Skip to content
15 May 2025
  • Facebook
  • Twitter
  • Youtube
  • Instagram

DHARMWANI.COM

Religion, History & Social Concern in Hindi

Categories

  • Uncategorized
  • अध्यात्म
  • अपराध
  • अवसरवाद
  • आधुनिक इतिहास
  • इतिहास
  • ऐतिहासिक नगर
  • कला-संस्कृति
  • कृषि जगत
  • टेक्नोलॉजी
  • टेलीविज़न
  • तीर्थ यात्रा
  • देश
  • धर्म
  • धर्मस्थल
  • नारी जगत
  • पर्यटन
  • पर्यावरण
  • प्रिंट मीडिया
  • फिल्म जगत
  • भाषा-साहित्य
  • भ्रष्टाचार
  • मन की बात
  • मीडिया
  • राजनीति
  • राजनीतिक दल
  • राजनीतिक व्यक्तित्व
  • लाइफस्टाइल
  • वंशवाद
  • विज्ञान-तकनीकी
  • विदेश
  • विदेश
  • विशेष
  • विश्व-इतिहास
  • शिक्षा-जगत
  • श्रद्धा-भक्ति
  • षड़यंत्र
  • समाचार
  • सम्प्रदायवाद
  • सोशल मीडिया
  • स्वास्थ्य
  • हमारे प्रहरी
  • हिन्दू राष्ट्र
Primary Menu
  • समाचार
    • देश
    • विदेश
  • राजनीति
    • राजनीतिक दल
    • नेताजी
    • अवसरवाद
    • वंशवाद
    • सम्प्रदायवाद
  • विविध
    • कला-संस्कृति
    • भाषा-साहित्य
    • पर्यटन
    • कृषि जगत
    • टेक्नोलॉजी
    • नारी जगत
    • पर्यावरण
    • मन की बात
    • लाइफस्टाइल
    • शिक्षा-जगत
    • स्वास्थ्य
  • इतिहास
    • विश्व-इतिहास
    • प्राचीन नगर
    • ऐतिहासिक व्यक्तित्व
  • मीडिया
    • सोशल मीडिया
    • टेलीविज़न
    • प्रिंट मीडिया
    • फिल्म जगत
  • धर्म
    • अध्यात्म
    • तीर्थ यात्रा
    • धर्मस्थल
    • श्रद्धा-भक्ति
  • विशेष
  • लेख भेजें
  • dharmwani.com
    • About us
    • Disclamar
    • Terms & Conditions
    • Contact us
Live
  • अध्यात्म
  • लाइफस्टाइल

पहचानिए, अपने अंदर की जाग्रत और दिव्य शक्तियां | Recognize the divine powers inside you

admin 26 February 2021
Divine powers inside you
Spread the love

अजय सिंह चौहान || देवी सती के रूप में पूजे जाने वाले सभी शक्तिपीठ और सिद्ध पीठ मंदिर, मात्र एक मंदिर या एक धार्मिक स्थान या फिर मात्र आम जन के लिए पूजन और दर्शन के लिए ही नहीं होते हैं, बल्कि देवी सती के रूप में पूजे जाने वाले शक्तिपीठ हमें इस बात का भी एहसास दिलाते हैं कि ये स्थान अनेकों सिद्ध और प्रसिद्ध ऋषि-मुनियों के तप और वैराग्य के साक्षी होते हैं।

यदि सच्चे और पवित्र मन से आप इनमें से किसी भी शक्तिपीठ और सिद्ध पीठ के दर्शन करने के जाते हैं तो आप वहां आज भी उसी दिव्य और तेजवान ऊर्जा को महसूस कर सकते हैं। क्योंकि ये सभी शक्तिपीठ या सिद्ध पीठ जाग्रत स्थानों की श्रेणी में आते हैं।

ऐसे स्थानों पर दिव्य और पवित्र शक्तियां सदेव अपने जाग्रत रूप में विराजतीं हैं। इसीलिए शक्ति की उपासना, पूजा एवं योग साधना के लिए ये स्थान सबसे उत्तम माने गये हैं। इसीलिए ऐसे प्रमुख स्थान और इनके आस-पास के क्षेत्र भी युगों-युगों से अपने अलौकिक और गौरवमयी इतिहास को भी समेटे हुए होते हैं।

शक्तिपीठ या शक्ति स्थल का शाब्दिक अर्थ उस स्थान से है जहां मात्र एक या दो नहीं बल्कि अन्य कई दिव्य ज्योतिस्वरूप देवीय शक्तियां भी अपने अदृश्य रूप में सदैव जाग्रत रहतीं है और उन क्षेत्रों में विचरण करतीं है या फिर विराजमान होतीं हैं।

इस प्रकार की अदृश्य शक्ति को ही आदि शक्ति माना गया है। यही आदि शक्ति इस सृष्टी की रचयिता भी कहलाती है और यही इस सृष्टी का संचालन भी करती है। माता सती के प्रतीक के तौर पर उस अदृश्य शक्ति को ही हम आदि शक्ति के रूप में पूजते एवं अनुभव भी करते हैं।

किसी भी शक्ति स्थल पर या फिर सिद्ध स्थल पर आप अपनी स्वेच्छा से और अपनी शारिरिक या मानसिक क्षमता के अनुसार कोई भी अच्छा कर्म करें या फिर वहां के किसी शांत और एकांत वातावरण में एकाग्रचित्त होकर आंशिक तप और योग करने का प्रयास करेंगे तो तब भी आपको उस अदृश्य शक्ति की अनुभूति प्राप्त होने का एहसाह हो सकता है। जरूरी नहीं है कि आपको वहां सांसारिक मोह त्यागकर हमेशा के लिए जाना होगा। जरूरी नहीं है कि आपको इसके लिए बहुत सी पुस्तकें पढ़नी होगी। जरूरी नहीं है कि आपको इसके लिए धन का खर्च करना होगा। जरूरी नहीं है कि आपको इसके लिए कुछ दिखावा भी करना होगा तभी उन शक्तियों का एहसाह होगा।

जिस प्रकार से किसी भी धार्मिक और अध्यात्मिक महत्व के स्थानों पर जाकर हमें खुद ही इस बात का एहसाह होने लगता है कि हमें वहां नतमस्तक होना है। उसी प्रकार से अगर आप वहां निर्मल मन से जाकर उन शक्तियों के प्रति रूचि दिखायेंगे तो आपको भी इस बात का अनुभव होने लगेगा कि वहां की कोई पवित्र और अदृश्य शक्ति आपके आस-पास ही में विचरण कर रही है और आपको इसके लिए प्रेरित भी कर रही है।

धीरे-धीरे वही पवित्र और अदृश्य शक्तियां आपकी ताकत बन जाती हैं और आपके आस-पास ही रहने लगतीं हैं। वे शक्तियां कई प्रकार से व्यक्ति या वस्तु को माध्यम बनाकर आपकी सहायता और रक्षा भी करतीं हैं और कभी-कभी परीक्षा भी लेतीं हैं। आपके भाग्य में जो लिखा जा चुका है उसे ये शक्तियां टाल तो नहीं सकतीं हैं लेकिन, क्योंकि ये शक्तियां सदैव सक्रिय होकर आपके साथ रहतीं हैं इसलिए आपको अपने भाग्य के लिखे हुए पर चलना सीखा देतीं हैं या कठीन मार्ग को आसान बनाकर आपको धीरे-धीरे यह महसूस भी करा देतीं हैं कि आपका आने वाला कल कैसा हो सकता है।

जो व्यक्ति इन पवित्र और अदृश्य शक्तियों की शरण में पूरी तरह से पहुंच जाते हैं वे अन्य लोगों से अधिक सहनशील और ऊर्जावान होने के साथ-साथ सदैव प्रेरणादायक भी बन जाते हैं। यदि किसी दिन आपकी उसी सहनशिलता और क्षमता को अचानक कोई हंसी में उड़ाने लगे तो समझो की आप के पास उन शक्तियों का आंशिक वास और संचय होना प्रारंभ हो चुका है। लेकिन, यहां ध्यान रखना होगा कि जितना कठीन होता है इन शक्तियों को प्राप्त करना उतना ही आसान भी होता है इन शक्तियों की शरण में जाना।

About The Author

admin

See author's posts

3,944

Related

Continue Reading

Previous: पाकिस्तान की औकात दिखाता कराची का प्राचीन वरुण देव मंदिर
Next: बप्पा जी रावलः जरा याद उन्हें भी कर लो | Bappa ji Rawal: Remember them as well

Related Stories

Harivansh Puran
  • अध्यात्म
  • विशेष

श्रीहरिवंशपुराण में क्या लिखा है?

admin 20 April 2025
RAM KA DHANUSH
  • अध्यात्म
  • विशेष
  • श्रद्धा-भक्ति

श्रीरामद्वादशनामस्तोत्रम्

admin 19 March 2025
SRI VISHU JI ON GARUD
  • अध्यात्म
  • विशेष
  • श्रद्धा-भक्ति

गरुडगमन तव चरणकमलमिह

admin 14 March 2025

Trending News

कन्या के नामकरण को लेकर मनुस्मृति क्या कहती है? What does Manu Smriti say about the names of girls 1

कन्या के नामकरण को लेकर मनुस्मृति क्या कहती है?

9 May 2025
श्रीहरिवंशपुराण में क्या लिखा है? Harivansh Puran 2

श्रीहरिवंशपुराण में क्या लिखा है?

20 April 2025
कोई राजनीतिक दल गाय के पक्ष में नहीं, अब ये स्पष्ट हो गया है  ham vah hain jinakee pahachaan gaatr (shareer) se nahin apitu gotr (gorakshaavrat) se hai 3

कोई राजनीतिक दल गाय के पक्ष में नहीं, अब ये स्पष्ट हो गया है 

16 April 2025
‘MAAsterG’: जानिए क्या है मिशन 800 करोड़? Masterg 4

‘MAAsterG’: जानिए क्या है मिशन 800 करोड़?

13 April 2025
हम वह हैं जिनकी पहचान गात्र (शरीर) से नहीं अपितु गोत्र (गोरक्षाव्रत) से है ham vah hain jinakee pahachaan gaatr (shareer) se nahin apitu gotr (gorakshaavrat) se hai 5

हम वह हैं जिनकी पहचान गात्र (शरीर) से नहीं अपितु गोत्र (गोरक्षाव्रत) से है

30 March 2025

Total Visitor

077474
Total views : 140814

Recent Posts

  • कन्या के नामकरण को लेकर मनुस्मृति क्या कहती है?
  • श्रीहरिवंशपुराण में क्या लिखा है?
  • कोई राजनीतिक दल गाय के पक्ष में नहीं, अब ये स्पष्ट हो गया है 
  • ‘MAAsterG’: जानिए क्या है मिशन 800 करोड़?
  • हम वह हैं जिनकी पहचान गात्र (शरीर) से नहीं अपितु गोत्र (गोरक्षाव्रत) से है

  • Facebook
  • Twitter
  • Youtube
  • Instagram

Copyright ©  2019 dharmwani. All rights reserved