![Lothal - Indus Valley Civilization in Gujarat](https://i0.wp.com/dharmwani.com/wp-content/uploads/2023/09/Lothal-Indus-Valley-Civilization-in-Gujarat.png?fit=1000%2C630&ssl=1)
आज यह स्थान सभ्यता के विकास और संरचना के साथ जुड़े कई रहस्यों को हल करने में मदद करता है।
लोथल, भारत के गुजरात (Lothal, Gujarat history) में स्थित है और यह सिंधु-सरस्वती सभ्यता का महत्वपूर्ण अंग रहा है। इस स्थल की खोज से सिंधु-सरस्वती सभ्यता के इतिहास के कई पहलुओं को समझने में मदद मिली है। मुख्य तौर पर यह महाभारत के दौर से जुड़ा हुआ स्थान भी रहा है।
‘लोथल’ शब्द (Lothal, Gujarat history) का साधारण तौर पर अनुवाद करें तो “मृतकों का टीला या क्षेत्र” होता है। वर्ष 1954 में खोजा गया या स्थान, हड़प्पा और महाभारत काल का दक्षिणी केंद्र हुआ करता था। साथ ही यह उपमहाद्वीप की सबसे पुरानी सभ्यता का समृद्ध बंदरगाह और प्रमुख शहर भी हुआ करता था। धीरे-धीरे यह मोतियों, रत्नों और मूल्यवान आभूषणों के व्यापार और उद्योग का एक उभरता हुआ केंद्र बन गया था, जो कि पश्चिम एशिया तक पहुंच चुका था।
![Lothal - Indus Valley Civilization in Gujarat - The discovery of this site has helped in understanding many aspects of the history of the Indus-Saraswati civilization.](https://i0.wp.com/dharmwani.com/wp-content/uploads/2023/09/Lothal-Indus-Valley-Civilization-in-Gujarat-The-discovery-of-this-site-has-helped-in-understanding-many-aspects-of-the-history-of-the-Indus-Saraswati-civilization..png?resize=640%2C438)
लोथल के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य –
सभ्यता के अवशेष: लोथल (Lothal, Gujarat history) में पाए गए अवशेष सिंधु-सरस्वती सभ्यता के होने के संकेत देते हैं। यहां पर मिले खुदाई के दौरान विशेषज्ञों ने बड़ी संख्या में सुप्रभित मोहरों, जिनमें सरस्वती लिपि का अभिलेख होता है, को पाया है।
नगर योजना –
लोथल का नगर योजना सुगम गतिशीलता और इंजीनियरिंग और प्लानिंग का महत्वपूर्ण उदाहरण है। यहां से प्राप्त वस्तुओं में बड़े पैमाने पर पशुपालन, व्यापार और नौका निर्माण की प्रक्रिया का पता चलता है।
जल संग्रहण प्रणाली –
लोथल के पास एक बड़े आकार की जल संग्रहण प्रणाली का भी पता चला है जिसमें पानी को संचित करने और शहर के निवासियों को सूखे से बचाने के लिए उपयोग किया जाता रहा होगा।
व्यापार –
लोथल से प्राप्त तमाम अवशेष बताते हैं की यहां व्यापारिक गतिविधियों और समृद्धि के साथ-साथ सभ्यता का समग्र दक्षिण एशिया के साथ व्यापार के लिए प्रमुख क्षेत्र रहा है।
लोथल की खोज –
लोथल की खोज, खुदाई और इसके अध्ययन और सिंधु-सरस्वती सभ्यता के इतिहास को समझने में महत्वपूर्ण स्थान माना जा रहा है। आज यह स्थान सभ्यता के विकास और संरचना के साथ जुड़े कई रहस्यों को हल करने में मदद करता है।