राजधानी दिल्ली में रामभक्त रिंकू शर्मा की जिस तरह हत्या कर दी गई, उससे लगता है कि समाज में सांप्रदायिक विद्वेष की खाई किस प्रकार बढ़ती जा रही है? उसे कम करने के बहुत व्यापक स्तर पर प्रयास करने की आवश्यकता है। यदि ऐसी घटनाओं पर रोक नहीं लगाई गई तो समाज में विद्वेष की भावना और अधिक बढ़ती जायेगी। आज आवश्यकता इस बात की है कि हम सभी मिलकर समाज में सामाजिक समरसता और सांप्रदायिक सौहार्द को मजबूत करने के लिए व्यापक स्तर पर कार्य करें। इसी में राष्ट्र, समाज एवं सभी का कल्याण है।
शराब से लोगों के घर-परिवार उजड़ रहे हैं
शराब सरकारों के लिए बहुत बड़ा आय का स्रोत भले ही हो किन्तु इससे घरों-परिवारों के बर्बाद होने की संख्या भी कम नहीं है। आये दिन देखने एवं सुनने में मिलता रहता है कि शराब पी कर बाप ने बेटे के साथ बदसुलूकी की तो कहीं सुनने में आता है कि शराब के नशे में व्यक्ति ने पत्नी या बच्चों की हत्या कर दी। इस प्रकार की तमाम घटनाएं हमें यह सोचने के लिए मजबूर करती हैं कि यह समस्या बहुत ही गंभीर है। इसके खिलाफ व्यापक स्तर पर जन-जागरण की आवश्यकता है। शराब से बर्बाद होने वाले घर-परिवारों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है।
कोरोना के प्रति अभी लापरवाही भारी पड़ सकती है
कोरोना धीरे-धीरे भले ही कम हो रहा है किन्तु इसके प्रति अभी लापरवाही ठीक नहीं है क्योंकि कोरोना कब विकराल रूप धारण कर लेगा इस बात की कोई गारंटी नहीं है। वैसे भी देखा जाये तो कोरोना से लड़ने के लिए जितनी भी सावधानियां बताई गई हैं, यदि लोग उसको हमेशा अमल में लाते रहें तो अच्छा ही होगा क्योंकि ये सभी सावधानियां हमारे समाज की जड़ों में प्राचीन काल से ही रची-बसी हैं।
यदि साफ-सफाई पर लोग हमेशा ध्यान देते रहें तो यह अच्छा होगा। शहरों में तो मास्क धूल-मिट्टी एवं प्रदूषण से भी बचाव करेगा। इस संबंध में इससे भी बड़ी बात यह है कि जहां भी लोग इसके प्रति लापरवाही बरत रहे हैं, वहां यह दुबारा सिर उठाना शुरू कर दे रहा है। महाराष्ट्र एवं तमिलनाडु जैसे राज्यों की स्थिति हम सबके सामने है इसलिए हम सबकी यह जिम्मेदारी बनती है कि इसके प्रति लोग हमेशा सचेत रहें।
- भागवत सिंह, बागेश्वर (उत्तराखण्ड)