। भाजपा की स्थापना के पहले जनसंघ के समय में भी तमाम दल आरोप लगाते रहते थे कि जनसंघ दक्षिणपंथी है। उस समय उन दलों को जवाब देते हुए अटल बिहारी वाजपेयी जी ने कहा था कि ‘हम न तो बायें जा रहे हैं और न दायें। हम सीधे जा रहे हैं और राष्ट्र को उचित विकल्प देने की नियति को पूरा करने के लिए आगे ही बढ़ते जायेंगे’
भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में आने से पहले देश में ऐसा वातावरण बना हुआ था कि जैसे यहां की राजनीति में कोई सुधार हो ही नहीं सकता है, किन्तु 2014 में जब नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी तो देशवासियों को यह यकीन है गया कि भारत विश्व गुरु बनने के रास्ते पर आगे बढ़ सकता है और मुझे यह बात लिखने में काफी हर्ष हो रहा है कि वर्तमान केन्द्र सरकार लगातार जन भावनाओं पर खरा उतरने का काम कर रही है।
भाजपा के शासन काल में भारत की सांस्कृतिक विरासत को पुनः पहचान मिली है। सैकड़ों वर्षों से लंबित राम मंदिर का निर्माण हो रहा है, जम्मू-कश्मीर का भारत के साथ पूर्ण एवं वास्तविक एकीकरण हुआ है। मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक की कुप्रथा से आजादी मिली है। महात्मा गांधी के बाद मोदी जी भारत के एक मात्र ऐसे नेता हैं जिन्होंने स्वच्छता को लेकर देशव्यापी अभियान चलाया। गरीब कल्याण अन्न योजना, हर घर में बिजली, पानी, गैस, शौचालय और आयुष्मान योजना के माध्यम से आम जन की समस्याएं कम हो रही हैं, साथ ही साथ लोगों के दिमाग में उज्जवल भारत का सपना साकार होता भी दिख रहा है।
कुल मिलाकर कहने का आशय यही है कि ‘जहां चाह, वहां राह’ वाली कहावत को यह सरकार बहुत अच्छी तरह चरितार्थ कर रही है। वास्तव में इतनी सारी उपलब्धियां इसलिए संभव हो सकी हैं कि भाजपा मूल्यों की राजनीति से कभी पीछे नहीं हटी, बिना किसी प्रकार के तुष्टीकरण के सभी के विकास में अनवरत लगी रही। योग को हमारी सरकार ने पूरी दुनिया में स्थापित करने का काम किया है।
कोरोना के समय जब पूरी दुनिया के हाथ-पांव फूल गये तो भारत सदियों से प्रचलित जीवनशैली को अपना कर न सिर्फ कोरोना के सामने डटकर खड़ा होने में कामयाब रहा बल्कि पूरी दुनिया के लिए मार्गदर्शक के रूप में भी सामने आया। ऐसी स्थितियों में यह कहा जा सकता है कि मूल्यों पर आधारित राजनीति ही भाजपा की पूंजी है और इसी मार्ग पर चलकर देश आगे बढ़ता ही रहेगा और एक न एक दिन पुनः विश्व गुरु बन जायेगा।
– हिमानी जैन