23 December 2024

धर्म

व्युत्पत्तिलभ्य अर्थ के अनुसार शल्यशास्त्र के ज्ञाता आदि अंत पारंगत विद्वान धन्वन्तरि कहलाते हैं। भागवत पुराण के...
रुद्राक्ष: अक्षर, वर्ण और अभिप्राय के अनुसार यह शिव-नेत्रों से उत्पन्न और शिव-साधना में अत्यन्त आवश्यक और...
भारत में प्राचीन काल से ही ऋषि मुनियों का बहुत महत्त्व रहा है। ऋषि मुनि समाज के...
श्रीमद्भगद्गीता में भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन को कर्मयोग समझाते हुए दान, पुण्य, सेवा, उपकार, रक्षा आदि सत्कर्मों को...
जीवन केवल भौतिक पदार्थों का संघटन मात्र नहीं है। न यह केवल चेतना का ही संचार मात्र...
भारत की प्राचीन शास्त्र परंपरा में कार्तिक मास का विशेष महत्व बताया गया है। सद्गुणों की अभिवृद्धि...