Skip to content
25 August 2025
  • Facebook
  • Twitter
  • Youtube
  • Instagram

DHARMWANI.COM

Religion, History & Social Concern in Hindi

Categories

  • Uncategorized
  • अध्यात्म
  • अपराध
  • अवसरवाद
  • आधुनिक इतिहास
  • इतिहास
  • ऐतिहासिक नगर
  • कला-संस्कृति
  • कृषि जगत
  • टेक्नोलॉजी
  • टेलीविज़न
  • तीर्थ यात्रा
  • देश
  • धर्म
  • धर्मस्थल
  • नारी जगत
  • पर्यटन
  • पर्यावरण
  • प्रिंट मीडिया
  • फिल्म जगत
  • भाषा-साहित्य
  • भ्रष्टाचार
  • मन की बात
  • मीडिया
  • राजनीति
  • राजनीतिक दल
  • राजनीतिक व्यक्तित्व
  • लाइफस्टाइल
  • वंशवाद
  • विज्ञान-तकनीकी
  • विदेश
  • विदेश
  • विशेष
  • विश्व-इतिहास
  • शिक्षा-जगत
  • श्रद्धा-भक्ति
  • षड़यंत्र
  • समाचार
  • सम्प्रदायवाद
  • सोशल मीडिया
  • स्वास्थ्य
  • हमारे प्रहरी
  • हिन्दू राष्ट्र
Primary Menu
  • समाचार
    • देश
    • विदेश
  • राजनीति
    • राजनीतिक दल
    • नेताजी
    • अवसरवाद
    • वंशवाद
    • सम्प्रदायवाद
  • विविध
    • कला-संस्कृति
    • भाषा-साहित्य
    • पर्यटन
    • कृषि जगत
    • टेक्नोलॉजी
    • नारी जगत
    • पर्यावरण
    • मन की बात
    • लाइफस्टाइल
    • शिक्षा-जगत
    • स्वास्थ्य
  • इतिहास
    • विश्व-इतिहास
    • प्राचीन नगर
    • ऐतिहासिक व्यक्तित्व
  • मीडिया
    • सोशल मीडिया
    • टेलीविज़न
    • प्रिंट मीडिया
    • फिल्म जगत
  • धर्म
    • अध्यात्म
    • तीर्थ यात्रा
    • धर्मस्थल
    • श्रद्धा-भक्ति
  • विशेष
  • लेख भेजें
  • dharmwani.com
    • About us
    • Disclamar
    • Terms & Conditions
    • Contact us
Live
  • विशेष

हिंदी में विज्ञान लेखक की चुनौती को स्वीकारने वाले रामदास गौड़

admin 29 June 2024
Hindi Mistakes
Spread the love

डॉ.स्वपनिल यादव | देखा जाए तो हिंदी हमारी राजभाषा है और भारतीय संस्कृति ने हिंदी भाषा को मां का दर्जा सम्मान दिया है। परंतु हिंदी भाषा में विज्ञान लेखन हमेशा चुनौती पूर्ण रहा है। देश के बड़े-बड़े वैज्ञानिक और शोध संस्थानों में प्रकाशित लेख अधिकतर अंग्रेजी भाषा में ही प्रकाशित होते आए हैं। कुछ वैज्ञानिक संस्थान हिंदी में भी वैज्ञानिक लेख प्रकाशित कर रहे हैं और बहुत ही बेहतर पत्रिकाएँ भी निकाल रहे हैं। परंतु अभी भी हमारे वैज्ञानिक शोध की भाषा हिंदी भाषा नहीं बन पाई है। वर्ष 1913 में उत्तरप्रदेश के प्रयाग में ‘विज्ञान परिषद’ की स्थापना हुई। विज्ञान परिषद की स्थापना में डॉ. गंगानाथ झा, प्रोफेसर हमीरुद्दीन, रामदास गौड़ और पंडित सालिगराम भार्गव शामिल थे।

विज्ञान परिषद का मुख्य उद्देश्य भारतीय भाषा में वैज्ञानिक साहित्य की रचना करना, वैज्ञानिक विचारधारा का प्रसार करना, वैज्ञानिक अध्ययन और वैज्ञानिक अनुसंधान कार्य को प्रोत्साहन देना, प्रदेश के वैज्ञानिक समस्याओं के संबंध में विचार विमर्श करना था। श्री रामदास गौड़ ने तो पंडित सालिगराम के साथ मिलकर ‘विज्ञान प्रवेशिका भाग एक’ भी लिख दी। बाद में परिषद में ‘विज्ञान’ पत्रिका का प्रकाशन भी हिंदी भाषा में शुरू किया। इस समय सबसे अधिक चुनौती पूर्ण यह था कि विज्ञान के जानकार हिंदी भाषा को लेकर और हिंदी भाषा के जानकारी विज्ञान विषय को लेकर उदासीन थे।

विज्ञान परिषद के संस्थापकों में शामिल श्री रामदास गौड़ का जन्म उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में 1881 में हुआ था। इनकी प्रारंभिक शिक्षा जौनपुर और बनारस में हुई। अपने बीए सेंट्रल कॉलेज से किया और बाद में सेंट्रल हिंदू कॉलेज में रसायन के सहायक अध्यापक रहे। प्रयाग विश्वविद्यालय से रसायन विषय में एमएससी करने के बाद आप 1918 में काशी हिंदू विश्वविद्यालय में प्रोफेसर भी रहे। परंतु राष्ट्रीय भावना से ओतप्रोत होने के कारण नौकरी छोड़कर 1921 में भारत की आजादी के लिए असहयोग आंदोलन में कूद पड़े। स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षक और वैज्ञानिक होने के साथ-साथ लेखक के रूप में स्वयं को स्थापित करना रामदास गौड़ के लिए अत्यंत चुनौतीपूर्ण रहा।

विज्ञान पत्रिका में गणित, भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान के साथ-साथ आयुर्वेद विज्ञान के भी लेख प्रकाशित होते रहे।श्री शिव प्रसाद गुप्त के कहने से रामदास गौड़ ने हिंदुत्व विषय पर किताब लिखना शुरू किया। गुप्त जी की हमेशा इच्छा थी कि प्रत्येक धर्म के संबंध में एक ऐसा ग्रंथ प्रकाशित किया जाए जिससे केवल उसी को देखने से धर्म की भूमिका और क्रम विकास का पूरा ज्ञान पाठक को हो सके तथा जो अधिक अध्ययन करना चाहते हैं उन्हें यह मालूम हो जाए कि क्या पढ़ना चाहिए। इसके साथ ही शिव प्रकाश गुप्त जी का यह भी उद्देश्य था कि इस धर्म को मानने वालों को संस्कृत का ज्ञान हो और यह दायित्व श्री रामदास गौड़ ने पूरी तरीके से निभाया।इसके साथ ही रामदास गौड़ ने विज्ञान हस्तामलक, वैज्ञानिक अद्वैतवाद और रामचरितमानस की भूमिका आदि पुस्तकों का भी लेखन किया। श्री रामदास गॉड 1915 से 1916 तक विज्ञान परिषद के प्रधानमंत्री रहे और 1933 से 1937 तक विज्ञान पत्रिका के संपादक भी रहे। उनको ससम्मान ‘लिविंग एनसाइक्लोपीडिया’ भी कहा जाता था। रामदास गौड़ ने अंतिम सांस 12 सितंबर 1937 को ली। दिसंबर 1937 में विज्ञान पत्रिका ने श्री रामदास गौड़ पर विशेषांक भी प्रकाशित किया।

About The Author

admin

See author's posts

258

Like this:

Like Loading...

Related

Continue Reading

Previous: बज्रेश्वरी शक्तिपीठ मंदिर कांगड़ा- कब जाएँ, कैसे जाएँ, कितना खर्च कहाँ ठहरें?
Next: फिट रहने का एक बेहतरीन तरीका है योग

Related Stories

marigold Vedic mythological evidence and importance in Hindi 4
  • कृषि जगत
  • पर्यावरण
  • विशेष
  • स्वास्थ्य

Marigold | गेंदे का वैदिक और पौराणिक साक्ष्य एवं महत्त्व

admin 20 August 2025
brinjal farming and facts in hindi
  • कृषि जगत
  • विशेष
  • स्वास्थ्य

Brinjal Facts: बैंगन का प्राचीन इतिहास और हिन्दू धर्म में महत्त्व

admin 17 August 2025
Queen Sanyogita's mother name & King Prithviraj Chauhan
  • इतिहास
  • भाषा-साहित्य
  • विशेष

भविष्य पुराण में दर्ज है रानी संयोगिता की माता का वास्तविक नाम

admin 11 August 2025

Trending News

Marigold | गेंदे का वैदिक और पौराणिक साक्ष्य एवं महत्त्व marigold Vedic mythological evidence and importance in Hindi 4 1
  • कृषि जगत
  • पर्यावरण
  • विशेष
  • स्वास्थ्य

Marigold | गेंदे का वैदिक और पौराणिक साक्ष्य एवं महत्त्व

20 August 2025
Brinjal Facts: बैंगन का प्राचीन इतिहास और हिन्दू धर्म में महत्त्व brinjal farming and facts in hindi 2
  • कृषि जगत
  • विशेष
  • स्वास्थ्य

Brinjal Facts: बैंगन का प्राचीन इतिहास और हिन्दू धर्म में महत्त्व

17 August 2025
भविष्य पुराण में दर्ज है रानी संयोगिता की माता का वास्तविक नाम Queen Sanyogita's mother name & King Prithviraj Chauhan 3
  • इतिहास
  • भाषा-साहित्य
  • विशेष

भविष्य पुराण में दर्ज है रानी संयोगिता की माता का वास्तविक नाम

11 August 2025
पश्चिमी षडयंत्र और हिन्दू समाज की महिलायें Khushi Mukherjee Social Media star 4
  • कला-संस्कृति
  • मीडिया
  • विशेष
  • सोशल मीडिया

पश्चिमी षडयंत्र और हिन्दू समाज की महिलायें

11 August 2025
दिल्ली में भाजपा सहयोग मंच के पदाधिकारियों ने संस्थापक व अध्यक्ष का जताया आभार BJP Mandal Ar 5
  • राजनीतिक दल
  • विशेष

दिल्ली में भाजपा सहयोग मंच के पदाधिकारियों ने संस्थापक व अध्यक्ष का जताया आभार

2 August 2025

Total Visitor

081069
Total views : 147749

Recent Posts

  • Marigold | गेंदे का वैदिक और पौराणिक साक्ष्य एवं महत्त्व
  • Brinjal Facts: बैंगन का प्राचीन इतिहास और हिन्दू धर्म में महत्त्व
  • भविष्य पुराण में दर्ज है रानी संयोगिता की माता का वास्तविक नाम
  • पश्चिमी षडयंत्र और हिन्दू समाज की महिलायें
  • दिल्ली में भाजपा सहयोग मंच के पदाधिकारियों ने संस्थापक व अध्यक्ष का जताया आभार

  • Facebook
  • Twitter
  • Youtube
  • Instagram

Copyright ©  2019 dharmwani. All rights reserved 

%d