Skip to content
15 May 2025
  • Facebook
  • Twitter
  • Youtube
  • Instagram

DHARMWANI.COM

Religion, History & Social Concern in Hindi

Categories

  • Uncategorized
  • अध्यात्म
  • अपराध
  • अवसरवाद
  • आधुनिक इतिहास
  • इतिहास
  • ऐतिहासिक नगर
  • कला-संस्कृति
  • कृषि जगत
  • टेक्नोलॉजी
  • टेलीविज़न
  • तीर्थ यात्रा
  • देश
  • धर्म
  • धर्मस्थल
  • नारी जगत
  • पर्यटन
  • पर्यावरण
  • प्रिंट मीडिया
  • फिल्म जगत
  • भाषा-साहित्य
  • भ्रष्टाचार
  • मन की बात
  • मीडिया
  • राजनीति
  • राजनीतिक दल
  • राजनीतिक व्यक्तित्व
  • लाइफस्टाइल
  • वंशवाद
  • विज्ञान-तकनीकी
  • विदेश
  • विदेश
  • विशेष
  • विश्व-इतिहास
  • शिक्षा-जगत
  • श्रद्धा-भक्ति
  • षड़यंत्र
  • समाचार
  • सम्प्रदायवाद
  • सोशल मीडिया
  • स्वास्थ्य
  • हमारे प्रहरी
  • हिन्दू राष्ट्र
Primary Menu
  • समाचार
    • देश
    • विदेश
  • राजनीति
    • राजनीतिक दल
    • नेताजी
    • अवसरवाद
    • वंशवाद
    • सम्प्रदायवाद
  • विविध
    • कला-संस्कृति
    • भाषा-साहित्य
    • पर्यटन
    • कृषि जगत
    • टेक्नोलॉजी
    • नारी जगत
    • पर्यावरण
    • मन की बात
    • लाइफस्टाइल
    • शिक्षा-जगत
    • स्वास्थ्य
  • इतिहास
    • विश्व-इतिहास
    • प्राचीन नगर
    • ऐतिहासिक व्यक्तित्व
  • मीडिया
    • सोशल मीडिया
    • टेलीविज़न
    • प्रिंट मीडिया
    • फिल्म जगत
  • धर्म
    • अध्यात्म
    • तीर्थ यात्रा
    • धर्मस्थल
    • श्रद्धा-भक्ति
  • विशेष
  • लेख भेजें
  • dharmwani.com
    • About us
    • Disclamar
    • Terms & Conditions
    • Contact us
Live
  • धर्मस्थल
  • पर्यटन

जतमई माता मंदिर – पर्यटन और धर्म दोनों एक साथ

admin 11 November 2023
Jatmai Mata Temple – Chattisgad 1
Spread the love

छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में माता दुर्गा का एक ऐसा पौराणिक और प्रसिद्ध मंदिर है जिसमें माता के चरण छूने के लिए प्राकृतिक जलधाराएं मंदिर के गर्भगृह के अंदर तक स्वयं ही पहुंच जाती हैं।

दरअसल, इस मंदिर की अन्य विशेषताओं में एक प्राकृतिक विशेषता ये है कि इसके ठीक बगल से प्राकृतिक जलधारा एक झरने के रूप में सदेव बहती रहती है। बरसात के दिनों में तो यह धारा मंदिर के गर्भगृह में माता के चरणों तक भी पहुँच जाती है। इसीलिए स्थानीय लोगों में मान्यता है कि ये जल धाराएं माता की सेवक हैं।

माता दुर्गा का यह मंदिर प्रमुख रूप से “जतमई” मंदिर के नाम से पहचाना जाता है। यह मंदिर अब मात्र एक मंदिर ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ के सबसे लोकप्रिय पिकनिक स्थलों में से एक बन चुका है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लगभग 75 किलोमीटर की दुरी पर स्थित यह मंदिर गरियाबंद जिले में स्थित है।

 

Jatmai Mata Temple – Chattisgad

गरियाबंद जिले के पटेवा कस्बे के निकट स्थित जतमई नामक एक पहाड़ी जो करीब 200 मीटर क्षेत्र में फैली है, उसकी उंचाई करीब 75 मीटर, यानी करीब 246 फीट है। इसी पहाड़ी के शिखर पर विशालकाय पत्थर आपस में जुड़े हुए हैं। जिन्हें देखकर लगता है मानों इन्हें यहां किसी ने रखा हुआ है, जबकि यह एकदम प्राकृतिक है। और इसी पहाड़ी पर स्थित है “घटारानी” माता का यह मंदिर।

एक बड़े प्रकृतिक झरने के साथ ही बना जतमई माता का ये मंदिर मात्र इस क्षेत्र और प्रदेश के लिए ही नहीं बल्कि देशभर के श्रध्दालुओं और पर्यटकों के लिए सबसे लोकप्रिय पिकनिक स्थलों में से एक है।

Jatmai Mata Temple – Chattisgad 2

प्राकृतिक रूप से मात्र यही एक मंदिर स्थल नहीं बल्कि यहाँ का सम्पूर्ण क्षेत्र भी बेहद मनमोहक है। इसके चारों ओर फैली प्राकृतिक हरियाली और उंचे पहाड़ों से गिरते झरने यहां आने वाले पर्यटकों और दर्शनार्थियों के लिए यादगार बन जाते हैं। इसीलिए, ये स्थान धार्मिक महत्व तो रखता ही है साथ ही साथ पर्यटन की दृष्टि से भी बेहद समृद्ध है।

इसलिए छत्तीसगढ़ के इस विश्वप्रसिद्ध धार्मिक, अध्यात्मिक और पर्यटक स्थल और जलप्रपात के बारे में माना जाता है कि झरने के रूप में गिर रही ये जल धाराएं माता की सेविका हैं जो सदेव माता के मंदिर के आसपास ही रहती हैं।

हालाँकि गर्मियों के मौसम में यह झरना और इसकी जलधाराएं करीब-करीब न के बराबर ही रहतीं हैं। स्थानीय लोगों का कहना है की आज से करीब 30 से 35 वर्षों पहले तक भी ये झरना और इसकी ये धाराएं प्राकृतिक रूप से गर्मियों में भी खूब बहा करतीं थीं। फिलहाल तो गर्मियों के कारण यहां इस झरने के कुछ प्राकृतिक कुंडों में ही थोड़ा-थोड़ा पानी दिखता है, लेकिन यदि आप यहां बरसात के मौसम में आएंगे तो नदी की तरह बहने वाला इसका एक अलग ही रूप दिखाई देता है।

गर्मियों के दिनों में भी यहाँ की हरियाली, पेड़ों की ठंडी छाव और यहाँ के झरनों का मीठा पानी पर्यटकों का मन मोह लेते हैं। अधिकतर पर्यटक तो इस झरने पर आकर नहाने का भरपूर मजा लेते देखे जा सकते हैं। इसके अलावा प्रति वर्ष चैत्र और शारदीय नवरात्र के अवसर पर यहाँ मेले का भी आयोजन किया जाता है जिसमें स्थानीय लोगों के अलावा पर्यटकों की भी भीड़ देखी जा सकती है।

जटामाई माता मंदिर के लिए सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन रायपुर रेल्वे स्टेशन है जो यहाँ से करीब से 90 किलोमीटर की दुरी पर है। सड़क मार्ग से जटामाई माता मंदिर तक जाने के लिए रायपुर के पंडरी बस स्टैंड से यह करीब 90 किलोमीटर की दुरी पर है। इसके अलावा यहाँ का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा स्वामी विवेकानन्द अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है जो रायपुर से करीब 80 किलोमीटर दूर है।

– मनीषा परिहार, भोपाल

About The Author

admin

See author's posts

465

Related

Continue Reading

Previous: अमेरिकी संग्रहालय में आज भी सुरक्षित है ज्ञानवापी का सच
Next: मृत्यु के उपरान्त जीवन परम्परा

Related Stories

shankracharya ji
  • अध्यात्म
  • धर्मस्थल
  • विशेष
  • श्रद्धा-भक्ति

शंकराचार्य जी चार धाम शीतकालीन यात्रा में होंगे सम्मिलित

admin 3 December 2024
JOGULAMBA SHAKTIPEETH TEMPLE
  • तीर्थ यात्रा
  • धर्मस्थल
  • विशेष

जोगुलम्बा शक्तिपीठ मंदिर: कब जायें, कैसे जायें, कहां ठहरें?

admin 25 November 2024
PRAMOD VINAYAK TEMPLE IN KASHI
  • धर्मस्थल
  • विशेष
  • षड़यंत्र

काशी के छप्पन विनायकों में से एक थे प्रमोद विनायक, लेकिन अब…

admin 13 July 2024

Trending News

कन्या के नामकरण को लेकर मनुस्मृति क्या कहती है? What does Manu Smriti say about the names of girls 1

कन्या के नामकरण को लेकर मनुस्मृति क्या कहती है?

9 May 2025
श्रीहरिवंशपुराण में क्या लिखा है? Harivansh Puran 2

श्रीहरिवंशपुराण में क्या लिखा है?

20 April 2025
कोई राजनीतिक दल गाय के पक्ष में नहीं, अब ये स्पष्ट हो गया है  ham vah hain jinakee pahachaan gaatr (shareer) se nahin apitu gotr (gorakshaavrat) se hai 3

कोई राजनीतिक दल गाय के पक्ष में नहीं, अब ये स्पष्ट हो गया है 

16 April 2025
‘MAAsterG’: जानिए क्या है मिशन 800 करोड़? Masterg 4

‘MAAsterG’: जानिए क्या है मिशन 800 करोड़?

13 April 2025
हम वह हैं जिनकी पहचान गात्र (शरीर) से नहीं अपितु गोत्र (गोरक्षाव्रत) से है ham vah hain jinakee pahachaan gaatr (shareer) se nahin apitu gotr (gorakshaavrat) se hai 5

हम वह हैं जिनकी पहचान गात्र (शरीर) से नहीं अपितु गोत्र (गोरक्षाव्रत) से है

30 March 2025

Total Visitor

077474
Total views : 140814

Recent Posts

  • कन्या के नामकरण को लेकर मनुस्मृति क्या कहती है?
  • श्रीहरिवंशपुराण में क्या लिखा है?
  • कोई राजनीतिक दल गाय के पक्ष में नहीं, अब ये स्पष्ट हो गया है 
  • ‘MAAsterG’: जानिए क्या है मिशन 800 करोड़?
  • हम वह हैं जिनकी पहचान गात्र (शरीर) से नहीं अपितु गोत्र (गोरक्षाव्रत) से है

  • Facebook
  • Twitter
  • Youtube
  • Instagram

Copyright ©  2019 dharmwani. All rights reserved