![SHADOW BAN ON SOCIAL MEDIA](https://i0.wp.com/dharmwani.com/wp-content/uploads/2023/06/SHADOW-BAN-ON-SOCIAL-MEDIA.jpg?fit=1024%2C682&ssl=1)
एक खबर के अनुसार आजकल सोशल मीडिया पर दुनिया में सबसे अधिक Shadow ban (शेडो बैन) का इस्तमाल भारत में और विशेषकर हिंदुओं के खिलाफ किया जा रहा है। लेकिन इस बात की जानकारी खुद हिंदुओं को ही नहीं है कि आखिर ये शेडो बैन होता क्या है और उनके साथ इस प्रकार का षड्यंत्र किसके द्वारा किया जा रहा है? अगर हम खबरों को आधार माने तो इसमें हमारी सरकारें भी इन बहुराष्ट्रीय कंपनियों और शोसल मीडिया के इशारों पर ही काम करती हैं और उनके साथ कंधे से कंधा मिला कर चलती हुई प्रतीत होती हैं। यानी हमारी सरकारें ही इस बैन का इस्तमाल विदेशी कंपनियां या फिर देश और धर्म विरोधी अन्य ताकतों के खिलाफ आवाज उठाने वाले उन कुछ विशेष हिंदुओं के खिलाफ करती हैं ताकि सरकारों की सच्चाई आम लोगो के सामने न आ सके।
दरअसल, शेडो बैन एक ऐसी डिजिटल तकनीक है जिसके तहत सोशल मीडिया अकाउंट चलाने वाले के विचारों को उसके फालोवर्स या उपयोग करने वाले व्यक्ति से या फिर उसकी विचारधारा से दूर रखने या उसके सच को सामने न आने देने के लिए कुछ ऐसे शब्दों का चयन किया जाता है जिनके द्वारा उसकी पोस्ट या ऑडियो-विडियो आदि को उस विशेष विचारधारा या उस व्यक्ति से आंशिक रूप से छुपा दिया जाता है।
इस शेडो बैन के तहत मात्र शब्दों को ही नहीं बल्कि, सोशल मीडिया के उन यूजर तक उसकी फोटो, वीडियो या फिर उसकी आवाज की पहचान कर उसको उसके फालोवर्स तक जाने से रोक दिया जाता है। यह एक डिजिटल क्रांति का ही आधुनिक रूप और षड्यंत्र माना जा सकता है। इस बैन के तहत कोई कितने भी हैश टैग बदल कर, अकाउंट बदल कर, नाम बदलकर इस्तमाल कर लें, एक्सप्लोरर्स तक उसकी किसी भी सामग्री या विचारों पहुँचने से पहले ही बैन कर दिया जाता है।
हालांकि, साधरणतया कानूनी तौर पर शेडो बैन का उपयोग सोशल मीडिया के उन एकाउंट्स पर किया जाता है जो किसी देश या समाज के विरुद्ध कार्य करते हैं या फिर किसी विशेष व्यक्ति द्वारा किसी विशेष व्यक्ति को सामाजिक, मानसिक या अन्य प्रकार से प्रताड़ित करने के लिए कोई विशेष सामग्री डाली जाती है। लेकिन वर्तमान में कुछ सरकारें अब अपने कारनामों को छुपाने और विरोध को दबाने के लिए भी इस शेडो बैन का उपयोग सोशल मीडिया के द्वारा करने लगीं हैं।
हाल ही की एक घटना को लेकर जब ट्विटर के CEO से एक पत्रकार ने सवाल किया कि ये तो किसी अकाउंट को प्लेटफार्म से हटाने या डिलीट करने जैसा है तो उनका कहना था कि हम अपनी मर्जी से किसी भी कीमत पर किसी भी यूजर के अकाउंट को तब तक नहीं हटा सकते जब तक की वह यूजर किसी असामाजिक या अमानवीय गतिविधि में लिप्त न पाया गया हो। और यदि हम यूँ ही किसी के अकाउंट को किसी की सिफारिश पर हटा देते हैं तो यह किसी भी कानून के खिलाफ होता है और वह यूजर हमारे खिलाफ कानूनी कार्यवाही कर सकता है। यही कारण है कि ऐसी शैडो बेन तकनीक के जरिए हम उसको प्रतिबंधित कर देते हैं ताकि हम किसी भी देश के कानूनी जाल में न फंस सकें।
सोशल मीडिया के हर एक प्लेटफार्म के करीब-करीब सभी CEO खुद इस बात को किसी न किसी तरीके से स्वीकार करते हैं की हम पर सबसे अधिक दबाव भारत से ही आता है, और यह दबाव 2014-15 के बाद से तो आश्चर्यजनक तरीके से और अधिक आने लगा है। उनका कहना है की करीब-करीब उन 95 प्रतिशत ऐसे सोशल मीडिया अकाउंट्स को शेडो बैन करने की सिफारिशें सबसे अधिक आ रही है जिनको भारत से और भारत के बाहर से शायद हिंदू हितों के लिए चलाया जा रहा है। ऐसे में हमें इन अकाउंट्स पर शेडो बैन लगाना मजबूरी हो जाता है।
इसके अलावा इन CEO का कहना है की अन्य जिन अकाउंट्स को बैन किया जाता है उनमें अमेरिका के वे लोग भी शामिल हैं जो विशेषकर राष्ट्रवादी विचारधारा के हैं और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी के समर्थक हैं। इसके अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन के पुत्र हंटर से जुड़े प्रमुख खुलासे करने वाले एक पत्रकार ने दस्तावेजों के मुद्दे को जब न्यूयॉर्क टाइम्स के ट्विटर अकाउंट के माध्यम से उजागर किया तो आनन-फानन में ट्विटर ने उस पोस्ट को भी शैडो बैन कर दिया था। बाद में एलन मस्क ने स्वयं बताया कि हमने उस समय इस अकाउंट को बैन किसी के कहने पर कर दिया था।
– गणपत सिंह, खरगोन (मध्य प्रदेश)