Skip to content
27 August 2025
  • Facebook
  • Twitter
  • Youtube
  • Instagram

DHARMWANI.COM

Religion, History & Social Concern in Hindi

Categories

  • Uncategorized
  • अध्यात्म
  • अपराध
  • अवसरवाद
  • आधुनिक इतिहास
  • इतिहास
  • ऐतिहासिक नगर
  • कला-संस्कृति
  • कृषि जगत
  • टेक्नोलॉजी
  • टेलीविज़न
  • तीर्थ यात्रा
  • देश
  • धर्म
  • धर्मस्थल
  • नारी जगत
  • पर्यटन
  • पर्यावरण
  • प्रिंट मीडिया
  • फिल्म जगत
  • भाषा-साहित्य
  • भ्रष्टाचार
  • मन की बात
  • मीडिया
  • राजनीति
  • राजनीतिक दल
  • राजनीतिक व्यक्तित्व
  • लाइफस्टाइल
  • वंशवाद
  • विज्ञान-तकनीकी
  • विदेश
  • विदेश
  • विशेष
  • विश्व-इतिहास
  • शिक्षा-जगत
  • श्रद्धा-भक्ति
  • षड़यंत्र
  • समाचार
  • सम्प्रदायवाद
  • सोशल मीडिया
  • स्वास्थ्य
  • हमारे प्रहरी
  • हिन्दू राष्ट्र
Primary Menu
  • समाचार
    • देश
    • विदेश
  • राजनीति
    • राजनीतिक दल
    • नेताजी
    • अवसरवाद
    • वंशवाद
    • सम्प्रदायवाद
  • विविध
    • कला-संस्कृति
    • भाषा-साहित्य
    • पर्यटन
    • कृषि जगत
    • टेक्नोलॉजी
    • नारी जगत
    • पर्यावरण
    • मन की बात
    • लाइफस्टाइल
    • शिक्षा-जगत
    • स्वास्थ्य
  • इतिहास
    • विश्व-इतिहास
    • प्राचीन नगर
    • ऐतिहासिक व्यक्तित्व
  • मीडिया
    • सोशल मीडिया
    • टेलीविज़न
    • प्रिंट मीडिया
    • फिल्म जगत
  • धर्म
    • अध्यात्म
    • तीर्थ यात्रा
    • धर्मस्थल
    • श्रद्धा-भक्ति
  • विशेष
  • लेख भेजें
  • dharmwani.com
    • About us
    • Disclamar
    • Terms & Conditions
    • Contact us
Live
  • तीर्थ यात्रा
  • श्रद्धा-भक्ति

चारधाम यात्राः कौन जा सकता है और कौन नहीं…

admin 5 January 2022
Chardham Yatra 2024
Spread the love

अगर कोई श्रद्धालु उत्तराखण्ड की छोटा चारधाम यात्रा पर पहली बार जा रहे हैं और वे अगर अकेले हैं या फिर गु्रप के साथ जा रहे हैं या फिर अपने परिवार के साथ भी जा रहे हैं तो उनके लिए यह जानकारी बहुत खास हो सकती है।

आगे बढ़ने से पहले यहां बता दूं कि अगर कोई श्रद्धालु इस छोटा चारधाम की यात्रा के दौरान यमुनोत्री और गंगोत्री के दर्शन करने में सक्षम या इच्छुक नहीं है और केवल भगवान केदारनाथ जी और बाबा बद्रीनाथ जी के ही दर्शन करना चाहते हैं तो उनके लिए भी यहां मैं बाबा केदानाथ जी और फिर बाबा बद्रीनाथ जी के इन दो धामों के बारे में बताऊंगा कि आप कैसे उन दोनों धामों की यात्रा भी आसानी से कर सकते हैं।

तो सबसे पहले तो बात करते हैं कि अगर किसी श्रद्धालु को इन चारों ही धामों की यात्रा एक साथ करनी हो और अगर वे रोडवेज की बसों से इस यात्रा को करना चाहे या फिर केदानाथ जी और बद्रीनाथ जी के ही दर्शन करना चाहते हैं तो भी उनके लिए इस यात्रा में लगभग-लगभग कितना समय लग सकता है और कितना खर्च हो सकता है और कितने किलोमीटर तक का सफर तय करना पड़ सकता है, आज हम इसी विषय पर बात करेंगे।

सबसे पहले तो ध्यान रखें कि अगर आप इन चारों स्थानों की यात्रा एक ही बार में करना चाहते हैं और वो भी पब्लिक ट्रांसपोर्ट से यानी बसों से या शेयरिंग जीप या टेक्सियों से तो ध्यान रखना होगा कि यह एक एक बहुत ही थका देने वाली यात्रा हो सकती है, लेकिन, साथ ही साथ इसमें आपको कुछ ऐसे अनुभव भी होंगे जो एक दम नये और अनोखे होंगे।

तो सबसे पहले तो ध्यान रखना होगा कि आपके साथ कोई ऐसा व्यक्ति या महिला या फिर बच्चा इस यात्रा में नहीं होना चाहिए जो इस यात्रा को करने में सक्षम ना हो। क्योंकि इसमें कुछ परेशानियां भी आ सकती है और आपका बजट भी बिगड़ सकता है। खासकर ऐसे लोगों के लिए जो मैदानी इलाकों से यहां जाते हैं और पहाड़ी मौसम और पहाड़ी क्षेत्रों में ज्यादा यात्राएं नहीं कर पाते हैं।

इसलिए कम से कम मैं तो ऐसी यात्रा के लिए परिवार के साथ जाने की सलाह नहीं दूंगा। और वो भी तब जब आपके साथ 10 या 12 साल से कम उम्र का कोई बच्चा हो या फिर 65 या 70 साल से ज्यादा उम्र का कोई सदस्य हो।

लेकिन, हां अगर आप अपने वाहनों से या टेक्सी लेकर इस यात्रा पर जा रहे हैं तब तो शायद कोई समस्या नहीं आने वाली। लेकिन अगर आप बसों से यहां जा रहे हैं तब तो मैं बिल्कुल भी सलाह नहीं दूंगा कि आपके साथ बुजुर्ग या बच्चे भी जा सकते हैं।

क्योंकि यह एक ऐसी यात्रा है जिसमें यात्री खुशी-खुशी चला तो जाता है लेकिन वहां जाने के बाद आपने आप को फंसा हुआ या असहाय और परेशान महसूस करने लगता है।

ऐसी स्थिति में कुछ यात्री या श्रद्धालु परेशान होकर, अपनी यात्रा पुरी नहीं कर पाते हैं और वापस घर की ओर निकल लेते हैं, जबकि खासकर कुछ ऐसे लोग, जो अपने दोस्तों के साथ, या फिर, अपने हम उम्र श्रद्धालुओं के साथ तो यह यात्रा कर लेते हैं लेकिन बच्चों या बुजुर्गों, या फिर महिलाओं के साथ इस यात्रा के बीच में ही लौट आते है।

इसका कारण यही है कि यहां के उबड़-खाबड़ पहाड़ी रास्ते और बेमोस बरसात, पहाड़ों की सर्दी और लगाता यात्राएं करने के कारण, अधिकतर लोग ऊब जाते हैं और परेशान होकर लौट आते हैं।

ऐसी स्थितियों से बचने के लिए, मेरी सलाह तो यही हो सकती है कि या तो आप किसी ऐसे गु्रप के साथ यह यात्रा करें या फिर किसी ऐसी ट्रेवल एजेंसी के द्वारा इस यात्रा पर जायें जिसका नाम भी हो और भरोसे के लायक भी हो।

इसके अलावा, ध्यान रखें कि मई और जून के महीनों का समय यहां की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय है। लेकिन ध्यान रखें कि इन दिनों में यहां आप ही की तरह और भी बहुत सारे श्रद्धालु वहां मिलेंगे, इसलिए भीड़ तो होगी ही।

एक और खास बात का ध्यान रखना चाहिए कि, अगर आप पब्लिक ट्रांसपोर्ट यानी रोडवेज की बसों से सफर करना चाहते हैं तो ऐसे खतरनाक पहाड़ी इलाकों में चलने वाली बसें, शाम को 4 या 5 बजे के बाद लंबी यात्रा के लिए नहीं निकलतीं हैं। लेकिन फिर भी आप कम से कम समय में इस यात्रा को करने के इच्छुक हैं तो उसके लिए दूसरा उपाय यह भी हो सकता है कि आप वहां चलने वाले वाहनों से, यानी स्थानिय या लोकल टेक्सियों और जीप वगैरह से भी यह सफर कर सकते हैं।

तो इसके लिए सबसे पहले तो ध्यान रखें कि अगर आप इस यात्रा पर जाना चाहते हैं तो उसके लिए सबसे पहले अपना यात्रा परमिट जरूर बनवा लें और उस परमिट पर वहां जाने की निश्चित तारीख भी अपनी सुविधा के अनुसार तय कर लें।

तो सबसे पहले तो ध्यान रखें कि उत्तराखण्ड के कई पड़ौसी राज्यों और अन्य कई दूसरे राज्यों से भी उत्तराखण्ड राज्य परिवहन की बसें इस यात्रा के लिए चलतीं हैं। लेकिन, मान लीजिए कि, अगर आप दिल्ली से इस यात्रा को शुरू करना चाहते हैं या फिर हरिद्वार से या ऋषिकेश से या देहरादून से या फिर देश के किसी भी हिस्से से तो तब भी आपको हरिद्वार और ऋषिकेश से ही होकर जाना होगा। इसलिए आप चाहे तो सीधे हरिद्वार या ऋषिकेश भी पहुंच सकते हैं और फिर वहां से यात्रा का परमिट बनवाकर फिर आगे की यात्रा के लिए रोडवेज की बस या टेक्सी या शेयरिंग वाले अन्य दूसरे सस्ते साधन ले सकते हैं।

रोडवेज की इन बसों में खास कर ऐसी साधारण बसें भी होती हैं जिनका कम से कम किराया होता है। या फिर वे बसें भी होती हैं जो जिनको वोल्वों के नाम से हम सब पहचानते हैं लेकिन उनका किराया थोड़ा अधिक होता है।

– मनीषा परिहार, भोपाल

About The Author

admin

See author's posts

1,257

Like this:

Like Loading...

Related

Continue Reading

Previous: रामायण और महाभारत में भी है ‘हरिवर्ष’ यानी चीन का स्पष्ट उल्लेख
Next: शाजापुर में भी है महाकालेश्वर का रहस्यमयी मंदिर | Mahakal Temple in Shajapur MP

Related Stories

Importance of social service according to the scriptures and the Constitution
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • श्रद्धा-भक्ति

धर्मशास्त्रों और संविधान के अनुसार सेवा का उद्देश्य और महत्व

admin 26 July 2025
Masterg
  • विशेष
  • श्रद्धा-भक्ति

‘MAAsterG’: जानिए क्या है मिशन 800 करोड़?

admin 13 April 2025
ham vah hain jinakee pahachaan gaatr (shareer) se nahin apitu gotr (gorakshaavrat) se hai
  • विशेष
  • श्रद्धा-भक्ति

हम वह हैं जिनकी पहचान गात्र (शरीर) से नहीं अपितु गोत्र (गोरक्षाव्रत) से है

admin 30 March 2025

Trending News

Marigold | गेंदे का वैदिक और पौराणिक साक्ष्य एवं महत्त्व marigold Vedic mythological evidence and importance in Hindi 4 1
  • कृषि जगत
  • पर्यावरण
  • विशेष
  • स्वास्थ्य

Marigold | गेंदे का वैदिक और पौराणिक साक्ष्य एवं महत्त्व

20 August 2025
Brinjal Facts: बैंगन का प्राचीन इतिहास और हिन्दू धर्म में महत्त्व brinjal farming and facts in hindi 2
  • कृषि जगत
  • विशेष
  • स्वास्थ्य

Brinjal Facts: बैंगन का प्राचीन इतिहास और हिन्दू धर्म में महत्त्व

17 August 2025
भविष्य पुराण में दर्ज है रानी संयोगिता की माता का वास्तविक नाम Queen Sanyogita's mother name & King Prithviraj Chauhan 3
  • इतिहास
  • भाषा-साहित्य
  • विशेष

भविष्य पुराण में दर्ज है रानी संयोगिता की माता का वास्तविक नाम

11 August 2025
पश्चिमी षडयंत्र और हिन्दू समाज की महिलायें Khushi Mukherjee Social Media star 4
  • कला-संस्कृति
  • मीडिया
  • विशेष
  • सोशल मीडिया

पश्चिमी षडयंत्र और हिन्दू समाज की महिलायें

11 August 2025
दिल्ली में भाजपा सहयोग मंच के पदाधिकारियों ने संस्थापक व अध्यक्ष का जताया आभार BJP Mandal Ar 5
  • राजनीतिक दल
  • विशेष

दिल्ली में भाजपा सहयोग मंच के पदाधिकारियों ने संस्थापक व अध्यक्ष का जताया आभार

2 August 2025

Total Visitor

081304
Total views : 148110

Recent Posts

  • Marigold | गेंदे का वैदिक और पौराणिक साक्ष्य एवं महत्त्व
  • Brinjal Facts: बैंगन का प्राचीन इतिहास और हिन्दू धर्म में महत्त्व
  • भविष्य पुराण में दर्ज है रानी संयोगिता की माता का वास्तविक नाम
  • पश्चिमी षडयंत्र और हिन्दू समाज की महिलायें
  • दिल्ली में भाजपा सहयोग मंच के पदाधिकारियों ने संस्थापक व अध्यक्ष का जताया आभार

  • Facebook
  • Twitter
  • Youtube
  • Instagram

Copyright ©  2019 dharmwani. All rights reserved 

%d