Skip to content
9 July 2025
  • Facebook
  • Twitter
  • Youtube
  • Instagram

DHARMWANI.COM

Religion, History & Social Concern in Hindi

Categories

  • Uncategorized
  • अध्यात्म
  • अपराध
  • अवसरवाद
  • आधुनिक इतिहास
  • इतिहास
  • ऐतिहासिक नगर
  • कला-संस्कृति
  • कृषि जगत
  • टेक्नोलॉजी
  • टेलीविज़न
  • तीर्थ यात्रा
  • देश
  • धर्म
  • धर्मस्थल
  • नारी जगत
  • पर्यटन
  • पर्यावरण
  • प्रिंट मीडिया
  • फिल्म जगत
  • भाषा-साहित्य
  • भ्रष्टाचार
  • मन की बात
  • मीडिया
  • राजनीति
  • राजनीतिक दल
  • राजनीतिक व्यक्तित्व
  • लाइफस्टाइल
  • वंशवाद
  • विज्ञान-तकनीकी
  • विदेश
  • विदेश
  • विशेष
  • विश्व-इतिहास
  • शिक्षा-जगत
  • श्रद्धा-भक्ति
  • षड़यंत्र
  • समाचार
  • सम्प्रदायवाद
  • सोशल मीडिया
  • स्वास्थ्य
  • हमारे प्रहरी
  • हिन्दू राष्ट्र
Primary Menu
  • समाचार
    • देश
    • विदेश
  • राजनीति
    • राजनीतिक दल
    • नेताजी
    • अवसरवाद
    • वंशवाद
    • सम्प्रदायवाद
  • विविध
    • कला-संस्कृति
    • भाषा-साहित्य
    • पर्यटन
    • कृषि जगत
    • टेक्नोलॉजी
    • नारी जगत
    • पर्यावरण
    • मन की बात
    • लाइफस्टाइल
    • शिक्षा-जगत
    • स्वास्थ्य
  • इतिहास
    • विश्व-इतिहास
    • प्राचीन नगर
    • ऐतिहासिक व्यक्तित्व
  • मीडिया
    • सोशल मीडिया
    • टेलीविज़न
    • प्रिंट मीडिया
    • फिल्म जगत
  • धर्म
    • अध्यात्म
    • तीर्थ यात्रा
    • धर्मस्थल
    • श्रद्धा-भक्ति
  • विशेष
  • लेख भेजें
  • dharmwani.com
    • About us
    • Disclamar
    • Terms & Conditions
    • Contact us
Live
  • लाइफस्टाइल
  • स्वास्थ्य

महामारी के दौर में सरकारी अस्पतालों का आत्मनिर्भर होना बेहद जरूरी

admin 26 December 2021
Government Hospitals condition in India
Spread the love

वर्तमान हालातों में ऐसा लगता है कि कोरोना नाम की वैश्विक महामारी नये-नये रूप बदल कर पूरे विश्व में अपना वर्चस्व बनाये रखना चाहती है। अब, जब अभी महामारी से निजात मिलने के कोई लक्षण नहीं दिख रहे हैं तो ऐसे में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का आत्मनिर्भर होना नितांत आवश्यक हो जाता है। आज पूरी दुनिया में कोरोना के नये रूप ओमिक्रोन की चर्चा बहुत जोरों से चल रही है और इससे प्रभावित लोगों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। दुनिया के तमाम देश इसकी चपेट में आ चुके हैं।

भारत में भी कोरोना के नये रूप में ओमिक्रोन का खौफ लगातार बढ़ता जा रहा है। जिस महामारी की दो लहर पहले ही लोग देख एवं झेल चुके हैं तो ऐसे में तीसरी लहर की चर्चा लोगों में भय पैदा कर रही है किन्तु इससे भयभीत होने के बजाय सतर्क रहने की आवश्यकता है। कोरोना से निपटने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से जो प्रोटोकाॅल निर्धारित किये गये हैं, उसका निरंतर पालन करते रहना है, साथ ही अपने परंपरागत तौर-तरीकों पर भी अमल करते
रहना है।

लंबे समय तक कोरोना महामारी की चपेट में रहने के कारण बहुत से लोगों के काम-धंधे भी प्रभावित हुए हैं। जब कमाई कम होती है तो बीमारी का नाम सुनकर लोग और भी डर जाते हैं और लोगों के मन में निरंतर यह भय बरकरार रहता है कि कुछ होने पर इलाज कराने कहां जायेंगे? प्राइवेट अस्पतालों में इलाज इतना महंगा होता है कि वहां सब लोग इलाज नहीं करवा सकते हैं। ऐसे में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए उम्मीद की किरण सरकारी अस्पताल ही बचते हैं।

सेवा और समर्पण की नायाब मिसाल हैं नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi)q

वर्तमान समय में सरकारी अस्पतालों की क्या स्थिति है, लोगों को किस हद तक इलाज मिल पाता है, यह किसी से छिपा नहीं है। ऐसी स्थिति में यह बेहद आवश्यक हो जाता है कि सरकारी अस्पताल चाहे जिस भी स्तर के हों, उन्हें इतना आत्मनिर्भर बना दिया जाये कि वहां से किसी मरीज को निराश होकर वापस ना आना पड़े।

स्वास्थ्य सेवाओं को सर्वदृष्टि से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बात की जाये तो निश्चित रूप से यह कहा जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार बहुत ही बेहतरीन कार्य कर रही है। दूसरी लहर में अस्पतालों में जब आॅक्सीजन की कमी के कारण लोगों को दिक्कत होने लगी तो उन्होंने आस्पतालों में आक्सीजन की कमी न होने पाये, इसके लिए युद्ध स्तर पर कार्य करना शुरू कर दिया।

प्रधानमंत्री द्वारा जो प्रयास शुरू किये गये थे, आज उसका असर सर्वत्र देखने को मिल रहा है। सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में निरंतर सुधार होता जा रहा है। कुल मिलाकर कहने का आशय यही है कि महामारी के दौर में आम लोगों के जीवन की रक्षा के लिए सरकारी अस्पतालों को आत्मनिर्भर बनाना ही होगा। इसके अतिरिक्त और कोई अन्य विकल्प भी नहीं है।

– जगदम्बा सिंह

About The Author

admin

See author's posts

964

Related

Continue Reading

Previous: इस मंदिर में होते हैं शनि देव की प्रतिमा के 16 शृंगार | Shani Temple in Indore
Next: युवाओं को सनातन संस्कृति से अवगत कराना ही होगा

Related Stories

war-and-environment-in-hindi
  • विशेष
  • स्वास्थ्य

युद्धो और युद्धाभ्यासों से पर्यावरण को कितना खतरा है?

admin 23 May 2025
Villagers under a tree in India
  • मन की बात
  • स्वास्थ्य

निरपेक्ष आर्थिक विकास के मार्ग पर भारत

admin 25 February 2025
Afghanistan and Pakistan border
  • कला-संस्कृति
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष

पुराणों के अनुसार ही चल रहे हैं आज के म्लेच्छ

admin 25 February 2025

Trending News

वैश्विक स्तर पर आपातकाल जैसे हालातों का आभास Natural Calamities 1

वैश्विक स्तर पर आपातकाल जैसे हालातों का आभास

28 May 2025
मुर्गा लड़ाई यानी टीवी डिबेट को कौन देखता है? 2

मुर्गा लड़ाई यानी टीवी डिबेट को कौन देखता है?

27 May 2025
आसान है इस षडयंत्र को समझना Teasing to Girl 3

आसान है इस षडयंत्र को समझना

27 May 2025
नार्वे वर्ल्ड गोल्ड मेडल जीत कर दिल्ली आने पर तनिष्क गर्ग का भव्य स्वागत समारोह Nave Word Medal 4

नार्वे वर्ल्ड गोल्ड मेडल जीत कर दिल्ली आने पर तनिष्क गर्ग का भव्य स्वागत समारोह

26 May 2025
युद्धो और युद्धाभ्यासों से पर्यावरण को कितना खतरा है? war-and-environment-in-hindi 5

युद्धो और युद्धाभ्यासों से पर्यावरण को कितना खतरा है?

23 May 2025

Total Visitor

078403
Total views : 143099

Recent Posts

  • वैश्विक स्तर पर आपातकाल जैसे हालातों का आभास
  • मुर्गा लड़ाई यानी टीवी डिबेट को कौन देखता है?
  • आसान है इस षडयंत्र को समझना
  • नार्वे वर्ल्ड गोल्ड मेडल जीत कर दिल्ली आने पर तनिष्क गर्ग का भव्य स्वागत समारोह
  • युद्धो और युद्धाभ्यासों से पर्यावरण को कितना खतरा है?

  • Facebook
  • Twitter
  • Youtube
  • Instagram

Copyright ©  2019 dharmwani. All rights reserved