कुरुक्षेत्र गुरुकुलम् फाउंडेशन (KGF) द्वारा हिंदी एवं अंग्रेजी में संचालित तीन महीने (कुल 73 घंटे) तक चले ‘आदि शंकराचार्य और सनातन का पुनर्जागरण’ कोर्स के पहले बैच की समाप्ति हो चुकी है। 70 हिंदुओं ने इस कोर्स का अध्ययन किया।
ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी ने 31 अगस्त 2024 को दिल्ली के पीतमपुरा स्थित नरसिंह सेवासदन में आयोजित एक कार्यक्रम में कुरुक्षेत्र गुरुकुलम् फाउंडेशन में अध्ययन किये विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र देकर अपना आशीर्वाद दिया।
इस अवसर पर शंकराचार्य जी ने कहा कि कुरुक्षेत्र गुरुकुलम् फाउंडेशन ने यह अप्रतिम कार्य किया है। आदि शंकराचार्य एवं उनके द्वारा सनातन धर्म के पुनरुत्थान के लिए जो किया गया उनके बारे में जानने के लिए यह कोर्स अपने आप में पूर्ण है। इसके लिए संदीप देव एवं उनकी टीम बधाई के पात्र हैं। शंकराचार्य जी ने आदि शंकराचार्य पर विद्यार्थियों द्वारा पूछे गये प्रश्नों का भी उत्तर दिया।
राम जन्मभूमि मामले में प्रमुख अधिवक्ता पी.एन.मिश्रा जी ने मुख्य अतिथि की भूमिका का निर्वहन करते हुए आदि शंकराचार्य की पूरी परंपरा और उनके द्वारा सनातन धर्म को बचाने के पूरे अभियान के बारे में विद्यार्थियों को अवगत कराया। आदि शंकराचार्य पर अब तक की सबसे शोधपरक पुस्तक ‘अमिट काल रेखा’ के रचनाकार पी.एन.मिश्रा ने भगवान विष्णु अवतार आदि बुद्ध और सिद्धार्थ गौतम बुद्ध के बीच अंतर स्पष्ट करते हुए, इस बारे में विद्यार्थियों की शंका का भी समाधान किया।
कुरुक्षेत्र गुरुकुलम् फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष संदीप देव ने शंकराचार्यजी का धन्यवाद करते हुए कहा कि आज इतिहास रचा गया है। आदि शंकराचार्य के कोर्स पर उसी परंपरा के शंकराचार्य जी ने प्रमाण पत्र प्रदान किया है, जो एक तरह से आदि शंकराचार्य का ही आशीर्वाद है। संदीप देव ने उपस्थित लोगों को ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य जी द्वारा चातुर्मास के बाद आरंभ होने वाले ‘गौ-ध्वज प्रतिष्ठान’ यात्रा के बारे में भी उपस्थित लोगों को अवगत कराया।
इससे पूर्व कोर्स के संयोजक कमल रावत ने शंकराचार्य जी के सम्मुख पूरे कोर्स की रूपरेखा स्पष्ट की। प्रमाण पत्र प्राप्त कर चुके विद्यार्थियों ने भी इस मौके पर अपना-अपना अनुभव साझा किया। KGF के IT प्रमुख राकेश ओझा ने इस मौके पर संस्थान के नये वेबसाइट को प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में KGF की निदेशक श्वेता देव, संचालक डॉ चेतन मान एवं प्रबंधक अमरदीप देव ने भी शंकराचार्य जी का धन्यवाद किया। इस अवसर पर पत्रकार एवं लेखक मधु किश्वर, विशाल सिंह सहित बड़ी संख्या में गणमान्य लोग उपस्थित थे।