Skip to content
28 June 2025
  • Facebook
  • Twitter
  • Youtube
  • Instagram

DHARMWANI.COM

Religion, History & Social Concern in Hindi

Categories

  • Uncategorized
  • अध्यात्म
  • अपराध
  • अवसरवाद
  • आधुनिक इतिहास
  • इतिहास
  • ऐतिहासिक नगर
  • कला-संस्कृति
  • कृषि जगत
  • टेक्नोलॉजी
  • टेलीविज़न
  • तीर्थ यात्रा
  • देश
  • धर्म
  • धर्मस्थल
  • नारी जगत
  • पर्यटन
  • पर्यावरण
  • प्रिंट मीडिया
  • फिल्म जगत
  • भाषा-साहित्य
  • भ्रष्टाचार
  • मन की बात
  • मीडिया
  • राजनीति
  • राजनीतिक दल
  • राजनीतिक व्यक्तित्व
  • लाइफस्टाइल
  • वंशवाद
  • विज्ञान-तकनीकी
  • विदेश
  • विदेश
  • विशेष
  • विश्व-इतिहास
  • शिक्षा-जगत
  • श्रद्धा-भक्ति
  • षड़यंत्र
  • समाचार
  • सम्प्रदायवाद
  • सोशल मीडिया
  • स्वास्थ्य
  • हमारे प्रहरी
  • हिन्दू राष्ट्र
Primary Menu
  • समाचार
    • देश
    • विदेश
  • राजनीति
    • राजनीतिक दल
    • नेताजी
    • अवसरवाद
    • वंशवाद
    • सम्प्रदायवाद
  • विविध
    • कला-संस्कृति
    • भाषा-साहित्य
    • पर्यटन
    • कृषि जगत
    • टेक्नोलॉजी
    • नारी जगत
    • पर्यावरण
    • मन की बात
    • लाइफस्टाइल
    • शिक्षा-जगत
    • स्वास्थ्य
  • इतिहास
    • विश्व-इतिहास
    • प्राचीन नगर
    • ऐतिहासिक व्यक्तित्व
  • मीडिया
    • सोशल मीडिया
    • टेलीविज़न
    • प्रिंट मीडिया
    • फिल्म जगत
  • धर्म
    • अध्यात्म
    • तीर्थ यात्रा
    • धर्मस्थल
    • श्रद्धा-भक्ति
  • विशेष
  • लेख भेजें
  • dharmwani.com
    • About us
    • Disclamar
    • Terms & Conditions
    • Contact us
Live
  • षड़यंत्र
  • हिन्दू राष्ट्र

इस्लामिक आक्रमणों की ही देन है हिंदू समाज की कुरीतियां: विनायकराव देशपांडे

admin 9 March 2022
Spread the love

 

मुंबई के घाटकोपर में आयोजित एक समरसता संगोष्ठी में विश्व हिंदू परिषद के संगठन महामंत्री माननीय श्री विनायकराव देशपांडेजी ने अपने विचार व्यक्त किये। विनायक देशपांडे ने कहा कि ‘हम सब प्रबुद्ध जन अंतर्मुख होकर जब विचार करते हैं की आज भी हिंदू समाज में अस्पृश्यता का प्रचलन शुरू है। मन में प्रश्न आता है की हिंदू धर्मग्रंथ तथा तत्वद्न्यान में कहीं भी छुआछूत के बारे में उल्लेख नहीं है। तो यह अस्पृश्यता कहां से आई?

हम सब देखते हैं कि संत रामानंदाचार्य, संत नरसी मेहता, संत तुकाराम संत ज्ञानेश्वर, संत रविदास इत्यादि महानुभाव ने छुआछूत का प्रखरता से विरोध किया है। तत्वद्न्यान में तो हम सर्वश्रेष्ठ है लेकिन आचरण में हम कम पड़ते हैं। हमारी कथनि और करणी मे अंतर है। भारत के अतीत में सत्य काम जाबालि, महर्षि वेदव्यास तथा अनेकों ऋषि यों ने योगदान दिया है जो उच्च वर्ण या सवर्ण समाज से नहीं थे। श्री विनायकराव देशपांडे ने प्रश्न पूछा की “ये छुपाछहुत बिमारी कब आयी?”

इस विषय पर चिंतन करते हुए उन्होंने कहा कि अस्पृश्यता वेदों में नहीं रामायण महाभारत आदि ग्रंथों में नहीं। चौथी शती में चीनी प्रवासी फायन के प्रवास वर्णन हमें मिलते हैं उसमें भी छुआछूत का वर्णन नहीं है।

छठी शताब्दी में संस्कृत लेखक बाणभट्ट के कादंबरी ग्रंथ में राजा शूद्रक चांडाल राजा की राज कन्या से विवाह करता है ऐसा उल्लेख है । इसका अर्थ यह हुआ की छठी शताब्दी में भी राजा और चांडाल में विवाह संबंध होते थे। श्री विनायक राव देशपांडे जी ने प्रतिपादित किया की, इस्लाम के आक्रमण के बाद छुआछूत की कुरीतियां हिंदू समाज में आई।

Ex-Muslim of Kerala : ‘एक्स’ बनते मुस्लिमों ने कट्टरता को दी मात

पृथ्वीराज चौहान की पराजय के बाद संपूर्ण हिंदू समाज में एक हतप्रभता का भाव आया और इस्लामी आक्रमणकारियों ने अनेकों राजाओं को बल से मुस्लिम धर्म अपनाने को मजबूर किया। जिन राजाओं ने इस्लाम कबूल नहीं किया उनको मैला ढोने का काम लगा दिया।

गांधीवादी सर्वोदयी नेता प्रोफेसर मलकानी की  रिपोर्ट का प्रमाण देकर श्री देशपांडे जी ने कहा कि 80% वाल्मीकि समाज के लोगों का गोत्र क्षत्रियों का है और 20% ब्राह्मणों का । इसका अर्थ यह हुआ कि जिन क्षत्रिय राजाओं ने इस्लाम धर्म नहीं अपनाकर हिंदू धर्म में नीचे स्तर का काम किया वह सभी समाज हमारे विशेष आदर के पात्र होने चाहिए। आज के सवर्ण हिंदू समाज ने उनकी इस धर्म परायणता पर गर्व महसूस करना चाहिए।

डॉक्टर के एस लाल लिखित The growth of scheduled cast in India इस पुस्तक का प्रमाण देते हुए देशपांडे ने कहा की इस्लाम आने के बाद विभिन्न जातियां और उनमें भेदभाव बढा। भारत में इस्लाम के पूर्व मांसाहार का सेवन ज्यादा प्रचलित नहीं था। इस्लाम अरबस्तान से आया जहां प्राणियों का मांस खाना एक आम बात थी। उन्होंने यहां प्राणियों की हत्या शुरू की। यह काम करने के लिए भी चर्मकार समाज को उन्होंने मजबूर किया। हिंदू धर्म में रहने के लिए हमारे ही क्षत्रिय जो गुलाम बने थे उन्होंने चर्मकार का काम शुरू किया और हिंदू ही रहे। अंग्रेजों ने भी 429 जातियों का विवरण देकर हिंदू समाज को विभिन्न जातियों में बांटा।

Yati Narsinghanand Latest : हिंदू हित में जो बोलेगा, कुचल दिया जाएगा

विनायकराव देशपांडे ने खेल की परिभाषा में समझाते हुए कहा की क्रिकेट में हम कभी बैकफुट पर जाकर खेलते हैं या फ्रंट फुट पर जाकर खेलते हैं। इस्लाम के अनवरत आक्रमणों से परेशान होकर हमारे पूर्वजों ने धर्म की रक्षा के लिए कुछ बंधन खुद पर डालें जैसे पर्दा की प्रथा। इसको हम बैकफुट पर जाकर खेलना कह सकते हैं।

रामायण में सीता जी का स्वयंवर हुआ तब उन्होंने घुंघट नहीं डाला था वैसे ही महाभारत में द्रोपदी ने घुंघट नहीं उड़ा था इसका अर्थ यह हुआ कि इस्लाम के आक्रमण के बाद हिंदू परियों का घर से बाहर जाना उचित नहीं समझा गया। जैसे कछुआ उसके ऊपर आक्रमण होने के बाद अपने हाथ और अन्य इंद्रिय अंदर सिकुड़ कर लेता है वैसे ही हिंदू समाज ने कुछ बंधन अपने अस्तित्व की लड़ाई जीतने के लिए डालें।

जिन जगह पर इस्लाम का राज्य था उन स्थानों पर हिंदुओं में विवाह रात में होता था और जिन स्थानों पर इस्लाम का राज्य नहीं था वहां दिन में शादियां होती थी। और बाल विवाह की प्रथा भी हमारे यहां इस्लाम के आक्रमण के पहले नहीं थी। हमारे यहां तो सीता स्वयंवर द्रौपदी स्वयंवर होता था।

इस्लाम ने जहां आक्रमण किया वहां स्त्रियों के साथ बर्बरता पूर्ण व्यवहार किया है। इसलिए बाल विवाह की प्रथा का प्रचलन हुआ। ताकि बाल्यकाल से ही स्त्री का उसके मायके और ससुराल वाले रक्षण कर सकें। इसका अर्थ यह हुआ कि इस्लाम के आक्रमण को निरस्त करने के लिए हिंदू समाज ने कुछ बातें बंधन के स्वरूप अपनायी।

14 वी सदी में समुद्र उल्लंघन करने के लिए भी प्रतिबंध लगा दिया इसका एक कारण यह भी था कि समुद्र लंघन करने के बाद धर्मांतर बढ़ जाएगा और जो कोई बचा कुचा हिंदू समाज है वह भी इस्लाम में परिवर्तित होगा। श्री विनायक देशपांडे ने कहा कि आज हमें जो कुरीतियां लगती है वह सब 10 वीं शताब्दी के बाद इस्लाम के आक्रमण के फलस्वरूप हमें मिली है ।

डॉक्टर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की सामाजिक समरसता के विचारों पर भाष्य करते हुए श्री विनायक देशपांडे ने कहा की बाबा साहब अंबेडकर ने मजबूरी में बुद्ध धर्म में धर्मांतरण किया। उस समय का हिंदू समाज मंदिरों में दलितों का प्रवेश तथा सार्वजनिक स्थानों पर पेयजल की उपलब्धता करने में असमर्थ रहा। बाबा साहब अंबेडकर ने भारत की परंपरा से ही जन्मे बुद्ध धर्म में प्रवेश करके हिंदू समाज पर बहुत बड़ा उपकार किया है। यदि डा अंबेडकर ईसाई या मुस्लिम बन जाते तो आज के अनुसूचित वर्ग के लोग भी मुस्लिम बन जाते और हिंदू और मुस्लिम जनसंख्या का अनुपात बिगड़ जाता।

तत्वद्न्यान की दृष्टि से देखें तो हिंदू धर्म महान है लेकिन जन सामान्य का आचरण छुआछूत में लिप्त है। इस कठिन परिस्थिति में हमें अंतरमुख होकर यह विचार करना होगा कि भारत का स्वर्णिम भविष्य बनाना है तो समरसता का भाव हर एक भारतीय के मन में जगाना होगा। इस काम में विश्व हिंदू परिषद बड़ा योगदान दे रही है। इस कार्य में प्रबुद्ध जनों का भी जुड़ना बहुत आवश्यक है ऐसा उन्होंने कहा। बढ़ते धर्मांतर को रोकने के लिए समग्र हिंदू समाज को सब जाति पंथ भूलकर एकत्र आना होगा ऐसा प्रतिपादन उन्होंने किया।

– dharmwani.com

About The Author

admin

See author's posts

853

Related

Continue Reading

Previous: Manimahesh Yatra 2024 : आखिर इतनी कठीन क्यों है मणिमहेश की यात्रा?
Next: अति भौतिकतावाद के कारण प्राकृतिक संसाधन दांव पर

Related Stories

Natural Calamities
  • विशेष
  • षड़यंत्र

वैश्विक स्तर पर आपातकाल जैसे हालातों का आभास

admin 28 May 2025
  • विशेष
  • षड़यंत्र

मुर्गा लड़ाई यानी टीवी डिबेट को कौन देखता है?

admin 27 May 2025
Teasing to Girl
  • विशेष
  • षड़यंत्र

आसान है इस षडयंत्र को समझना

admin 27 May 2025

Trending News

वैश्विक स्तर पर आपातकाल जैसे हालातों का आभास Natural Calamities 1

वैश्विक स्तर पर आपातकाल जैसे हालातों का आभास

28 May 2025
मुर्गा लड़ाई यानी टीवी डिबेट को कौन देखता है? 2

मुर्गा लड़ाई यानी टीवी डिबेट को कौन देखता है?

27 May 2025
आसान है इस षडयंत्र को समझना Teasing to Girl 3

आसान है इस षडयंत्र को समझना

27 May 2025
नार्वे वर्ल्ड गोल्ड मेडल जीत कर दिल्ली आने पर तनिष्क गर्ग का भव्य स्वागत समारोह Nave Word Medal 4

नार्वे वर्ल्ड गोल्ड मेडल जीत कर दिल्ली आने पर तनिष्क गर्ग का भव्य स्वागत समारोह

26 May 2025
युद्धो और युद्धाभ्यासों से पर्यावरण को कितना खतरा है? war-and-environment-in-hindi 5

युद्धो और युद्धाभ्यासों से पर्यावरण को कितना खतरा है?

23 May 2025

Total Visitor

078191
Total views : 142568

Recent Posts

  • वैश्विक स्तर पर आपातकाल जैसे हालातों का आभास
  • मुर्गा लड़ाई यानी टीवी डिबेट को कौन देखता है?
  • आसान है इस षडयंत्र को समझना
  • नार्वे वर्ल्ड गोल्ड मेडल जीत कर दिल्ली आने पर तनिष्क गर्ग का भव्य स्वागत समारोह
  • युद्धो और युद्धाभ्यासों से पर्यावरण को कितना खतरा है?

  • Facebook
  • Twitter
  • Youtube
  • Instagram

Copyright ©  2019 dharmwani. All rights reserved