Skip to content
26 August 2025
  • Facebook
  • Twitter
  • Youtube
  • Instagram

DHARMWANI.COM

Religion, History & Social Concern in Hindi

Categories

  • Uncategorized
  • अध्यात्म
  • अपराध
  • अवसरवाद
  • आधुनिक इतिहास
  • इतिहास
  • ऐतिहासिक नगर
  • कला-संस्कृति
  • कृषि जगत
  • टेक्नोलॉजी
  • टेलीविज़न
  • तीर्थ यात्रा
  • देश
  • धर्म
  • धर्मस्थल
  • नारी जगत
  • पर्यटन
  • पर्यावरण
  • प्रिंट मीडिया
  • फिल्म जगत
  • भाषा-साहित्य
  • भ्रष्टाचार
  • मन की बात
  • मीडिया
  • राजनीति
  • राजनीतिक दल
  • राजनीतिक व्यक्तित्व
  • लाइफस्टाइल
  • वंशवाद
  • विज्ञान-तकनीकी
  • विदेश
  • विदेश
  • विशेष
  • विश्व-इतिहास
  • शिक्षा-जगत
  • श्रद्धा-भक्ति
  • षड़यंत्र
  • समाचार
  • सम्प्रदायवाद
  • सोशल मीडिया
  • स्वास्थ्य
  • हमारे प्रहरी
  • हिन्दू राष्ट्र
Primary Menu
  • समाचार
    • देश
    • विदेश
  • राजनीति
    • राजनीतिक दल
    • नेताजी
    • अवसरवाद
    • वंशवाद
    • सम्प्रदायवाद
  • विविध
    • कला-संस्कृति
    • भाषा-साहित्य
    • पर्यटन
    • कृषि जगत
    • टेक्नोलॉजी
    • नारी जगत
    • पर्यावरण
    • मन की बात
    • लाइफस्टाइल
    • शिक्षा-जगत
    • स्वास्थ्य
  • इतिहास
    • विश्व-इतिहास
    • प्राचीन नगर
    • ऐतिहासिक व्यक्तित्व
  • मीडिया
    • सोशल मीडिया
    • टेलीविज़न
    • प्रिंट मीडिया
    • फिल्म जगत
  • धर्म
    • अध्यात्म
    • तीर्थ यात्रा
    • धर्मस्थल
    • श्रद्धा-भक्ति
  • विशेष
  • लेख भेजें
  • dharmwani.com
    • About us
    • Disclamar
    • Terms & Conditions
    • Contact us
Live
  • सोशल मीडिया
  • हिन्दू राष्ट्र

हिंदुत्व की आखिरी उम्मीद अब मोदी-शाह नहीं बल्कि योगी और हेमंत विश्व शर्मा हैं!

admin 20 November 2021
Rashtrawad Ka Uday
Spread the love

अब तक की सबसे मजबूत कहे जाने वाली मोदी केन्द्र की सरकार ने जैसे ही अपने कृषि कानूनों को वापस लिया, वैसे ही राष्ट्रवादी मीडिया ने आनन-फानन में अपने-अपने तर्क देकर मास्टस्ट्रोक जड़ने शुरू कर दिये और मुंहनोचवा सवालों से अपनी जान छूड़ाने लगे। मोदी सरकार को ये नहीं भूलना चाहिए कि आम जनता के बीच होने वाली आज के दौर की बहस किसी चैराहे पर या किसी पान की दुकान या किसी चाय की दूकान पर नहीं बल्कि सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफार्मस पर होती है जहां किसी भी राष्ट्रवादी या किसी भी सैक्युलर के लिए जान बचाना या पीछा छूड़ाना आसान बात नहीं है। क्योंकि उनके तमाम पिछले बयान और विचार जस के तस इन सोशल मीडिया के प्लेटफार्मस पर मिल जाते हैं।

केन्द्र की मोदी सरकार को ये भी नहीं भूलना चाहिए कि आज एकतरफा संवाद का दौर नहीं बल्कि आमने सामने का डीजिटल वार वाला दौर है फिर चाहे इसमें दोस्त हों या परिवार के ही अपने सदस्य। सभी को मालूम है कि किसके क्या विचार हैं। कौन क्या कहता है और कितनी जानकारी रखता है। जहां एक ओर कृषि कानूनों की वापसी से आम राष्ट्रवादी लोगों की जवाबदेही शर्म के दायरे में आ चुकी है वहीं कृषि कानूनों की वापसी को सैक्यूलरवादियों ने अपना हथियार बनाकर राष्ट्रवादियों की तरफ अपने जहरीले तीर चलाना शुरू कर दिया है।

अधिकतर राष्ट्रवादियों का न सिर्फ मानना है बल्कि आशंका भी है कि नरेंद्र मोदी जैसे ही इटली की यात्रा से वापस स्वदेश लौटे हैं उसके बाद से कुछ न कुछ देश विरोधी अनहोनियां सामने आने लगी हैं। इस शक के पीछे कारण ये है कि जिस प्रकार से इस दौरे के दौरान पीएम मोदी ने पोप को गले लगाकर झप्पी दी थी उससे अनायास ही सही लेकिन, अधिकतर ने सीधे-सीधे कह दिया कि कहीं ऐसा न हो कि मोदी और पोप की ये झप्पी भी सिद्धू और बाजवा की झप्पी जैसी ही षड्यंत्रों वाली साबित होने लगे।

धीरे-धीरे ही सही लेकिन, राष्ट्रवादियों का शक मोदी के प्रति तब और अधिक गहरा हो गया जब इटली के दौरे के बाद उन्होंने जिस प्रकार से इटली की उस अगस्ता वेस्टलैंड नामक एक हथियार कंपनी पर अपने द्वारा ही लगाया हुआ बैन अचानक हटा दिया। इसके बाद ऐसे ही कुछ अन्य फैसले कह लो या बयानबाजी कह लो सभी कुछ नहीं तो कुछ न कुछ तो ऐसे जिससे शक गहरा रहा है कि हो न हो मोदी सरकार भी अब धीरे-धीरे सैक्यूलरवाद की तरफ अपने कदम मजबूती से रख रही है।

उत्तराखण्ड और हरियाणा के गुरुग्राम में जिस प्रकार से खुले में नमाज अदा करने को लेकर हिंदूवादी और राष्ट्रवादी लोग आवाज उठा रहे हैं और उसमें न सिर्फ विफल हो रहे हैं बल्कि जेल भी जाना पड़ रहा है उसको देखते हुए राष्ट्रवादी और विशेषकर हिंदूवादी संगठनों और वोटरों में अब अपनी ही पार्टी के शाशित राज्यों में, यानी अपने ही गढ़ों में होने वाले अपने उन छोटे-छोटे विरोध प्रदर्शनों में भी उन्हें डर लगने लगा है।

सनातन को बचाना है तो खुद को भी बदलना होगा

जिस प्रकार से केन्द्र्र की राष्ट्रवादी सरकार ने देशविरोधी ताकतों के आगे घूटने टेक दिये और माफी मांग ली है उसे देखते हुए राष्ट्रवादी और हिंदूवादी संगठनों ने मौन धारण कर लिया है। जबकि यही राष्ट्रवादी और हिंदूवादी संगठन यदि उत्तर प्रदेश में होते तो उनकी एक आवाज पर न सिर्फ पुलिस महकमा बल्कि पूरा मुख्यमंत्री तक भी वहां पहुंच कर उनकी बात को अनसूना नहीं कर सकते थे और तुरंत कार्रवाही कर देते। लेकिन अफसोस है कि केन्द्र की जिस भाजपा को महाराष्ट्रवादी सरकार समझा गया वह तो महा सैक्यूलरवादी सरकार साबित हो रही है।

जहां एक ओर हिंदूवादी संगठनों को उम्मीद जगी थी के 2014 के बाद से उन्हें अपने पैर जमाने के अवसर मिलने लगेंगे वहीं गौरक्षकों को खुद मोदी ने ही एक सभा में भाषण के दौरान गुण्डे कह कर संबोधित कर दिया था। इसके बाद तो रही सही कसर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी अपने एक डीएनए वाले बयान के बाद पूरी कर दी।

संघ प्रमुख मोहन भागवत एक अन्य समारोह में इशरों-इशारों में ये भी बता दिया कि वे न सिर्फ सैक्यूलरवादी हैं बल्कि मूर्तिपूजकों के लिए दूश्मन से कम भी नहीं हैं। उन्होंने जिस प्रकार से बयान दिया कि ‘आजकल तो नये-नये देवता आने लगे हैं’ उससे साफ जाहिर होता है कि उनका इशरा हो न हो सीधे-सीधे श्रीमान योगी और श्रीमान हेमंत विश्व शर्मा की तरफ ही रहा होगा। क्योंकि आजकल श्रीमान योगी और श्रीमान हेमंत विश्व शर्मा ही हैं जो हिंदूत्व के लिए एक उम्मीद के देवता के तौर पर उभर कर सामने आ चुके हैं। जाहिर है कि ऐसे में सैक्यूलरवादी पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का सिंहासन डोल जो रहा है।

क्या गलत होगा अगर भारत हिंदू राष्ट्र बनता है तो? | India Hindu Nation

संघ और भागवत जी को चिंता है कि यदि श्रीमान योगी और श्रीमान हेमंत विश्व शर्मा ने यदि अपना कद कुछ और अधिक बड़ा कर लिया तो पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को अपना बोरिया बिस्तर समेटना ही पड़ेगा। और न सिर्फ समेटना पड़ेगा बल्कि उनका हाल भी कहीं आडवाणी जी जैसा ही न हो जाये।

ऐसी मात्र यही एक घटना नहीं बल्कि इसके अलावा भी बहुत सी धटनाएं हुई हैं जिनमें मोदी ने अपनी क्षमता और तथाकठित राष्ट्रवाद का दिखावा पेश करते हुए असली राष्ट्रवादियों को निराश किया है। उदाहरण के तौर पर कोरोनाकाल के दौरान दिल्ली के निजामउद्दीन क्षेत्र से मौलाना साद को जिस प्रकार से गायब होने का अवसर प्रदान किया गया वह किसी से छूपा नहीं है।

भले ही आज भी हिंदूवादी संगठनों को एक उम्मीद नरेंद्र मोदी और अमित शाह की बजाय अब योगी आदित्यनाथ और हेमंत विश्व शर्मा में दिख रही है लेकिन समस्या तो ये है कि वहां भी संघ का ही बोलबाला है। तभी तो 26 जनवरी वाली उस लाल किले की हिंसक घटना के बाद जैसे ही शाम को योगी जी ने दिल्ली बार्डर पर अपनी ताकत आजमानी चाही वैसे ही दिल्ली से शायद मोदी जी का या फिर एक डीएनए वाले भागवत जी का फोन चला गया कि, नहीं आप ने कुछ भी नहीं करना है, जो कुछ भी करना है तथाकथित किसानों ने ही करना है।

मेरे इन विचारों और इन तमाम घटनाओं के बाद अंत में मुझे एक किस्सा याद आता है जिसके अनुसार- एक थाने के दारोगा साहब कुछ लोगों को लाइन में खड़ा कर उनसे किसी चोरी की घटना के विषय में पूछताछ कर रहे थे, तभी वहां एक व्यक्ति पहुंच जाता है और कहता है कि ‘साहब चोरी मैंने की है मुझे गिरफ्तार कर लो’। लेकिन थानेदार साहब कहते हैे कि चुपचाप लाइन में लगे रहो, तुम्हारा नंबर आयेगा तभी तुमसे भी पूछा जायेगा और सबूत मिलने पर ही गिरफ्तार किया जायेगा।’

– अजय सिंह चौहान

About The Author

admin

See author's posts

1,213

Like this:

Like Loading...

Related

Continue Reading

Previous: श्री घृष्‍णेश्‍वर ज्योतिर्लिंग के लिए जाने से पहले की संपूर्ण जानकारी | Grishneshwar Jyotirlinga Temple
Next: आस्था और पर्यटन का अनूठा संगम है श्री रेणुकाजी धाम | Birthplace of Lord Parshuram

Related Stories

Khushi Mukherjee Social Media star
  • कला-संस्कृति
  • मीडिया
  • विशेष
  • सोशल मीडिया

पश्चिमी षडयंत्र और हिन्दू समाज की महिलायें

admin 11 August 2025
ham vah hain jinakee pahachaan gaatr (shareer) se nahin apitu gotr (gorakshaavrat) se hai
  • विशेष
  • हिन्दू राष्ट्र

कोई राजनीतिक दल गाय के पक्ष में नहीं, अब ये स्पष्ट हो गया है 

admin 16 April 2025
MANUSMRITI BOOKS COVER
  • विशेष
  • हिन्दू राष्ट्र

मनुस्मृति: एक संक्षिप्त परिचय

admin 18 February 2025

Trending News

Marigold | गेंदे का वैदिक और पौराणिक साक्ष्य एवं महत्त्व marigold Vedic mythological evidence and importance in Hindi 4 1
  • कृषि जगत
  • पर्यावरण
  • विशेष
  • स्वास्थ्य

Marigold | गेंदे का वैदिक और पौराणिक साक्ष्य एवं महत्त्व

20 August 2025
Brinjal Facts: बैंगन का प्राचीन इतिहास और हिन्दू धर्म में महत्त्व brinjal farming and facts in hindi 2
  • कृषि जगत
  • विशेष
  • स्वास्थ्य

Brinjal Facts: बैंगन का प्राचीन इतिहास और हिन्दू धर्म में महत्त्व

17 August 2025
भविष्य पुराण में दर्ज है रानी संयोगिता की माता का वास्तविक नाम Queen Sanyogita's mother name & King Prithviraj Chauhan 3
  • इतिहास
  • भाषा-साहित्य
  • विशेष

भविष्य पुराण में दर्ज है रानी संयोगिता की माता का वास्तविक नाम

11 August 2025
पश्चिमी षडयंत्र और हिन्दू समाज की महिलायें Khushi Mukherjee Social Media star 4
  • कला-संस्कृति
  • मीडिया
  • विशेष
  • सोशल मीडिया

पश्चिमी षडयंत्र और हिन्दू समाज की महिलायें

11 August 2025
दिल्ली में भाजपा सहयोग मंच के पदाधिकारियों ने संस्थापक व अध्यक्ष का जताया आभार BJP Mandal Ar 5
  • राजनीतिक दल
  • विशेष

दिल्ली में भाजपा सहयोग मंच के पदाधिकारियों ने संस्थापक व अध्यक्ष का जताया आभार

2 August 2025

Total Visitor

081207
Total views : 147946

Recent Posts

  • Marigold | गेंदे का वैदिक और पौराणिक साक्ष्य एवं महत्त्व
  • Brinjal Facts: बैंगन का प्राचीन इतिहास और हिन्दू धर्म में महत्त्व
  • भविष्य पुराण में दर्ज है रानी संयोगिता की माता का वास्तविक नाम
  • पश्चिमी षडयंत्र और हिन्दू समाज की महिलायें
  • दिल्ली में भाजपा सहयोग मंच के पदाधिकारियों ने संस्थापक व अध्यक्ष का जताया आभार

  • Facebook
  • Twitter
  • Youtube
  • Instagram

Copyright ©  2019 dharmwani. All rights reserved 

%d