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एलियंस ने भेजा सन्देश, कहा – “हम आ रहे हैं”

admin 26 February 2023
ALIANS SIGNALS ON EARTH

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एल्गोरिदम" की इस नई तकनीक की मदद से अभीतक ऐसे कुल आठ रहस्यमय रेडियो सिग्नल खोजे गए हैं

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अमेरिकन यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो के छात्र पीटर मा के नेतृत्व में विशेषज्ञों की टीम ने एक विशेष तकनीक की सहायता से एलियंस के द्वारा भेजे गए कुछ Signals और मानव जनित विकसित Signals के बीच का न सिर्फ अंतर खोज निकालना आसान कर दिया है बल्कि एलियंस की गतिविधियों के बारे में भी कुछ बारीक जानकारियाँ एकत्र करनी शुरू कर दी हैं। जबकि अभीतक खगोलविदों और आधुनिक विज्ञानियों के सामने एलियंस पर शोध करना बेहद मुश्किलभरा काम साबित हो रहा था।

इस नई तकनीक का मुख्य उद्देश्य एलियंस से जुडी “टेक्नोसिग्नेचर” या उनकी टेक्नोलॉजी के सबूतों का पता लगाना है, जो एलियंस ने विकसित की होगी, या जिस किसी भी तकनीक का वे उपयोग करते होंगे। वैज्ञानिकों के अनुसार शुरूआती जांच में तो उन्होंने कुछ Signals पर ध्यान नहीं दिया था, क्योंकि इस प्रकार की ऑब्जर्वेशन में अक्सर इस तरह के हस्तक्षेप होते रहते हैं।

हालाँकि, इस मामले में खगोलविदों के बीच सबसे बड़ी आशंका ये भी घर कर गई है कि यदि एलियंस के संभावित सिग्नल और मानव विकसित Signals के बीच कुछ प्रामाणिक और सीधे सीधे आदान प्रदान होना प्रारम्भ हो जाता है तो हम उन्हें अपनी भाषा या विचारों में कैसे बदल पाएंगे और हम उन्हें अपने विचारों से कैसे अवगत करा पाएंगे?

खगोलविदों के अनुसार, “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एल्गोरिदम” की इस नई तकनीक की मदद से अभीतक ऐसे कुल आठ रहस्यमय रेडियो सिग्नल खोजे गए हैं जिनके माध्यम से हम उम्मीद कर सकते हैं कि ये Signals न सिर्फ एलियंस की खोज को कारगर बनाएंगे बल्कि उनसे संपर्क करने में भी मददगार साबित हो सकेंगे।

अगर इस नई तकनीक की बात करें तो अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो के विशेषज्ञों की टीम ने जिस नई तकनीक का अविष्कार किया है उसके अंतर्गत इसमें मशीन की सहायता से “लर्निंग एल्गोरिदम” विकसित किया गया है।

इस लर्निंग एल्गोरिदम के अंतर्गत हमारे ग्रह पर हर तरह की बैकग्राउंड आवाज़ों में से संभावित एलियंस के signals को बेहतर ढंग से अलग किया जा सकता है। इस नई तकनीक में Deep Learning प्रोसेस का इस्तेमाल किया गया है।

एक साधारण भाषा में अगर हम डीप लर्निंग का मतलब समझें तो डीप लर्निंग एक तरह की लर्निंग मशीन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस होता है, जो चीजों को समझने के तरीके की नकल करता है। इस तकनीक का इस्तेमाल आमतौर पर ड्राइवरलेस कारों में भी किया जाता है।

खबरों के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों से फ्रांस, ब्राजील, लंदन, लास वेगास आदि स्थानों पर लोगों द्वारा यूएफओ देखे जाने का दावा किया गया था। इसके अलावा दावा तो ये भी किया जा चुका है कि हो सकता है कि वर्ष 2023 के अंतिम दिनों तक एलियंस धरती पर सबके बीच उतर सकते हैं और आम लोगों से सीधे संवाद भी कर सकते हैं। हालाँकि, भले ही धरती के कई हिस्सों पर एलियंस को देखने का दावा किया जा चुका है, लेकिन इस संबंध में कोई ठोस सबूत भी नहीं मिल पाया है।

– अजय चौहान

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