Skip to content
17 May 2025
  • Facebook
  • Twitter
  • Youtube
  • Instagram

DHARMWANI.COM

Religion, History & Social Concern in Hindi

Categories

  • Uncategorized
  • अध्यात्म
  • अपराध
  • अवसरवाद
  • आधुनिक इतिहास
  • इतिहास
  • ऐतिहासिक नगर
  • कला-संस्कृति
  • कृषि जगत
  • टेक्नोलॉजी
  • टेलीविज़न
  • तीर्थ यात्रा
  • देश
  • धर्म
  • धर्मस्थल
  • नारी जगत
  • पर्यटन
  • पर्यावरण
  • प्रिंट मीडिया
  • फिल्म जगत
  • भाषा-साहित्य
  • भ्रष्टाचार
  • मन की बात
  • मीडिया
  • राजनीति
  • राजनीतिक दल
  • राजनीतिक व्यक्तित्व
  • लाइफस्टाइल
  • वंशवाद
  • विज्ञान-तकनीकी
  • विदेश
  • विदेश
  • विशेष
  • विश्व-इतिहास
  • शिक्षा-जगत
  • श्रद्धा-भक्ति
  • षड़यंत्र
  • समाचार
  • सम्प्रदायवाद
  • सोशल मीडिया
  • स्वास्थ्य
  • हमारे प्रहरी
  • हिन्दू राष्ट्र
Primary Menu
  • समाचार
    • देश
    • विदेश
  • राजनीति
    • राजनीतिक दल
    • नेताजी
    • अवसरवाद
    • वंशवाद
    • सम्प्रदायवाद
  • विविध
    • कला-संस्कृति
    • भाषा-साहित्य
    • पर्यटन
    • कृषि जगत
    • टेक्नोलॉजी
    • नारी जगत
    • पर्यावरण
    • मन की बात
    • लाइफस्टाइल
    • शिक्षा-जगत
    • स्वास्थ्य
  • इतिहास
    • विश्व-इतिहास
    • प्राचीन नगर
    • ऐतिहासिक व्यक्तित्व
  • मीडिया
    • सोशल मीडिया
    • टेलीविज़न
    • प्रिंट मीडिया
    • फिल्म जगत
  • धर्म
    • अध्यात्म
    • तीर्थ यात्रा
    • धर्मस्थल
    • श्रद्धा-भक्ति
  • विशेष
  • लेख भेजें
  • dharmwani.com
    • About us
    • Disclamar
    • Terms & Conditions
    • Contact us
Live
  • श्रद्धा-भक्ति

श्री दुर्गा चालीसा: नमो नमो दुर्गे सुख करनी…

admin 5 December 2021
DURGA CHALISA
Spread the love

मां दुर्गा की उत्पत्ति धर्म की रक्षा और संसार से अज्ञान का अंधकार मिटाने के लिए हुई, इसलिए, विशेष तौर पर नवरात्र के अवसर पर सच्चे मन से श्री दुर्गा चालीसा का पाठ करने पर एक अलग ही अनुभूति होती है तथा हर प्रकार के शत्रुओं से मुक्ति मिलने के साथ ही इच्छा पूर्ति सहित मनोकामनाएं भी पूरी हो जाती हैं।

सनातन शास्त्रों के अनुसार नवरात्र या किसी भी अन्य शुभ अवसर पर मां दुर्गा की स्तुति के लिए श्री दुर्गा चालीसा का पाठ करना सबसे उत्तम माना गया है। नियमित रूप से श्री दुर्गा चालीसा का पाठ करने से मां दुर्गा अपने भक्तों पर प्रसन्न होती हैं और उनके हर प्रकार के कष्टों को दूर करतीं हैं।

श्री दुर्गा चालीसा

नमो नमो दुर्गे सुख करनी।
नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी।।

निरंकार है ज्योति तुम्हारी।
तिहूं लोक फैली उजियारी।।

शशि ललाट मुख महाविशाला।
नेत्र लाल भृकुटि विकराला।।

रूप मातु को अधिक सुहावे।
दरश करत जन अति सुख पावे।।

तुम संसार शक्ति लै कीना।
पालन हेतु अन्न धन दीना।।

अन्नपूर्णा हुई जग पाला।
तुम ही आदि सुन्दरी बाला।।

प्रलयकाल सब नाशन हारी।
तुम गौरी शिवशंकर प्यारी।।

शिव योगी तुम्हरे गुण गावें।
ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें।।

रूप सरस्वती को तुम धारा।
दे सुबुद्धि ऋषि मुनिन उबारा।।

धरयो रूप नरसिंह को अम्बा।
परगट भई फाड़कर खम्बा।।
रक्षा करि प्रह्लाद बचायो।
हिरण्याक्ष को स्वर्ग पठायो।।

लक्ष्मी रूप धरो जग माहीं।
श्री नारायण अंग समाहीं।।

क्षीरसिन्धु में करत विलासा।
दयासिन्धु दीजै मन आसा।।

हिंगलाज में तुम्हीं भवानी।
महिमा अमित न जात बखानी।।

मातंगी अरु धूमावति माता।
भुवनेश्वरी बगला सुख दाता।।

श्री भैरव तारा जग तारिणी।
छिन्न भाल भव दुःख निवारिणी।।

केहरि वाहन सोह भवानी।
लांगुर वीर चलत अगवानी।।

कर में खप्पर खड्ग विराजै।
जाको देख काल डर भाजै।।

सोहै अस्त्र और त्रिशूला।
जाते उठत शत्रु हिय शूला।।

नगरकोट में तुम्हीं विराजत।
तिहुंलोक में डंका बाजत।।

शुंभ निशुंभ दानव तुम मारे।
रक्तबीज शंखन संहारे।।

महिषासुर नृप अति अभिमानी।
जेहि अघ भार मही अकुलानी।।

रूप कराल कालिका धारा।
सेन सहित तुम तिहि संहारा।।

परी गाढ़ संतन पर जब जब।
भई सहाय मातु तुम तब तब।।

अमरपुरी अरु बासव लोका।
तब महिमा सब रहें अशोका।।

ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी।
तुम्हें सदा पूजें नर-नारी।।

प्रेम भक्ति से जो यश गावें।
दुःख दारिद्र निकट नहिं आवें।।

ध्यावे तुम्हें जो नर मन लाई।
जन्म-मरण ताकौ छुटि जाई।।

जोगी सुर मुनि कहत पुकारी।
योग न हो बिन शक्ति तुम्हारी।।

शंकर आचारज तप कीनो।
काम अरु क्रोध जीति सब लीनो।।

निशिदिन ध्यान धरो शंकर को।
काहु काल नहिं सुमिरो तुमको।।

शक्ति रूप का मरम न पायो।
शक्ति गई तब मन पछितायो।।

शरणागत हुई कीर्ति बखानी।
जय जय जय जगदम्ब भवानी।।

भई प्रसन्न आदि जगदम्बा।
दई शक्ति नहिं कीन विलम्बा।।

मोको मातु कष्ट अति घेरो।
तुम बिन कौन हरै दुःख मेरो।।

आशा तृष्णा निपट सतावें।
रिपू मुरख मौही डरपावे।।

शत्रु नाश कीजै महारानी।
सुमिरौं इकचित तुम्हें भवानी।।

करो कृपा हे मातु दयाला।
ऋद्धि-सिद्धि दै करहु निहाला।

जब लगि जिऊं दया फल पाऊं।
तुम्हरो यश मैं सदा सुनाऊं ।।

दुर्गा चालीसा जो कोई गावै।
सब सुख भोग परमपद पावै।।

देवीदास शरण निज जानी।
करहु कृपा जगदम्ब भवानी।।

।। दोहा ।।
शरणागत रक्षा करे,
भक्त रहे निरूशंक ।
मैं आया तेरी शरण में,
मातु लिजिये अंक ।।

।। इति श्री दुर्गा चालीसा सम्पूर्ण ।।

About The Author

admin

See author's posts

1,979

Related

Continue Reading

Previous: होली उत्सव – कल आज और कल | Holi Festival
Next: मां दुगा जी की आरती – जय अम्बे गौरी…

Related Stories

Masterg
  • विशेष
  • श्रद्धा-भक्ति

‘MAAsterG’: जानिए क्या है मिशन 800 करोड़?

admin 13 April 2025
ham vah hain jinakee pahachaan gaatr (shareer) se nahin apitu gotr (gorakshaavrat) se hai
  • विशेष
  • श्रद्धा-भक्ति

हम वह हैं जिनकी पहचान गात्र (शरीर) से नहीं अपितु गोत्र (गोरक्षाव्रत) से है

admin 30 March 2025
RAM KA DHANUSH
  • अध्यात्म
  • विशेष
  • श्रद्धा-भक्ति

श्रीरामद्वादशनामस्तोत्रम्

admin 19 March 2025

Trending News

कन्या के नामकरण को लेकर मनुस्मृति क्या कहती है? What does Manu Smriti say about the names of girls 1

कन्या के नामकरण को लेकर मनुस्मृति क्या कहती है?

9 May 2025
श्रीहरिवंशपुराण में क्या लिखा है? Harivansh Puran 2

श्रीहरिवंशपुराण में क्या लिखा है?

20 April 2025
कोई राजनीतिक दल गाय के पक्ष में नहीं, अब ये स्पष्ट हो गया है  ham vah hain jinakee pahachaan gaatr (shareer) se nahin apitu gotr (gorakshaavrat) se hai 3

कोई राजनीतिक दल गाय के पक्ष में नहीं, अब ये स्पष्ट हो गया है 

16 April 2025
‘MAAsterG’: जानिए क्या है मिशन 800 करोड़? Masterg 4

‘MAAsterG’: जानिए क्या है मिशन 800 करोड़?

13 April 2025
हम वह हैं जिनकी पहचान गात्र (शरीर) से नहीं अपितु गोत्र (गोरक्षाव्रत) से है ham vah hain jinakee pahachaan gaatr (shareer) se nahin apitu gotr (gorakshaavrat) se hai 5

हम वह हैं जिनकी पहचान गात्र (शरीर) से नहीं अपितु गोत्र (गोरक्षाव्रत) से है

30 March 2025

Total Visitor

077496
Total views : 140862

Recent Posts

  • कन्या के नामकरण को लेकर मनुस्मृति क्या कहती है?
  • श्रीहरिवंशपुराण में क्या लिखा है?
  • कोई राजनीतिक दल गाय के पक्ष में नहीं, अब ये स्पष्ट हो गया है 
  • ‘MAAsterG’: जानिए क्या है मिशन 800 करोड़?
  • हम वह हैं जिनकी पहचान गात्र (शरीर) से नहीं अपितु गोत्र (गोरक्षाव्रत) से है

  • Facebook
  • Twitter
  • Youtube
  • Instagram

Copyright ©  2019 dharmwani. All rights reserved