4 February 2025

श्रद्धा-भक्ति

भारत का साहित्य विश्व का प्राचीनतम साहित्य है। भारत के तमाम धर्मग्रंथों और साहित्य में धनुष-बाण का...
जटाटवीगलज्जल प्रवाहपावितस्थले गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजंगतुंगमालिकाम्‌। डमड्डमड्डमड्डमनिनादवड्डमर्वयं चकार चंडतांडवं तनोतु नः शिवः शिवम ॥1॥ जटा कटा हसंभ्रम भ्रमन्निलिंपनिर्झरी...
भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में यह क्यों कहा, स्वधर्मे निधन श्रेय: परधर्मो भयावह:। जब तक हिंदुओं का...