अध्यात्म

जगज्जालपालं चलत्कण्ठमालं – श्रीहरि स्त्रोतम (Shree Hari Stotram) जगज्जालपालं चलत्कण्ठमालं, शरच्चन्द्रभालं महादैत्यकालं नभोनीलकायं दुरावारमायं, सुपद्मासहायम् भजेऽहं भजेऽहं...
संसार में सब जीव-जन्तु ‘प्राणी’ कहलाते हैं। जिनमें प्राण हैं, वे प्राणी हैं। सभी प्राणी सदा कुछ-...
अठारह महापुराणों में ‘गरुडमहापुराण’ का अपना एक विशेष महत्त्व है। इसके अधिष्ठातृदेव भगवान् विष्णु हैं, अतः यह...
धृतराष्ट्र ने विदुर जी से पूछा- शतायुरुक्तः पुरुषः सर्ववेदेषु वै यदा । नाप्नोत्यथ च तत् सर्वमायुः केनेह...
प्रश्न – निग्रहाचार्यों के द्वारा यदि अनुशासनहीनता हो अथवा वे अपने पद एवं शक्ति का ईर्ष्या -द्वेष...
एक बार की बात है तीनों लोकों के भ्रमण में निरत दिव्यदर्शन देवर्षि नारद जी स्वेच्छानुसार पर्यटन...