पुराणों में दिए गए कुछ दिव्य उपदेश… अनेकजन्मतपसा लब्ध्वा जन्म च भारते। ये हरिं तं न सेवन्ते...
अध्यात्म
संसार में असंख्य व्यक्ति हैं, भिन्न-भिन्न रंग, रूप, रुचि-स्वभाव और मानसिक विकास के हैं, पृथक् पृथक् आदर्श...
वाराणसी | दिसंबर, 02, 2024 | परमधर्माधीश ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती जी महाराज आज प्रातः...
कुरुक्षेत्र गुरुकुलम् फाउंडेशन (KGF) द्वारा हिंदी एवं अंग्रेजी में संचालित तीन महीने (कुल 73 घंटे) तक चले...
‘स्तूयतेऽनेनेति स्तोत्रम्’ अर्थात – ऋक् मन्त्रों के गान सहित जो देव स्तुति की जाती है उसे स्तोत्रम्...
सत्वगुण के साथ सन्मार्ग पर चलने वाले लोगों के जीवन में बहुत विघ्न बाधाएं आती हैं, जबकि...
कबूतर को लगभग हर एक संस्कृृति में शांति और प्रेम का प्रतीक माना जाता है। कबूतर प्रजाति...
गुरु और शिष्य का सम्बन्ध संसार में सबसे अधिक विलक्षण होता है। शिष्य का सर्वांगीण हित केवल...
जगज्जालपालं चलत्कण्ठमालं – श्रीहरि स्त्रोतम (Shree Hari Stotram) जगज्जालपालं चलत्कण्ठमालं, शरच्चन्द्रभालं महादैत्यकालं नभोनीलकायं दुरावारमायं, सुपद्मासहायम् भजेऽहं भजेऽहं...
संसार में सब जीव-जन्तु ‘प्राणी’ कहलाते हैं। जिनमें प्राण हैं, वे प्राणी हैं। सभी प्राणी सदा कुछ-...
अठारह महापुराणों में ‘गरुडमहापुराण’ का अपना एक विशेष महत्त्व है। इसके अधिष्ठातृदेव भगवान् विष्णु हैं, अतः यह...
धृतराष्ट्र ने विदुर जी से पूछा- शतायुरुक्तः पुरुषः सर्ववेदेषु वै यदा । नाप्नोत्यथ च तत् सर्वमायुः केनेह...
ज्योतिर्मठ, चमोली | 19 जून 2024 | इतिहास साक्षी है कि बदरिकाश्रम क्षेत्र भगवान नर-नारायण की तपस्थली...
मूल 18 पुराणों में विष्णु पुराण सर्वाधिक पुराना है। इसका प्रवचन वेदव्यास जी के पिता पराशर ऋषि...
तीर्थ हमारी सम्पत्ति हैं, इनके मूल रूप में कोई विकृति नही होना चाहिए : अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती जी
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तीर्थ हमारी सम्पत्ति हैं, इनके मूल रूप में कोई विकृति नही होना चाहिए : अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती जी
ज्योतिर्मठ | चमोली | 18 जून 2024 | ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य जी महाराज की “चमोली मंगलम्” यात्रा...