भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेत्री एवं केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि लोकतंत्र के मंदिर संसद में तृणमूल कांग्रेस व कांग्रेस के सदस्यों की हरकत शर्मनाक है। किसी ने भी ये नहीं सोचा था कि विपक्ष के नेता इतने नीचे गिर जाएंगे कि वे देश की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने वाले काम करेंगे।
पेगासस जासूसी मामला फेक न्यूज है। जान-बूझ कर देश की छवि को खराब करने का प्रयास किया गया। ज्ञात हो कि सदन में टीएमसी सांसदों ने जवाब देते वक्त केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव के हाथ से पन्ने छीन लिए और उसे फाड़ दिया। देश के लोकतंत्र का यह एक शर्मनाक पल है। इस तरह का व्यवहार हमारे लोकतंत्र ने पहले कभी नहीं देखा है। हमने पहले भी देखा कि जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संसद में नए मंत्रियों का परिचय दे रहे थे तो विपक्ष ने किस तरह सदन को शर्मसार किया था। इस दुव्र्यवहार की जितनी भी निंदा की जाय, कम है।
पेगासस विवाद पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पेगासस जासूसी की झूठी और मनगढ़ंत कहानी के जरिये केंद्र सरकार के खिलाफ फेक नैरेटिव बनाने की कोशिश की जा रही है। इजरायली मीडिया की रिपोर्ट और एमनेस्टी इंटरनेशनल के यू-टर्न से यह स्पष्ट हो गया है कि पेगासस जासूसी वाली कहानी एकदम फेक है।
ऐसा प्रतीत होता है कि येलो पेज पर एक लिस्ट बना ली गई है और उसी के आधार पर संसद को बाधित किया जा रहा है। एमनेस्टी ने पहले ही इस लिस्ट से पल्ला झाड़ लिया है और इजरायली कंपनी NSO ने भी अपनी बात स्पष्ट तरीके रख दिया है। ऐसे में अब इस विरोध के जरिए सिर्फ और सिर्फ भारत को बदनाम किया जा रहा है और लोकतंत्र के तमाम स्तंभों को बर्बाद करने की कवायद हो रही है।
श्रीमती लेखी ने कहा कि कुछ प्रोपेगेंडा मीडिया संस्थानों ने श्री नरेन्द्र मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए संसद सत्र शुरू होने से ठीक पहले जान-बूझ कर सारा झमेला खड़ा कर दिया। सनसनी फैलाने के लिए खबरों में बढ़ा-चढ़ाकर कुछ नामचीन लोगों के नाम डाले गए और दावा किया गया कि इजरायली कंपनी एनएसओ के पेगासस स्पाईवेयर के जरिए फोन काॅल्स की जासूसी की गई। एक प्रतिष्ठित भारतीय न्यूज चैनल पर इजरायल के एक और पत्रकार ने भी कहा कि पेगासस और एमनेस्टी की रिपोर्ट पर कई ऐसी कहानियां चल रही हैं जो सही नहीं हैं।
वरिष्ठ भाजपा नेत्री ने कहा कि केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में दो बार पेगासस की रिपोर्ट को सिरे से खारिज करते हुए स्पष्ट कहा है कि भारत सरकार अपने लोगों के डाटा प्रोटेक्शन को लेकर संवेदनशील है और किसी भी कीमत पर उसके साथ समझौता नहीं किया जाएगा। उनकी तरफ से स्पष्ट कर दिया गया है कि पेगासस विवाद के जरिए जनता के मुद्दों को नजरअंदाज करने का प्रयास किया जा रहा है।
– जगदम्बा सिंह