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बमलेश्वरी माता मंदिर – कब जायें, कैसे जायें, कहां ठहरें? | Mata Bamleshwari Temple

admin 14 February 2021
Mata Bamleshwari Temple
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अजय सिंह चौहान | छत्तीसगढ़ राज्य के डोंगरगढ़ में स्थित माता बमलेश्वरी देवी मंदिर के विषय में स्थानिय तथा कुछ अन्य जानकारों का मानना है कि यह एक शक्तिपीठ मंदिर है, जबकि कुछ लोग यह मानते हैं कि यह एक जागृत और सिद्ध पीठ के रूप में प्रसिद्ध है।

यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के द्वार सुबह 4 बजे ही खुल जाते हैं। जबकि, दोपहर में 1 से 2 बजे के बीच पट बंद किया जाता है। दोपहर 2 बजे के बाद इसे रात के 10 बजे तक दर्शन के लिए खोल दिया जाता है। नवरात्र के अवसर पर ये मंदिर 24 घंटे खुला रहता है।

चैत्र और शारदीय नवरात्र के अवसरों पर यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं और अपनी मनोकामना की ज्योति प्रज्वलित कर के जाते हैं।

चैत्र और आश्विन माह में पड़ने वाले दोनों ही नवरात्र के अवसरों पर, यहां करीब दस लाख लोग हर साल आते हैं। यहां आने वाले भक्तों का मानना है कि माँ बमलेश्वरी सबकी इच्छाएं पूरी करती है और मां के चरणों में हर समस्या का निदान भी हो जाता है। मां के चरणों में की जाने वाली आराधना और प्रार्थना का अद्भूत फल मिलाता है। यही कारण है कि डोंगरगढ़ में स्थित मां बमलेश्वरी का यह मंदिर इतना प्रसिद्ध है।

कोरोनाकाल के संकट को देखते हुए श्री बमलेश्वरी मंदिर ट्रस्ट समिति ने सम्पूर्ण मानव जाति के कल्याण हेतु विशेष पूजा-अर्चना के साथ-साथ, मुख्यमंत्री सहायता कोष में ग्यारह लाख रुपये की राशि जमा करवा कर एक मिसाल कायम की है।

भोजन व्यवस्था –
श्री बमलेश्वरी मंदिर समिति के माध्यम से यहां आने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए पहाड़ी के ऊपर मंदिर प्रांगण में मात्र 10 रुपये के कूपन में भंडारा प्रसाद की विशेष व्यवस्था है। इसके अलावा यहां आने वाले श्रद्धालुओं के द्वारा कई प्रकार से दान भी दिये जाते हैं। श्रद्धालुजन चाहें तो वे यहां इक्यावन सौ रुपये (5,100) की दान राशि देकर एक दिन का भंडारा भी प्रायोजित कर सकते हैं।

यहां का मौसम –
छत्तीसगढ़ राज्य के डोंगरगढ़ में स्थित माता बमलेश्वरी देवी के इस मंदिर सहीत संपूर्ण छत्तीसगढ़ क्षेत्र में घूमने जाने के लिए सही मौसम जून से मार्च के बीच को होता है। लेकिन, अगर आप यहां अक्टूबर से मार्च के बीच जाते हैं तो यहां का तापमान और भी सुहावना होता है।

अब कीजिए सभी 51 शक्तिपीठों के दर्शन एक ही दिन में | 51 Shaktipeeths in a Single Day

कहां ठहरें –
माता बमलेश्वरी के दरबार में आने वाले भक्तों के लिए यहां श्री बमलेश्वरी मंदिर समिति के माध्यम से संचालित धर्मशाला के अलावा भी अनेकों छोटे-बड़े निजी होटल और धर्मशालाओं में ठहरने की अच्छी और हर बजट के अनुसार व्यवस्था देखने को मिल जाती है।

कैसे पहुंचे –
मां बम्लेश्वरी का यह मंदिर जिला मुख्यालय राजनांदगांव से 40 किमी की दूरी पर, डोंगरगढ़ नामक प्राचीन कस्बे में, और रायपुर-नागपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर महाराष्ट्र की सीमा से लगे छत्तीसगढ़ प्रदेश का एक तहसील मुख्यालय है।

अगर आप यहां रेल मार्ग से पहुंचना चाहते हैं तो हावड़ा-मुंबई मुख्य रेल मार्ग पर यह स्थान डोंगरगढ़ रेलवे जंक्शन के नाम से है।
सड़क मार्ग से यहां तक पहंुचने के लिए छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर, राजनांदगांव तथा आस-पास के सभी शहरों और कस्बों से नियमित बस सेवा और टैक्सियां उपल्बध हो जाती हैं। इसके अलावा जिला मुख्यालय से हर 10 मिनट में डोंगरगढ़ के लिए बस सेवा है।

अगर आप यहां हवाई जहाज से जाना चाहते हैं तो उसके लिए भी यहां का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा राज्य की राजधानी रायपुर में है जहां से मंदिर की दूरी करीब 105 किलोमीटर है। 

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