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स्वास्थ्य, सुख-समृद्धि व शांति के लिए कुछ उपयोगी बातें

admin 9 March 2022
Value of water in hot summer days
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अंगे्रजी में एक बहुत पुरानी कहावत है कि Health is Wealth या निरोगी शरीर एक बहुत बड़ी पूंजी है। यह भी माना जाता है कि प्रकृतिसत्ता की कृपा से ही यह संभव होता है और शरीर में उसका वास होता है। प्रकृति के अनुरूप रहन-सहन, खान-पान, आचरण, क्रिया और व्यवहार करने से ही यह संभव होता है। कोरोना काल में पूरे विश्व को यह बात समझ में आ गयी और जीवनशैली के मामले में पाश्चात्य जगत के प्रभाव से मानव विमुख होता नजर आया जबकि हमारी भारतीय पद्धति, खान-पान एवं दिनचर्या पर भयावह बीमारी का इतना असर नहीं हुआ जितना कि विश्व के अन्य भागों में। शायद, इन्हीं कारणों से भारत में हताहतों की संख्या कम रही।

कोरोना काल के इस भयावह वातावरण में मैंने भारतीय संस्कृति के कुछ भिन्न-भिन्न बिन्दुओं का संकलन किया है और जिन्हें कलमबद्ध करने का प्रयास किया है –

नाजुक अंगों को घायल कर रहा हमारा खान-पान –
– आमाशय घायल होता है जब आप प्रातः काल अल्पाहार नही करते हैं।
– किडनी घायल होती है जब आप 24 घण्टे में 10 गिलास पानी नहीं पीते।
– पित्ताशय घायल होता है जब आप रात्रि 11 बजे तक सोते नहीं है और सूर्याेदय से पूर्व जागते नही हैं।
– छोटी आंत घायल होती है जब आप ठंडा और बासी भोजन करते हैं।
– बड़ी आंत घायल होती है जब आप बहुत तला-भुना और मसालेदार भोजन करते हैं।
– फेफड़े घायल होते हैं जब आप सिगरेट और धुऐं आदि से प्रदूषित वातावरण में सांस लेते हैं।
– लीवर घायल होता है जब आप बहुत भारी जंक, फास्ट फ़ूड खाते हैं।
– हृदय घायल होता है जब आप अपने भोजन में अधिक नमक और केमिकल रिफाइंड तेल खाते हैं।
– अग्न्याशय घायल होता है जब आप मीठी चीजें ज्यादा मात्रा में खाते हैं क्योंकि वो स्वादिष्ट और सहज उपलब्ध हैं।
– आँखें घायल होती हैं जब आप कम प्रकाश में मोबाइल और कम्प्यूटर स्क्रीन पर काम करते हैं।
– मस्तिष्क घायल होता है जब आप नकारात्मक सोचने लगते हैं।
– आत्मा घायल होती है जब आप नैतिकता के विरुद्ध कार्य करते हैं।

पानी पीने के कुछ बिन्दु –
– तीन गिलास सुबह उठने के बाद, अंदरूनी उर्जा को ।बजपअंजम करता है।
– एक गिलास नहाने के बाद, ब्लड प्रेशर का खात्मा करता है।
– दो गिलास खाने से 30 मिनट पहले, हाजमे को दुरुस्त रखता है।
– आधा गिलास सोने से पहले, हार्ट अटैक से बचाता है।

आवश्यक सावधानियों के कुछ बिन्दु –
– मुख्य द्वार के पास कभी भी कूड़ादान ना रखें इससे पड़ोसी शत्रु हो जायेंगे।
– सूर्यास्त के समय किसी को भी दूध, दही या प्याज माँगने पर न दें इससे घर की बरक्कत समाप्त हो जाती है।
– छत पर कभी भी अनाज या बिस्तर ना धोएं, इससे ससुराल से सम्बन्ध खराब होने लगते हैं।
– फल खूब खाओ, स्वास्थ्य के लिए अच्छे हैं लेकिन उसके छिलके कूड़ादान में ना डालें बल्कि बाहर फेंकें इससे मित्रों से लाभ होगा।
– माह में एक बार किसी भी दिन घर में मिश्री युक्त खीर जरूर बनाकर परिवार सहित एक साथ खाएं अर्थात जब पूरा परिवार घर में इकट्ठा हो उसी समय खीर खाएं तो माँ लक्ष्मी की जल्दी कृपा होती है।
– माह में एक बार अपने कार्यालय में भी कुछ मिष्ठान जरूर ले जाएं और उसे अपने साथियों के साथ या अपने अधीन नौकरों के साथ मिलकर खाएं तो धन लाभ होगा।
– रात्रि में सोने से पहले रसोई में बाल्टी भरकर रखें, इससे कर्ज से शीघ्र मुक्ति मिलती है और यदि बाथरूम में बाल्टी भरकर रखेंगे तो जीवन में उन्नति के मार्ग में बाधा नहीं आयेगी ।
– बृहस्पतिवार के दिन घर में कोई भी पीली वस्तु अवश्य खाएं। हरी वस्तु न खाएं तथा बुधवार के दिन हरी वस्तु खाएं लेकिन पीली वस्तु बिलकुल न खाएं इससे सुख-समृद्धि बढ़ेगी।
– रात्रि को जूठे बर्तन कदापि न रखें। इसे पानी से निकाल कर रख सकते हैं, हानि से बचेंगे।
– स्नान के बाद गीले या एक दिन पहले के प्रयोग किये गये तौलिये का प्रयोग न करें, इससे संतान हठी व परिवार से अलग होने लगती है। अपनी बात मनवाने लगती है। अतः, रोज साफ-सुथरा और सूखा तौलिया ही प्रयोग करें।
– कभी भी यात्रा में पूरा परिवार एक साथ घर से न निकलें आगे-पीछे जाएं इससे यश की वृद्धि होगी।

रसोई में ध्यानार्थ बिन्दु –
– घर में सुबह-सुबह कुछ देर के लिए भजन अवश्य लगाएं ।
– घर में कभी भी झाड़ू को खड़ा करके नहीं रखें, उसे पैर नहीं लगाएं, न ही उसके ऊपर से गुजरें अन्यथा घर में बरकत की कमी हो जाती है। झाड़ू हमेशा छुपा कर रखें।
– बिस्तर पर बैठ कर कभी खाना न खाएं, ऐसा करने से धन की हानि होती है। लक्ष्मी घर से निकल जाती हैं और घर में अशांति होती है।
– घर में जूते-चप्पल इधर-उधर बिखेर कर या उल्टे-सीधे करके नहीं रखने चाहिए, इससे घर में अशांति उत्पन्न होती है।
– पूजा सुबह 6 से 8 बजे के बीच भूमि पर आसन बिछा कर पूर्व या उत्तर की ओर मुंह करके बैठ कर करनी चाहिए । पूजा का आसन जूट अथवा कुश का हो तो उत्तम होता है।
– पहली रोटी गाय के लिए निकालें। इससे देवता भी खुश होते हैं और पितरों को भी शांति मिलती है।
– पूजा घर में सदैव जल का एक कलश भरकर रखें जो जितना संभव हो ईशान कोण के हिस्से में हो।
– आरती, दीप, पूजा अग्नि जैसे पवित्रता के प्रतीक साधनों को मुंह से फूंक मारकर नहीं बुझाएं।
– मंदिर में धूप, अगरबत्ती व हवन कुंड की सामग्री दक्षिण पूर्व में रखें अर्थात आग्नेय कोण में ।
– घर के मुख्य द्वार पर दायीं तरफ स्वास्तिक बनाएं।
– घर में कभी भी जाले न लगने दें, वरना भाग्य और कर्म पर जाले लगने लगते हैं और बाधा आती है।
– सप्ताह में एक बार समुद्री नमक या सेंधा नमक से घर में पोंछा जरूर लगाएं, इससे नकारात्मक ऊर्जा हटती है।
– कोशिश करें कि सुबह के प्रकाश की किरणें आपके पूजा घर में जरूर पहुचें सबसे पहले।
– पूजा घर में अगर कोई प्रतिष्ठित मूर्ति है तो उसकी पूजा हर रोज निश्चित रूप से हो, ऐसी व्यवस्था करें।
प्रचलित कहावतें समस्याओं के समाधान में ज्यादा सहायक होती हैं इसलिए पाठकों से आग्रह है किउपरोक्त उपयोगी बातों को ध्यान में रखते हुए अगर हम अपनी जीवनशैली में सुधार करेंगे तो स्वस्थ रहने की दिशा में निरंतर अग्रसर होते रहेंगे।

– सम्पदा जैन

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