भारतीय टीवी चैनल्स एकतरफा रिपोर्टिंग कर रहै हैं। भारतीय मीडिया अमेरिका इंग्लैंड और नाटो का पक्ष ले रहा है जबकि रूस को एक खलनायक की तरह पेश किया जा रहा है।
जबकि सच्चाई ये नहीं है। पुतिन ने अपने सबसे ताजा इंटरव्यू में कहा है कि हम ये लड़ाई अमेरिका, इंग्लैंड या फिर नाटो तक लेकर नहीं गए हैं बल्कि नाटो और अमेरिका ये लड़ाई उसके दरवाजे पर लेकर आए हैं। पुतिन ने कहा कि नाटो लगातार उकसावे की कार्रवाई कर रहा है और अब ये सरकते हुए हमारे दरवाजे तक आ चुका है जो कतई बर्दाश्त नहीं होगा।
पुतिन का कहना है कि नाटो का लगातार एक्सपैंशन हो रहा है जबकि रूस सिकुड़ कर छोटा हो गया है। नाटो में शामिल होते ही यूक्रेन के पास वो सारे फौजी साजों सामान आ जाएंगे जो रूस की सुरक्षा के लिए खतरा होगा। पुतिन ने कहा की अगर यूक्रेन ये घोषणा भी कर दे कि वह नाटो में शामिल नहीं होगा तो मामला यहीं खत्म हो सकता है। लेकिन ना तो यूक्रेन का मसखरा प्रेसिडेंट और ना वामपंथी बाइडेन ऐसा होने देगा।
कुल मिलाकर अब लड़ाई उस दौर में पहुंच रही है जहां न्यूक्लियर हथियार किसी भी क्षण प्रयोग हो सकता है जिसके भयावह परिणाम होंगे। भारतीय मीडिया लगातार यूक्रेन में नागरिकों के मारे जाने का समाचार दे रहा है जबकि दुनिया जानती है कि पुतिन के पास पूरी दुनिया को तबाह करने की ताकत है, यूक्रेन को तो पलकों में नामोनिशान मिटा सकता है लेकिन फिर भी पांच दिन की लड़ाई में सिर्फ ढाई सौ सिविलियन के मारे जाने की खबर आ रही है।
पुतिन अपनी तरफ से पूरी संयम बरत रहा है। भारतीय मीडिया देश के हित अहित की परवाह न करते हुए एक तरफा रिपोर्टिंग करने में व्यस्त है। ये लोग जानबूझकर पब्लिक ओपिनियन खराब कर सरकार को कठिन परिस्थितियों में डालने का प्रयास कर रहे हैं।