नासा का लक्ष्य है कि 2025-26 तक एक बार फिर इंसानों को चांद पर पहुंचाया जाए। लेकिन समस्या ये आ रही है की उसके पास अब बजट बहुत ही कम है।
दरअसल, खबरों के अनुसार, नासा एक बार फिर इंसानों को चांद पर भेजने से जुड़ा मिशन चलाना चाह रहा है। और इसके लिए अमेरिकी सरकार की ओर से एक रिपोर्ट भी जारी की गई, जिसमें ख़बरों के अनुसार, नासा के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि हमारा यह लॉन्च सिस्टम इतना महंगा साबित हो रहा है कि हम उस लक्ष्य को आसानी से प्राप्त ही नहीं कर सकते।
हालांकि नासा के कुछअधिकारियों का कहना है कि ऐसा भी नहीं है कि रॉकेट को बनाया ही नहीं जा सकता। लेकिन हमारे पास इसके लिए बजट बहुत कम है। ख़बरों के अनुसार नासा अपने स्पेस लॉन्च सिस्टम के खर्च को कम करना चाहता है।
नासा यह बात सीधे-सीधे तो नहीं कह पा रहा है लेकिन भारत के इसरो द्वारा लांच किये जा रहे एक के बाद एक सस्ते से सस्ते प्रोजेक्ट्स के आगे अब खुद को बोना और महँगा महसूस करने लगा है।
नासा से जुडी तमाम तरह की रिपोर्ट बताती है कि नासा के कुछ वरिष्ठ अधिकारी अपने लॉन्चिंग कार्यक्रमों की मौजूदा लागतों के स्तर पर इसे अस्थिर मानने लगा है।
हालांकि इस रिपोर्ट में खुलकर तो यह नहीं बताया गया है कि किन अधिकारियों ने ऐसा दावा किया है। और ना ही नासा के प्रवक्ता की ओर से अभी इस पर कोई टिप्पणी नहीं की गई है। लेकिन नासा से जुडी तमाम रिपोर्ट में खर्च और लागत को कम करने पर लगातार जोर दिया जा रहा है।
इसरो के चंद्रयान 3 मिशन की सफलता पर भी नासा ने अपने बधाई सन्देश में बड़े ही अलग अंदाज़ में सिर्फ यही लिखा था की “चंद्रयान 3 मिशन सफलता के लिए इसरो को बधाई।” जबकि अन्य सभी देशों ने इसके लिए लिखा था कि “चंद्रयान 3 मिशन के पहली बार चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लेंडिंग के लिए इसरो को बधाई।”
यानी यहां इसी बात से पता चलता है कि नासा ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण अमेरिका सरकार और अन्य दुश्मन देश भी भारत के इसरो मिशन की सफलता से चिड़े हुए हैं।