ऋषि तिवारी | नोएडा। नोएडा में चौथी बार पर्यटन, परंपरा, कला एवं संस्कृति का मनोरम माहौल थीम के साथ, 16 फरवरी से 04 मार्च 2024 तक प्रसिद्ध “सरस आजीविका मेला 2024” का आयोजन, सेक्टर 33 के नोएडा हाट में किया जा रहा है। उक्त विषय में प्रैस वार्ता के दौरान स्वाति शर्मा, संयुक्त सचिव, ग्रामीण विकास मंत्रालय,भारत सरकार, नोएडा प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम जिलाधिकारी मनीष वर्मा तथा चिरंजीलाल कटारिया ने विस्तृत जानकारी दी है।
सरस मेले वर्ष 1999 से निरंतर आयोजित किया जा रहा है और इन मेलों के माध्यम से लाखों महिलाओं के जीवन स्तर में सुधार हुआ है। मेले में बच्चों के खेलकूद व मनोरंजन के लिए भी संसाधन मौजूद रहेंगे। मेले में दिल्ली-नोएडा सहित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लाखों दर्शक व ग्राहक भाग लेंगे। दर्शकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए तमाम व्यवस्थाएं की जा रही हैं। पारदर्शिता को देखते हुए इस सरस आजीविका मेले में स्वयं सहायता समूहों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन/ नोमिनेशन की व्यवस्था की गई है। मेले में बीसी सखी व झारखंड की पत्रकार दीदियों की भी भागीदारी रहेगी। स्वाति शर्मा ने कहा प्रधानमंत्री का सपना 02 करोड़ दीदियों को लखपति घोषित करने का है जबकि लक्ष्य 10 करोड़ दीदियों का है। हम सभी दीदियों को राष्ट्रिय स्तर पर प्लेटफार्म देना चाहते हैं।
जिलाधिकारी मनीष वर्मा ने कहा हमारे देश की महिलाओं मैं बहुत सारे हुनर हैं। जो आपको सरस मेले के माध्यम से नोएडा हॉट में देखने को मिलेंगे। महिला सशक्तिकरण के साथ ही उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाने का सर्कार का उद्देश्य है। इस अवसर पर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम ने कहा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में सभी को सहयोग करना चाहिए नोएडावासियों का सौभाग्य है कि केंद्र सर्कार के सरस मेले का आयोजन नोएडा हॉट में हो रहा है। जिसमे उन्हें 28 राज्यों के महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पाद देखने को मिलेंगे।
इंडिया फूड कोर्ट सरस आजीविका मेले में इस बार महत्त्वपूर्ण इंडिया फ़ूड कोर्ट में देश भर के 20 राज्यों की 80 (उद्धमी) गृहणियों का समूह अपने प्रदेश के प्रसिद्ध क्षेत्रीय व्यंजनों के स्टाल लगाएंगी जिसमें हर प्रदेश के क्षेत्रीय व्यंजनों के स्वाद का अनोखा आनंद प्राप्त होगा। राजस्थानी कैर सागरी गट्टे की सब्ज़ी से लेकर बंगाल की फ़िश करी, तेलंगाना का चिकन, बिहार की लिट्टी चोखा, पंजाब का सरसों का साग व मक्के की रोटी, प्राकृतिक खाद्य उत्पाद, हरियाणा के बाजरे व ज्वार के लड्डू बिस्कुट, कर्नाटक व जम्मू कश्मीर के ड्राई फ्रूट सहित पूरे भारत के पकवान मौजूद रहेंगे।
हैंडलूम सरस आजीविका मेला 2024 में कुछ उत्कृष्ट प्रदर्शन जो हैंडलूम, साड़ी और ड्रेस मेटिरियल में विभिन्न राज्यों से हैं वो इस प्रकार हैं- टसर की साड़ियां, बाघ प्रिंट, गुजरात की पटोला साड़ियां, काथा की साड़ियां, राजस्थानी प्रिंट, चंदेरी साड़ियां। हिमाचल उत्तराखंड के ऊनी उत्पाद व हैंडलूम के विभिन्न उत्पाद, झारखंड के पलाश उत्पाद व प्राकृतिक खाद्य सहित मेले में पूरे भारत की ग्रामीण संस्कृति के विविधता भरे उत्पाद प्रदर्शित होंगे।
हैंडीक्राफ्ट इसके साथ ही हैंडीक्राफ्ट, ज्वैलरी और होम डेकोर के प्रोडक्ट्स के रूप में आंध्र प्रदेश की पर्ल ज्वैलरी, वूडन उत्पाद, आसाम का वाटर हायजिनिथ हैंड बैग और योगामैट, बिहार से लाहकी चूड़ी, मधुबनी पेंटिंग और सिक्की क्राफ्ट्स, छत्तीसगढ़ से बेलमेटल प्रोडक्ट्स, मडमिरर वर्क और डोरी वर्क गुजरात से, हरियाणा, का टेरा कोटा, झारखंड की ट्राइबल ज्वैलरी, कर्नाटक का चन्ननपटना खिलौना, सबाईग्रास प्रोडक्टस, पटचित्र आनपाल्मलीव ओडिशा, तेलंगाना से लेदर बैग, वाल हैंगिंग और लैंप सेड्स, उत्तर प्रदेश से होम डेकोर, और पश्चिम बंगाल से डोकरा क्राप्ट, सितल पट्टी और डायवर्सीफाइड प्रोडक्ट्स ये सभी रहेंगे। साथ ही प्राकृतिक खाद्य पदार्थ भी फूड स्टाल पर मौजूद होंगे।
प्राकृतिक खाद्य पदार्थों के रूप्ा में अदरक, चाय, दाल कॉफी, पापड़, एपल जैम और अचार आदि उपलब्ध रहेंगे। साथ ही मेले में बच्चों के मनोरंजन का भी पुख्ता इंतजाम किया जाएगा। इसके साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी लोग भरपूर आनंद उठा पाएंगे। सरस मेलों के माध्यम से ग्रामीण स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं न केवल आजीविका के अवसर सृजन कर रही हैं, बल्कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बेहतरीन उदाहरण देश के सामने पेश कर रही हैं। यह निश्चित रूप से आजीविका यात्रा में एक मील का पत्थर है। वहीं, मेले मै सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए हैं। साथ ही जगह जगह सेनिटाइजेशन का भी इंतजाम किया गया है।
महिला सशक्तिकरण के लिए मोदी एवं योगी की पहल सराहनीय : अफसाना
उत्तर प्रदेश के रामपुर से महर्षि स्वयं सहायता समूह की संचालिका अफसाना ने यहां मेले में अपना स्टॉल लगाया है। उनका कहना है कि महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़कर देश के प्रधानमंत्री तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की पहल सराहनीय है। उन्होंने बताया कि उनके समूह से 11 महिलाएं जुड़ी हैं, जो अपना खुद का काम कर रही हैं। सरकार ने हमें एक मंच देकर स्वाबलंबी बनाया है, यही महिला सशक्तिकरण का जीवंत उदाहरण है। वहीं दीपा रावत ने बताया की समूह से जुड़ने के बाद आज उनका खुद का मकान बनाने का सपना पूरा हुआ है। हम लोग आत्मनिर्भर हो रहे है।