एक कट्टर मुस्लिम देश संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी दुबई यहाँ का सबसे बड़ा शहर है इसलिए पर्यटन के लिहाज से दुनियाभर के हज़ारों लोग यहाँ प्रति दिन आते रहते हैं। लेकिन ख़बरों के अनुसार यहाँ कुछ ऐसे लोग भी रहते हैं जो अपनी कट्टरता के चलते अन्य लोगों को परेशान करते पाए जाते हैं। जिसे देखते हुए दुबई की सरकार ने अब फैसला किया है कि ऐसे लोगों को न सिर्फ रोकना होगा बल्कि उनपर जुर्माना भी लगाना होगा।
दरअसल, दुबई में कुछ लोग सड़कों के किनारे जहां-तहां अपनी गाड़ियाँ खड़ी करके नमाज़ पड़ने लग जाते हैं। जिसके चलते अन्य लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में कई लोगों ने इसकी शिकायत दुबई पुलिस के सामने रखी, जिसके बाद पुलिस को उन लोगों के खिलाफ फैसला लेना पड़ा कि अब से सड़क के किनारे जहां-तहां अपनी गाड़ियाँ कड़ी कर नमाज पढ़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी।
दुबई पुलिस की तरफ से कहा गया है कि किसी भी हाइवे या अन्य किसी भी सडक पर कहीं भी गाड़ी रोककर नमाज पढ़ने वालों पर एक हजार दिरहम का जुर्माना लगाया जाएगा। पुलिस का यह भी कहना है कि इस तरह से नमाज पढ़ने के कारण न सिर्फ प्रार्थना करने वालों को बल्कि सड़क पर चलने वाले अन्य लोगों के लिए भी खतरनाक स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
दुबई पुलिस के महानिदेशक की तरफ से आए इस आदेश का मकसद सड़क सुरक्षा को बढ़ाना है। पुलिस का कहना है कि यह आदेश सोशल अवेयरनेस कैंपेन के तहत जारी किया है। ख़बरों के अनुसार, बताया जा रहा है कि देश के कई हिस्सों से आने वाले कुछ बस ड्राइवर और मोटर बाइक चलाने वाले अपने वाहनों को सड़क के किनारे पर रोक देते हैं। इसके बाद वो नमाज पढ़ने लग जाते हैं। ऐसी ही हैवी व्हीकल्स पार्किंग और दूसरे खतरों से बचाने के लिए इस आदेश को जारी किया गया है।
दुबई के इस नए ट्रैफिक कानून के तहत सड़क के किनारे गाड़ी रोकना अब जुर्म होगा जिसके लिए जुर्माना भी अदा करना पड़ेगा। इसके तहत किसी भी चौराहों या मोड़ पर गाड़ी रोकने का जुर्माना 500 दिरहम देना होगा। इसके अलावा, गलत तरीके से गाड़ी रोकना या पार्किंग करना भी अन्य राहगीरों के लिए खतरनाक हो सकता है। ऐसे में उसके लिए भी 400 दिरहम देना होगा। इसके अलावा, पुलिस का यह भी कहा है कि जो लोग अपने वाहनों के खराब होने की स्थिति में आवश्यक सुरक्षा उपाय करने में विफल पाए जाते हैं तो उन पर भी 500 दिरहम का जुर्माना लगेगा।
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