17 जून 2024 की सुबह न्यू जलपाईगुड़ी के पास कंचनजंगा एक्सप्रेस को मालगाड़ी ने टक्कर मार दी। जिसमें करीब नौ लोगों की मौत हो गई और कई यात्रियों के घायल होने की खबर के बाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष श्री मल्लिकार्जुन खड़गे जी द्वारा ट्विटर (X) पर पूछे गए कुछ सवाल इस प्रकार से हैं:-
जब भी कोई रेल हादसा होता है, मौजूदा रेल मंत्री जी कैमरों से लैस घटनास्थल पर पहुँच कर ऐसा व्यवहार करते हैं जैसे सब कुछ ठीक हो गया हो।
@narendramodi जी, बताइये किसकी जवाबदेही तय होनी चाहिए, रेल मंत्री की या आपकी?
हमारे 7 प्रश्न हैं – जिनका जवाब मोदी सरकार को देना पड़ेगा !
1. बालासोर जैसे बड़े हादसे होने के बाद, बहुप्रचारित “कवच” सुरक्षा का एक भी किलोमीटर क्यों नहीं जोड़ा गया?
2. रेलवे में क़रीब 3 लाख़ पद खाली क्यों हैं, उनको पिछले 10 सालों में क्यों नहीं भरा गया?
3. NCRB (2022) रिपोर्ट के मुताबिक़ रेल हादसों में 2017 से 2021 के बीच ही 1,00,000 लोगों की मृत्यु हुई है ! इसकी ज़िम्मेदारी कौन लेगा?
रेलवे बोर्ड ने हाल ही में खुद माना है कि मानव संसाधन की भारी कमी के कारण लोको पायलटों के लंबे समय तक काम करने के घंटे, दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या का मुख्य कारण हैं। फिर पद क्यों नहीं भरे गये ?
4. संसदीय स्थायी समिति ने अपनी 323वीं रिपोर्ट में रेलवे सुरक्षा आयोग (CRS) की सिफारिशों के प्रति रेलवे बोर्ड द्वारा दिखाई गई “उपेक्षा” के लिए रेलवे की आलोचना की थी। कहा था कि CRS केवल 8%-10% हादसों की जांच करता है, CRS को मज़बूती क्यों नहीं प्रदान की गई?
5. CAG के अनुसार ‘राष्ट्रीय रेल संरक्षा कोष’ (RRSK) में 75% फंडिंग कम क्यों की गई, जबकि हर साल ₹20,000 Cr उपलब्ध करवाने थे। इसका पैसा रेलवे अधिकारियों द्वारा ग़ैर-ज़रूरी चीज़ों के ख़र्च व आराम फ़रमाने वाली सहूलियतों पर क्यों इस्तेमाल किया जा रहा है?
6. आम Sleeper Class से रेल यात्रा करना बहुत महंगा क्यों हो गया है? Sleeper Coach की संख्या क्यों घटाई गई है?
रेल मंत्री ने हाल ही में रेल डिब्बों में “अधिक भीड़” करने वालों के खिलाफ पुलिस बल का इस्तेमाल करने की बात कही। लेकिन क्या उन्हें नहीं पता कि पिछले साल सीटों की भारी कमी के कारण 2.70 करोड़ लोगों को अपनी टिकटें रद्द करानी पड़ी – जो कि मोदी सरकार की डिब्बों की संख्या कम करने की नीति का सीधा परिणाम है?
7. क्या मोदी सरकार ने 2017-18 में रेल बजट का आम बजट में विलय किसी भी तरह की जवाबदेही से बचने के लिए किया गया था? जनता इसका जवाब चाहती है!
स्वयं के महिमागान से मोदी सरकार द्वारा भारतीय रेलवे पर की गई आपराधिक लापरवाही को बदला नहीं जा सकता!
शीर्ष स्तर पर जवाबदेही तय की जानी चाहिए।