लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखकर भारतीय जनता पार्टी ने ई-विस्तारक योजना को लांच किया है। राजधानी दिल्ली में यह योजना बेहद तेज गति से आगे बढ़ रही है। दिल्ली प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष श्री वीरेन्द्र सचदेवा के नेतृत्व में इस योजना पर व्यापक स्तर पर कार्य किया जा रहा है। इस काम को अंजाम देने के लिए अल्पकालिक ई-विस्तारक नियुक्त किये गये हैं।
अधिकांश अल्पकालिक विस्तारक अपने पड़ोस के मंडलों में नियुक्त किये गये हैं। पड़ोस में नियुक्त करने के पीछे का भाव यही है कि ई-विस्तारकों को ज्यादा भाग-दौड़ न करनी पड़े और अधिक समय भी बर्बाद न हो। ई-विस्तारक का काम कैसे किया जाये, इसके लिए ई-विस्तारकों को विधिवत प्रशिक्षण दिया गया। इस पूरे प्रकरण में महत्वपूर्ण बात यह है कि ई-विस्तारकों को एक शहरी केन्द्र (खंड या शक्ति केन्द्र) दिया गया है जिसमें अमूमन तीन या चार बूथ हैं। हो सकता है कि किसी शक्ति केन्द्र में एक बूथ अधिक या कम हो सकता है।
ई-विस्तारक योजना का यदि सही अर्थों में मूल्यांकन किया जाये तो आधुनिक तकनीक के माध्यम से लोगों से कनेक्ट कैसे हुआ जाये। वैसे तो घर-घर जाकर कार्य करने की पद्धति पार्टी की बहुत पुरानी है। जनसंघ से लेकर आज की भाजपा तक ‘डोर-टू-डोर’ काम करने की प्रणाली पार्टी की रही है किंतु समय अब धीरे-धीरे बदल रहा है। लोग डिजिटल माध्यमों का प्रयोग अधिक करने लगे हैं। अखबार, पत्रिकाएं, किताबें एवं अन्य पठनीय सामग्री बहुत से लोग आॅनलाइन पढ़ने लगे हैं। लिखने का भी काम काफी हद तक आनलाइन माध्यम से लोग करने
लगे हैं। इस कार्य में युवा विशेष रूप से अग्रणी हैं।
फिलहाल, अभी विस्तारक बूथों पर जाकर बूथ अध्यक्ष, बी.एल.ए. 2 पालक एवं पन्ना प्रमुखों का सत्यापन कर रहे हैं। सत्यापन के माध्यम से डिजिटल प्लेटफार्म पर सभी जानकारियां लोड की जा रही हैं। इसका लाभ यह होगा कि पन्ना प्रमुख तक डिजिटल माध्यम से केन्द्र सरकार की सारी योजनाओं से अवगत हो जायेंगे। जब सभी योजनाओं की जानकारी पन्ना प्रमुखों को रहेगी तो आम जनता में जाकर लोगों को ठीक से बता एवं समझा पायेंगे। हमारे देश के विपक्षी दलों की ऐसी फितरत बन चुकी है कि जब वे चुनाव हारते हैं तो तमाम तरह के आरोप लगाने लग जाते हैं। यहां तक कि हार का ठीकरा ईवीएम पर ही फोड़ने लग जाते हैं किंतु विपक्षी दलों को यह नहीं पता कि भाजपा कार्यकर्ता जनता के बीच सदैव सेवा हेतु लगे रहते हैं। आनलाइन माध्यम से आम लोगों को तमाम योजनाओं की जानकारी भले ही हो जाती है किंतु पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का स्पष्ट रूप से मानना है कि कार्यकर्ताओं को किसी न किसी रूप में जनता-जनार्दन के बीच में ही रहना चाहिए।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जेपी नड्डा जी का स्पष्ट रूप से मानना है कि पार्टी सोशल मीडिया के द्वारा चाहे जितना भी प्रचार-प्रसार कर ले, किंतु घर-घर जाकर काम करने एवं लोगों की सेवा करने की पद्धति को और अधिक विकसित करते रहना है। श्री नरेन्द्र मोदी जी एवं श्री जेपी नड्डा जी के निर्देशानुसार दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा जी अनवरत कार्यकर्ताओं को जनता के बीच रहने के लिए प्रेरित करते रहते हैं। वैसे भी कार्यकर्ता येन-केन-प्रकारेण जब जनता के बीच आते-जाते रहते हैं तो उन्हें तमाम तरह की जानकारियां मिलती रहती हैं। बीजेपी के शीर्ष नेताओं का कहना है कि अपने किसी धुर विरोधी के पास भी यदि बार-बार जाया जाये तो वह भी किसी दिन अपना बन जाता है। कमोबेश, भाजपा की नीति सदा से ही यही रही है।
राजधानी दिल्ली में ई-विस्तारक योजना के तहत कार्यकर्ता साधारण कार्यकर्ताओं, वरिष्ठ कार्यकर्ताओं एवं बुजुर्ग कार्यकर्ताओं के पास पहुंच रहे हैं तो सभी को बेहद प्रसन्नता हो रही है। साधारण कार्यकर्ताओं का मनोबल एवं उत्साह बढ़ रहा है, उन्हें लगता है कि जब हमारे वरिष्ठ कार्यकर्ता घर-घर जाकर कार्य कर रहे हैं तो हम लोगों को भी जनता के बीच जाकर एवं रहकर निरंतर कार्य करते रहना चाहिए। वरिष्ठ एवं बुजुर्ग कार्यकर्ताओं के पास जब कार्यकर्ता पहुंचते हैं तो उन्हें बेहद प्रसन्नता होती है और उन्हें लगता है कि जिस पार्टी के लिए उन्होंने अपने जीवन का अमूल्य समय दिया है, वह कितना फल-फूल रही है? भारतीय समाज में एक पुरानी कहावत प्रचलित है कि किसी भी मामले में विचार मिले या न मिले किंतु किसी न किसी बहाने मिलते रहना चाहिए। लगातार मिलते-जुलते रहने से किसी दिन दिल भी मिल जाते हैं।
कुल मिलाकर कहने का आशय यह है कि आधुनिक तौर-तरीकों के माध्यम से आम जनता के साथ कनेक्ट होने की ई-विस्तारक योजना निहायत ही दूरदर्शी है। ई-विस्तारक कार्यकर्ताओं के घर जाकर जब उनसे पूरी जानकारी मांगते हैं तो उनमें अपनेपन का बोध होता है और यह अपनेपन को बोध निचले स्तर के कार्यकर्ताओं में पार्टी और नेतृत्व के प्रति आकर्षण और लगाव पैदा करता है। बिना संकोच के यह बात कही जा सकती है कि यही लगाव और आकर्षण सामान्य कार्यकर्ताओं को आम जनता के बीच कार्य करने के लिए प्रेरित करता है।
वास्तव में देखा जाये तो सोशल मीडिया का दौर कितना भी आगे निकल जाये किंतु भाजपा का भरोसा सदैव अपने कैडर पर होता रहता है। यदि विश्लेषण किया जाये तो भारतीय जनता पार्टी को यूं ही कैडर बेस पार्टी नहीं कहा जाता है। कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल भले ही भौकाल टाइप की राजनीति कर जनता में अपनी पैठ बनाना चाहते हैं किंतु भारतीय जनता पार्टी तो अपने कार्यकर्ताओं के दम पर ही जनता के दिलों पर राज कर रही है।
चूंकि, पारंपरिक जन संपर्क के माध्यमों के साथ-साथ पार्टी के कार्यकर्ता यदि डिजिटल माध्यम में भी पारंगत होते हैं तो और अधिक चार-चांद लग जाता है यानी इसे यूं भी कहा जा सकता है कि कार्यकर्ता बहुउद्देशीय हो जाता है। किसी भी कार्यकर्ता को जितनी अधिक जानकारी होती है, उसके जीवन में उन जानकारियों का बेहद लाभ मिलता है।
सही अर्थों में देखा जाये तो भाजपा अपने कार्यकर्ताओं का सर्वांगीण विकास चाहती है। कार्यकर्ताओं का यही सर्वांगीण विकास ही भारत को विश्व गुरु के मार्ग पर बढ़ने में सहायक साबित हो रहा है। निश्चित रूप से ई-विस्तारक योजना के माध्यम से संपर्क, संवाद एवं समन्वय की पद्धति को और बल मिलेगा। कुल मिलाकर बिना किसी लाग-लपेट के कहा जा सकता है कि ई-विस्तारक योजना बेहद उपयोगी एवं दूरदर्शी है। निश्चित रूप से इसका लाभ राष्ट्र, समाज एवं पार्टी को मिलेगा और अंततोगत्वा पार्टी का लक्ष्य भी यही है।
– हिमानी जैन, महामंत्री- भारतीय जनता पार्टी, दरियागंज मंडल, दिल्ली प्रदेश