23 January 2025

धर्म

जगज्जालपालं चलत्कण्ठमालं, शरच्चन्द्रभालं महादैत्यकालं नभोनीलकायं दुरावारमायं, सुपद्मासहायम् भजेऽहं भजेऽहं ||   सदाम्भोधिवासं गलत्पुष्पहासं, जगत्सन्निवासं शतादित्यभासं गदाचक्रशस्त्रं लसत्पीतवस्त्रं,...
सत्वगुण के साथ सन्मार्ग पर चलने वाले लोगों के जीवन में बहुत विघ्न बाधाएं आती हैं, जबकि...
जगज्जालपालं चलत्कण्ठमालं – श्रीहरि स्त्रोतम (Shree Hari Stotram) जगज्जालपालं चलत्कण्ठमालं, शरच्चन्द्रभालं महादैत्यकालं नभोनीलकायं दुरावारमायं, सुपद्मासहायम् भजेऽहं भजेऽहं...
अठारह महापुराणों में ‘गरुडमहापुराण’ का अपना एक विशेष महत्त्व है। इसके अधिष्ठातृदेव भगवान् विष्णु हैं, अतः यह...